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नौकरी से निकाले गए श्रमिकों की लड़ाई लड़ता है ये अधिवक्ता, सैंकड़ों को दिलवाया न्याय

रफ्तार पकड़ती इस जिंदगी में बहुत कम लोग ही ऐसे हैं, जो दूसरों की मदद करने के लिए हमेशा आगे रहते हैं. सोलन के जगदीश भारद्वाज (Solan Advocate Jagdish Bhardwaj) भी ऐसी ही शख्सियतों में से एक हैं. जगदीश पेशे से एक वकील हैं. वहीं, दूसरी तरफ जगदीश एटक के प्रदेशाध्यक्ष भी हैं. जहां वे समय-समय पर सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाते रहते हैं.

Solan Advocate Jagdish Bhardwaj
अधिवक्ता जगदीश भारद्वाज.
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Published : Apr 10, 2022, 5:15 PM IST

Updated : Apr 11, 2022, 6:45 PM IST

सोलन: रफ्तार पकड़ती इस जिंदगी में बहुत कम लोग ही ऐसे हैं, जो दूसरों की मदद करने के लिए हमेशा आगे रहते हैं. सोलन के जगदीश भारद्वाज (Solan Advocate Jagdish Bhardwaj) भी ऐसी ही शख्सियतों में से एक हैं. जगदीश पेशे से एक वकील हैं. वहीं, दूसरी तरफ जगदीश एटक के प्रदेशाध्यक्ष भी हैं. जहां वे समय-समय पर प्रदेश सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाते रहते हैं. आज तक के अपने जीवन काल में जगदीश भारद्वाज ने सैकड़ों लोगों को नौकरी से निकाले जाने के बाद उन्हें दोबारा रोजगार दिलवाया है.

जगदीश भारद्वाज कहते हैं कि आज तक का उनका सफर संघर्षों भरा रहा है. हिमाचल प्रदेश के अंदर उन्होंने सैकड़ों लोगों को लेबर कोर्ट, इंडस्ट्री ट्रिब्यूनल, हाईकोर्ट से रिहैबिलिटेट करवाया है. उन्होंने कहा कि यह वह समय था, जब उन्हें बहुत मेहनत करनी पड़ी. उनके ऊपर कई बार दबाव भी पड़ा, क्योंकि राजनीति से जुड़े लोग उन पर कई बार दबाव बनाते थे. लेकिन जनता की सेवा और कर्मचारियों की आवाज उठाने का एक जुनून जो था, वह हमेशा बरकरार रहा.

अधिवक्ता जगदीश भारद्वाज.

सता की राजनीति नहीं, गरीबों के हितों की करता हूं राजनीति: भारद्वाज बताते हैं कि उन्हें राजनीति करने का विचार नहीं आया. वह हमेशा से मजदूरों और कर्मचारियों के हितों की राजनीति करते आए हैं. उन्होंने कहा कि राजनीति करने का कोई भी विचार उनके मन मे नहीं था और न ही आगे कभी रहेगा. उन्होंने कहा कि वह आज तक भी मजदूरों कर्मचारियों की आवाज उठाते आए हैं और आगे भी इसी तरह मजदूरों और कर्मचारियों के साथ खड़े रहेंगे. ताकि उनकी आवाज को कोई भी सरकार दबा न पाए.

वीरभद्र सिंह के रहे हैं करीबी, इंदिरा ने दिया था चुनाव लड़ने का ऑफर: जगदीश भारद्वाज पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह (Former CM Himachal virbhadra singh) के भी करीब रह चुके हैं. उन्होंने कहा कि जब भी वीरभद्र सिंह उन्हें चुनाव के समय उनकी मदद के लिए कहते थे, तो वह हमेशा उनकी बात मानते थे. वहीं, इंदिरा गांधी ने भी उन्हें सोलन विधानसभा सीट (Solan assembly seat) से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया था, लेकिन उनका एकमात्र लक्ष्य मजदूरों और कर्मचारियों की आवाज को बुलंद करना था, जो कि वे आज भी कर रहे हैं.

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सोलन: रफ्तार पकड़ती इस जिंदगी में बहुत कम लोग ही ऐसे हैं, जो दूसरों की मदद करने के लिए हमेशा आगे रहते हैं. सोलन के जगदीश भारद्वाज (Solan Advocate Jagdish Bhardwaj) भी ऐसी ही शख्सियतों में से एक हैं. जगदीश पेशे से एक वकील हैं. वहीं, दूसरी तरफ जगदीश एटक के प्रदेशाध्यक्ष भी हैं. जहां वे समय-समय पर प्रदेश सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाते रहते हैं. आज तक के अपने जीवन काल में जगदीश भारद्वाज ने सैकड़ों लोगों को नौकरी से निकाले जाने के बाद उन्हें दोबारा रोजगार दिलवाया है.

जगदीश भारद्वाज कहते हैं कि आज तक का उनका सफर संघर्षों भरा रहा है. हिमाचल प्रदेश के अंदर उन्होंने सैकड़ों लोगों को लेबर कोर्ट, इंडस्ट्री ट्रिब्यूनल, हाईकोर्ट से रिहैबिलिटेट करवाया है. उन्होंने कहा कि यह वह समय था, जब उन्हें बहुत मेहनत करनी पड़ी. उनके ऊपर कई बार दबाव भी पड़ा, क्योंकि राजनीति से जुड़े लोग उन पर कई बार दबाव बनाते थे. लेकिन जनता की सेवा और कर्मचारियों की आवाज उठाने का एक जुनून जो था, वह हमेशा बरकरार रहा.

अधिवक्ता जगदीश भारद्वाज.

सता की राजनीति नहीं, गरीबों के हितों की करता हूं राजनीति: भारद्वाज बताते हैं कि उन्हें राजनीति करने का विचार नहीं आया. वह हमेशा से मजदूरों और कर्मचारियों के हितों की राजनीति करते आए हैं. उन्होंने कहा कि राजनीति करने का कोई भी विचार उनके मन मे नहीं था और न ही आगे कभी रहेगा. उन्होंने कहा कि वह आज तक भी मजदूरों कर्मचारियों की आवाज उठाते आए हैं और आगे भी इसी तरह मजदूरों और कर्मचारियों के साथ खड़े रहेंगे. ताकि उनकी आवाज को कोई भी सरकार दबा न पाए.

वीरभद्र सिंह के रहे हैं करीबी, इंदिरा ने दिया था चुनाव लड़ने का ऑफर: जगदीश भारद्वाज पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह (Former CM Himachal virbhadra singh) के भी करीब रह चुके हैं. उन्होंने कहा कि जब भी वीरभद्र सिंह उन्हें चुनाव के समय उनकी मदद के लिए कहते थे, तो वह हमेशा उनकी बात मानते थे. वहीं, इंदिरा गांधी ने भी उन्हें सोलन विधानसभा सीट (Solan assembly seat) से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया था, लेकिन उनका एकमात्र लक्ष्य मजदूरों और कर्मचारियों की आवाज को बुलंद करना था, जो कि वे आज भी कर रहे हैं.

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Last Updated : Apr 11, 2022, 6:45 PM IST
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