ऊना: हरोली उपमंडल के तहत गोंदपुर जयचंद (Industries located at Gonpur Jaichand Una) में कंबल (blanket making industry in Haroli) बनाने वाले एक उद्योग के बाहर चल रहे ग्रामीणों के धरना प्रदर्शन के खिलाफ उद्योग के कामगारों ने मोर्चा खोल दिया है. बुधवार को जहां उद्योग प्रबंधन के समर्थन में हरोली ब्लॉक इंडस्ट्रियल एसोसिएशन (Haroli Block Industrial Association) के तमाम पदाधिकारियों ने डीसी से मुलाकात की थी. वहीं, आज उद्योग कामगारों ने मोर्चा खोलते हुए डीसी के दरबार में दस्तक दे डाली. ग्रामीणों के धरना प्रदर्शन पर कामगारों ने सवालिया निशान भी उठाए हैं.
कामगारों का यह भी आरोप है कि अपनी मांग को लेकर उपायुक्त से मिलने आ रहे कुछ कामगारों को ग्रामीणों द्वारा रोका गया है उनके साथ मारपीट भी की गई है. कामगारों का कहना है कि उद्योग प्रबंधन द्वारा औद्योगिक इकाई की एक प्लांट को बंद करने का फैसला ले लिया गया है, लेकिन इसके बावजूद ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन वापस नहीं लिया जिसके चलते उनके रोजगार पर तलवार लटक गई है.
हरोली उपमंडल के गोंदपुर जयचंद स्थित एक उद्योग के बाहर चल रहे ग्रामीणों के धरना प्रदर्शन के खिलाफ उद्योग के ही कामगारों ने मोर्चा खोलते हुए डीसी दरबार पहुंचकर धरने को बंद करवाने की मांग उठाई. उपायुक्त से मिलने पहुंचे कामगारों का आरोप है कि ग्रामीणों के इस धरना प्रदर्शन के चलते उद्योग का पूरा उत्पादन बंद हो चुका है. उद्योग में काम करने वाले करीब साढे 400 कामगारों के रोजगार पर भी तलवार लटक गई है.
कामगारों का आरोप है कि 6 दिन से (Industrial Area Una) ग्रामीण लगातार उद्योग के मुख्य द्वार पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. जिसके चलते ना तो उद्योग के अंदर कच्चा माल जा पा रहा है, ना ही उद्योग में रहने वाले बाहरी राज्यों के कामगारों को बाहर आने दिया जा रहा है. डीसी से मिलने आए कामगारों ने आरोप जड़ा की उद्योग परिसर में रह रहे कामगार जब उपायुक्त से मिलने के लिए आ रहे थे तो ग्रामीणों ने उनके साथ मारपीट करते हुए उन्हें वापस उद्योग परिसर में भेज दिया.
उन्होंने कहा कि यदि इसी तरह से ग्रामीणों का धरना प्रदर्शन जारी रहा तो उनका रोजगार उनसे छिन जाएगा. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के इस दौर में बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हुए हैं, इन परिस्थितियों में भी उनके उद्योग प्रबंधन द्वारा उनकी रोजगार को सुचारू रखा गया. लेकिन अब यदि ग्रामीणों ने अपनी जिद नहीं छोड़ी तो उद्योग पूरी तरह से बंद हो जाएगा और 450 से अधिक कामगार बेरोजगार होकर सड़कों पर आ जाएंगे.
कामगारों ने दावा किया कि कंपनी प्रबंधन द्वारा औद्योगिक इकाई में हाल ही में शुरू किए गए बॉयलर प्लांट को बंद भी कर दिया गया है, इसी प्लांट से ग्रामीणों को दिक्कत भी थी. लेकिन इसके बावजूद ग्रामीण उद्योग परिसर का मुख्य द्वार नहीं छोड़ रहे, नतीजतन उद्योग में उत्पादन पूरी तरह से ठप होकर रह गया है. उन्होंने डीसी राघव शर्मा से मांग की कि ग्रामीणों के धरना प्रदर्शन को फौरन बंद करवाया जाए और उनके रोजगार को सुरक्षित किया जाए.
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