ऊना: भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच वीरवार देर शाम हुई झड़प मामले को लेकर वित्त आयोग अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती प्रेस वार्ता के माध्यम से सामने आए. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा जड़े जा रहे मारपीट के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने शुरुआत की थी, जिसके चलते युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं ने भी उत्तेजित होकर जवाब दिया.
कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जमीन में गाड़े जाने के संबंध में पूछे गए सवाल को लेकर सतपाल सिंह सत्ती (Satpal Singh Satti controversial statement) ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को घर चले जाने का आह्वान किया था. वहीं, नेता प्रतिपक्ष के सहेलियों वाले बयान पर पलटवार करते हुए सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि सहेलियों की जानकारी वह भी ऊना से लेकर शिमला तक सबकी रखते हैं और यदि इस बात का खुलासा करने की नौबत आई तो बात दूर तक जाएगी.
इस मामले को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के नेता एक दूसरे पर इस लड़ाई को शुरू करने का आरोप लगा रहे हैं. शुक्रवार सुबह मामले को लेकर वित्त आयोग अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने प्रेस वार्ता करते हुए कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के तमाम आरोपों को सिरे से खारिज किया. वहीं, उन्होंने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर ही इस लड़ाई को शुरू करने का आरोप लगा दिया.
गौरतलब है कि वीरवार देर शाम हुई इस घटना के दौरान सतपाल सिंह सत्ती खुद भी घटनास्थल पर मौजूद थे. शुक्रवार सुबह सर्किट हाउस में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि मुख्यमंत्री के चंद मिनटों के जिला मुख्यालय के ठहराव के बाद युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा काले झंडे दिखाने का प्रयास किया गया, लेकिन यह प्रदेश की राजनीति में गलत रिवायत है.
उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस के कार्यकर्ता इस प्रकार की हरकतों से बाज नहीं आएंगे तो आने वाले दिनों में भाजपा के कार्यकर्ता भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का इसी तरह विरोध करना शुरू कर देंगे जो कि हिमाचल की राजनीति के लिए सही नहीं है. वहीं, सत्ती ने अपने ऊपर भाजपा कार्यकर्ताओं को उकसाने के लग रहे आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि जब मुख्यमंत्री के प्रस्थान के बाद वह अपने घर की तरफ जा रहे थे तो इंदिरा स्टेडियम के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए जाम के चलते उनकी भी गाड़ी रुक गई.
इस दौरान कार्यकर्ताओं के बीच चल रही गहमागहमी को देखने के लिए वह गाड़ी से उतरे और पूरे मामले की जानकारी हासिल की. इसके बाद पता चला कि कांग्रेस के कार्यकर्ता मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाने के लिए वहां पर आए थे, जिसे उन्होंने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को वहां से जाने के लिए ही कहा था. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आगामी दिनों में विधानसभा चुनाव (Himachal Assembly Elections 2022) आ रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस और भाजपा दोनों को विकास के मुद्दे पर चुनाव के मैदान में उतरना चाहिए.
कांग्रेस अपनी पूर्व सरकार के 5 सालों का लेखा-जोखा लेकर आए और हम भी अपने 5 सालों के उपलब्धियां लेकर जनता के बीच उतरेंगे. उसके बाद जनता को तय करना है कि किसे हिमाचल प्रदेश में सत्ता में बिठाना है और किसे विपक्ष में बैठाना है. वहीं, नेता प्रतिपक्ष के सहेली वाले बयान पर पलटवार करते हुए सत्ती ने कहा कि सहेलियों की जानकारी वह भी उना से लेकर शिमला तक सबकी रखते हैं और यदि इस बात का खुलासा करने की नौबत आई तो बात दूर तक जाएगी.
सतपाल सिंह सत्ती के खिलाफ कांग्रेस ने की कार्रवाई की मांग: प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष और जिला कांग्रेस के प्रभारी महेश्वर चौहान ने युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ हुई मारपीट की घटना की कड़ी निंदा करते हुए प्रदेश सरकार से वित्त आयोग अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती (Finance Commission Chairman Satpal Singh Satti) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. साथ ही साथ उन्होंने थाना सदर के एसएचओ को भी तुरंत प्रभाव से बर्खास्त करने की मांग उठाई.
शुक्रवार को जिला मुख्यालय के सर्किट हाउस में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए महेश्वर चौहान ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बीच बाजार लोकतंत्र की हत्या की है. वहीं, उन्होंने भाजपा नेताओं द्वारा सहेली शब्द को असंसदीय करार दिए जाने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि वित्त आयोग अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जमीन में गाड़ने की धमकी दी है तो क्या मुख्यमंत्री और अन्य भाजपाई इसे संसदीय भाषा करार देंगे. उन्होंने कहा कि इस मामले को पुलिस के समक्ष उठाया जाएगा. यदि पुलिस इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं करती तो कांग्रेस कोर्ट के माध्यम से सतपाल सिंह सत्ती के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाएगी.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसी घटनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी. महेश्वर चौहान ने कहा कि पुलिस की मौजूदगी में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर मारपीट की गई, उनके कपड़े फाड़े गए जबकि पुलिस पूरे घटनाक्रम के दौरान मूकदर्शक बनी रही. उन्होंने कहा कि पुलिस की मौजूदगी में सतपाल सिंह सत्ती ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जमीन में गाड़ने की धमकी दी, लेकिन उल्टा कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर ही इस मामले को लेकर केस दर्ज किया जा रहा है.
उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को निशाने पर लेते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री द्वारा सहेली शब्द का प्रयोग किए जाने को असंसदीय बताने वाले मुख्यमंत्री सतपाल सिंह सत्ती के शब्दों को क्या संसदीय करार देंगे. उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस की शिकायत पर पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई तो इस मामले को अदालत तक लेकर जाया जाएगा.
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