सोलन : आज सोलन के ठोडो मैदान में कांग्रेस की रैली है. इस रैली में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी शिरकत करेंगी. आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस की ये पहली बड़ी रैली होगी, जहां से प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi to address rally in Solan on Friday) और हिमाचल कांग्रेस चुनावी बिगुल फूंकेंगे. कांग्रेस की इस रैली का नाम परिवर्तन प्रतिज्ञा रैली है.
कौन-कौन शामिल होगा- कांग्रेस की परिवर्तन प्रतिज्ञा रैली में प्रियंका गांधी के अलावा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, प्रदेश कांग्रेस प्रचार समिति के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू, कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और हिमाचल प्रदेश के चुनाव प्रभारी भूपेश बघेल, सह प्रभारी गुरकीरत सिंह कोटली और राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा समेत पार्टी के कई नेता मौजूद रहेंगे. (Parivartan Pratigya Rally in solan) (Priyanka Gandhi in Solan)
शिमला संसदीय क्षेत्र की 17 सीटों पर नजर- कांग्रेस की (Priyanka Gandhi in Himachal) ये रैली शिमला लोकसभा क्षेत्र के लिए हो रही है. इस रैली के जरिये शिमला लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाली 17 विधानसभा क्षेत्रों को साधने की तैयारी है. शिमला लोकसभा क्षेत्र में सोलन और सिरमौर जिले की सभी 5-5 सीटें आती हैं, जबकि शिमला जिले की 8 में से 7 सीटें इसमें आती हैं. साल 2017 में कांग्रेस ने बीजेपी को बराबर की टक्कर दी थी. बीते चुनाव में शिमला लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाली 17 सीटों में से बीजेपी और कांग्रेस ने 8-8 सीटें जीतीं थी, जबकि एक सीट माकपा को मिली थी. कांग्रेस इस प्रदर्शन को बेहतर करना चाहेगी.
पीएम मोदी बनाम प्रियंका गांधी- हिमाचल (Priyanka Gandhi rally in Solan) में अगले महीने चुनाव होने हैं और तैयारियों के लिहाज से बीजेपी फिलहाल बैकफुट पर ही नजर आ रही है. पीएम मोदी बीते 3 हफ्ते में 4 जनसभाओं को संबोधित कर चुके हैं, जेपी नड्डा से लेकर अनुराग ठाकुर तक कई जिलों का दौरा कर चुके हैं. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस का बड़ा चेहरा पहली बार हिमाचल में जनसभा करने जा रहा है. बीजेपी की रैलियों का जवाब कांग्रेस परिवर्तन प्रतिज्ञा नाम से देने की तैयारी में है. प्रियंका गांधी को कांग्रेस हिमाचल की बेटी बताकर प्रोजेक्ट कर रही है. (Priyanka Gandhi Parivartan Pratigya Rally) (Himachal Congress Rally in Solan) (Parivartan Pratigya Rally in solan)
बीजेपी का मिशन रिपीट और कांग्रेस की तैयारी- हिमाचल में साल 1985 के बाद से कोई सरकार रिपीट नहीं हुई है, हर 5 साल में सत्ता कांग्रेस और बीजेपी के पाले में आती-जाती रही है. लेकिन बीजेपी इस बार मिशन रिपीट, जबकि कांग्रेस सत्ता में वापसी का दावा कर रही है. तैयारी के लिहाज से बीजेपी कांग्रेस से आगे नजर आ रही है और इसके लिए खुद कांग्रेस ही जिम्मेदार है.
कांग्रेस के पास मुद्दों की भरमार- आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के पास मुद्दों की भरमार है इसलिये पार्टी ने अगस्त में ही हिमाचल की जनता के सामने 10 गारंटियां रख दीं, जिन्हें सरकार बनने के बाद पूरा किया जाए. इन गारंटियों के जरिये कांग्रेस ने हिमाचल के कर्मचारी से लेकर युवाओं और महिलाओं से लेकर बागवानों तक को साधने की कोशिश की है. ओपीएस को कांग्रेस ने सबसे बड़ा मुद्दा बनाया है और सरकार बनते ही कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल करने का वादा किया है. कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने से लेकर बेरोजगार युवाओं को रोजगार और 18 से 60 साल की महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये देने का ऐलान कर दिया है. मुद्दों को लेकर भले कांग्रेस ने बीजेपी को घेरने की कोशिश की हो लेकिन कांग्रेस भी जानती है कि सिर्फ मुद्दों के सहारे ही जीत का परचम नहीं लहराया जा सकता. बीजेपी के मुताबिक कांग्रेस की सभी गारंटियां बेबुनियाद है जिन्हें पूरा नहीं किया जा सकता. बीजेपी ने कांग्रेस से पूछा है कि इन गारंटियों को लागू करने के लिए पैसा कहां से आएगा. जबकि प्रदेश पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ रहा है. ये बात और है कि कांग्रेस भी कर्ज को लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना साधती रही है.
अपने ही बढ़ा रहे हैं कांग्रेस की मुश्किल- चुनाव से पहले कांग्रेस में भगदड़ चल रही है. पूर्व विधायकों से लेकर दो-दो कार्यकारी अध्यक्ष तक कांग्रेस का हाथ छोड़ चुके हैं. पार्टी छोड़ने वाले नेताओं ने कांग्रेस की कार्यप्रणाल पर सवाल उठाए हैं. पार्टी गुटों में बंटी हुई है, जिसके कारण प्रदेश में कोई एक सर्वमान्य चेहरा नहीं है. पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह के चेहरे पर कांग्रेस को चुनाव लड़ना पड़ रहा है और विरोधी इसे मुद्दा बना रहे हैं. एकजुटता की कमी के कारण टिकट बंटवारे पर करीब एक महीने से माथापच्ची चल रही है.
कुल मिलाकर आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के सामने चुनौतियों का अंबार खड़ा है और ये चुनौतियां विरोधियों से ज्यादा अपनों द्वारा खड़ी की गई है. हिमाचल में बीजेपी का सरकार रिपीट करेगी या कांग्रेस सत्ता में वापसी करेगी. ये तो वक्त बताएगा लेकिन फिलहाल कांग्रेस ने भी परिवर्तन प्रतिज्ञा के जरिये चुनावी ताल ठोकने की तैयारी कर ली है.