ऊना: जिला ऊना की ठेकेदार यूनियन ने प्रदेश सरकार द्वारा जीएसटी को 12 से बढ़ाकर 18 फीसदी किए जाने पर कड़ा ऐतराज जताया है. वीरवार को जिला मुख्यालय के एमसी पार्क में ठेकेदार यूनियन की अहम बैठक (contractors held meeting in una) का आयोजन किया गया. इस मौके पर ठेकेदारों ने एक स्वर में सरकार के निर्णय का विरोध करते हुए आने वाले समय में उग्र प्रदर्शन की चेतावनी दी है.
जिला ठेकेदार यूनियन के अध्यक्ष राजीव मेनन ने कहा कि एक तरफ प्रदेश सरकार बंदरबांट के जरिए टेंडर जारी कर रही है. दूसरी तरफ ठेकेदारों को काम हो जाने के बाद भी महीनों तक उनकी पेमेंट नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार के कुछ फैसले ठेकेदारों को भूखे रहने को मजबूर कर रहे हैं. ठेकेदार यूनियन ने आरोप लगाया कि इस मसले को लेकर अधिकारियों से लेकर मंत्रियों तक सब जगह हाजिरी लगा चुके हैं, लेकिन न तो उनकी सुनवाई की जा रही है और न ही उनकी समस्या का कोई हल निकाला जा रहा है.
जिला ऊना की ठेकेदार यूनियन ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का एलान कर दिया है. ठेकेदारी प्रथा के तहत होने वाले कार्यों पर प्रदेश सरकार द्वारा जीएसटी बढ़ाए जाने का फैसला यूनियन से गले नहीं उतर रहा. इतना ही नहीं काम हो जाने के महीनों बाद भी ठेकेदारों को उनके पेमेंट नहीं दिए जाने को लेकर भी यूनियन ने तल्ख तेवर दिखाए हैं.
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ऊना में ठेकेदार यूनियन की बैठक में यूनियन के अध्यक्ष राजीव मेनन ने कहा कि सरकार द्वारा जीएसटी को 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी करना (increasing gst in himachal) ठेकेदारों पर कुठाराघात है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में यूनियन द्वारा समय-समय पर अधिकारियों और सरकार के नुमाइंदों को भी अपनी समस्या बताई है, लेकिन इसके बावजूद सरकार उनकी समस्या पर बिल्कुल गंभीर दिखाई नहीं दे रही है. उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने ठेकेदारों की मांगों को अनसुना किया तो ठेकेदार यूनियन को उग्र प्रदर्शन (Contractors Protest in Himachal) करने पर मजबूर होना पड़ेगा.
राजीव मेनन ने कहा कि काम हो जाने के बावजूद महीनों तक अधिकारियों द्वारा ठेकेदारों को पेमेंट नहीं दी जा रही है, जिसके कारण ठेकेदारों को अपने परिवारों का पालन पोषण करना भी मुश्किल होता जा रहा है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार इस मसले को अनसुना करेगी तो ठेकेदारों (Contractors Association in Himachal) को सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ेगा, जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी.