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कुम्हारहट्टी हादसे से अभी भी सहमे हैं लोग, हर तरफ छाया है सन्नाटा

सोलन हादसे को हुए बेशक कई घंटे बीत चुके हो, लेकिन मंगलवार को यहां पर न तो कोई स्थानीय व्यक्ति दिखाई दिया और न ही कोई पर्यटक. कुमारहट्टी-नाहन नेशनल हाई-वे पर बनी चार मंजिला इमारत के तीसरे फ्लोर पर एक सहज तंदूरी ढाबा भी चलता था. यहां पर दिन में बहुत से लोग खाना खाने के लिए रुकते थे, लेकिन जब से ये हादसा हुआ तब से यहां कोई नहीं आ रहा है.

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Published : Jul 17, 2019, 7:17 PM IST

सोलन: कुमारहट्टी-नाहन नेशनल हाई-वे पर रविवार को ध्वस्त हुई चार मंजिला इमारत के बाद लोग अभी भी सहमे हुए हैं. लोगों के दिमाग से इमारत गिरने का वो मंजर हट नहीं रहा है. आलम ये है कि जगह के आसपास बने होटल, रेस्तरां व ढाबों में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है.

दरअसल हादसे को हुए बेशक कई घंटे बीत चुके हो, लेकिन मंगलवार को यहां पर न तो कोई स्थानीय व्यक्ति दिखाई दिया और न ही कोई पर्यटक. वहीं, स्थानीय लोगों ने बताया कि कुमारहट्टी-नाहन नेशनल हाई-वे पर बनी चार मंजिला इमारत के तीसरे फ्लोर पर एक सहज तंदूरी ढाबा भी चलता था. यहां पर दिन में बहुत से लोग खाना खाने के लिए रुकते थे, लेकिन जब से ये हादसा हुआ तब से यहां कोई नहीं आ रहा है.


रविवार हुए इस दर्दनाक हादसे के बाद नेशनल हाई-वे को कुछ किलोमीटर तक बंद कर दिया था और ट्रैफिक को अन्य मार्गों से डायवर्ट किया गया था. इस दौरान नाहन से सोलन की ओर आने वाले वाहनों को वाया जीरो प्वाइंट, नाहन से कुमारहट्टी व धर्मपुर आने वाले वाहनों को वाया अंहेच व चंडीगढ़ जाने वाले वाहनों को वाया भोजनगर भेजा जा रहा था, लेकिन राहत बचाव कार्य पूरा होने के बाद सोमवार को मार्ग वाहनों के लिए खोल दिया गया है.

वीडियो

बता दें कि 14 जुलाई दिन रविवार को कुमारहट्टी-नाहन नेशनल हाई-वे पर चार मंजिला इमारत ढह गई थी, जिससे 14 लोगों की मौत हो चुकी थी. इसके अलावा गाड़ियों का फ्लो अधिक रहता है और जब से कालका-शिमला नेशनल हाई-वे पांच पर फोरलेन का निर्माण कार्य चला हुआ है, तब से अधिकतर पर्यटक और अन्य लोग इसी हाई-वे का प्रयोग कर रहे हैं.

सोलन: कुमारहट्टी-नाहन नेशनल हाई-वे पर रविवार को ध्वस्त हुई चार मंजिला इमारत के बाद लोग अभी भी सहमे हुए हैं. लोगों के दिमाग से इमारत गिरने का वो मंजर हट नहीं रहा है. आलम ये है कि जगह के आसपास बने होटल, रेस्तरां व ढाबों में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है.

दरअसल हादसे को हुए बेशक कई घंटे बीत चुके हो, लेकिन मंगलवार को यहां पर न तो कोई स्थानीय व्यक्ति दिखाई दिया और न ही कोई पर्यटक. वहीं, स्थानीय लोगों ने बताया कि कुमारहट्टी-नाहन नेशनल हाई-वे पर बनी चार मंजिला इमारत के तीसरे फ्लोर पर एक सहज तंदूरी ढाबा भी चलता था. यहां पर दिन में बहुत से लोग खाना खाने के लिए रुकते थे, लेकिन जब से ये हादसा हुआ तब से यहां कोई नहीं आ रहा है.


रविवार हुए इस दर्दनाक हादसे के बाद नेशनल हाई-वे को कुछ किलोमीटर तक बंद कर दिया था और ट्रैफिक को अन्य मार्गों से डायवर्ट किया गया था. इस दौरान नाहन से सोलन की ओर आने वाले वाहनों को वाया जीरो प्वाइंट, नाहन से कुमारहट्टी व धर्मपुर आने वाले वाहनों को वाया अंहेच व चंडीगढ़ जाने वाले वाहनों को वाया भोजनगर भेजा जा रहा था, लेकिन राहत बचाव कार्य पूरा होने के बाद सोमवार को मार्ग वाहनों के लिए खोल दिया गया है.

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बता दें कि 14 जुलाई दिन रविवार को कुमारहट्टी-नाहन नेशनल हाई-वे पर चार मंजिला इमारत ढह गई थी, जिससे 14 लोगों की मौत हो चुकी थी. इसके अलावा गाड़ियों का फ्लो अधिक रहता है और जब से कालका-शिमला नेशनल हाई-वे पांच पर फोरलेन का निर्माण कार्य चला हुआ है, तब से अधिकतर पर्यटक और अन्य लोग इसी हाई-वे का प्रयोग कर रहे हैं.

Intro:कुम्हारहट्टी हादसे से अभी भी सहमे है लोग, हर तरफ छाया है सनाटा
:-हर कोई रुकता था ढाबे पर
:-एक रविवार जो काला दिन बनकर आया देश की रक्षा करने वालों पर


कुमारहट्टी-नाहन नेशनल हाई-वे पर रविवार को ध्वस्त हुई चार मंजिला इमारत के बाद लोग अभी भी सहमे हुए है। लोगों के दिलोदिमाग से इमारत के गिरने का वह मंजर दूर नहीं हो पा रहा है। इस जगह के आसपास बने होटल, रेस्तरां व ढाबों में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है। हादसे को हुए बेशक कई घण्टे बीत चुके हो लेकिन मंगलवार को यहां पर न तो कोई स्थानीय व्यक्ति दिखाई दे रहा है और न ही किसी पर्यटक का यहां रुकने का मन कर रहा है।

क्या कहना है स्थानीय लोगों का:-
स्थानीय लोगों का कहना है कि आज एक बिल्डिंग की जगह मलबा दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि हम यह सोचने पर मजबूर है कि आखिर ऐसा कैसे हुआ।

बहुत लोग रुकते थे ढाबे पर:-
कुमारहट्टी-नाहन नेशनल हाई-वे पर बनी इस चार मंजिला इमारत के तीसरे फ्लोर पर एक सहज तंदूरी ढाबा भी चलता था। यहां पर दिन में बहुत से लोग खाना खाने रुकते थे। जिस समय यह हादसा हुआ उस दौरान भी यहां पर सेना के जवान रुके हुए थे।

ट्रैफिक हुआ सुचारू:-
रविवार हुए इस दर्दनाक हादसे के बाद से नेशनल हाई-वे को कुछ किलोमीटर तक बन्द कर दिया था और ट्रैफिक को अन्य मार्गों से डायवर्ट किया था। इस दौरान नाहन से सोलन की ओर आने वाले वाहनों को वाया जीरो प्वाइंट, नाहन से कुमारहट्टी व धर्मपुर आने वाले वाहनों को वाया अंहेच व चंडीगढ़ जाने वाले वाहनों को वाया भोजनगर भेजा जा रहा था। लेकिन राहत बचाव कार्य पूरा होने के बाद सोमवार लगभग पांच बजे इसे वाहनों के लिए खोल दिया गया है।


Body:क्या कहना है स्थानीय लोगों का:-
स्थानीय लोगों का कहना है कि आज एक बिल्डिंग की जगह मलबा दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि हम यह सोचने पर मजबूर है कि आखिर ऐसा कैसे हुआ।

बहुत लोग रुकते थे ढाबे पर:-
कुमारहट्टी-नाहन नेशनल हाई-वे पर बनी इस चार मंजिला इमारत के तीसरे फ्लोर पर एक सहज तंदूरी ढाबा भी चलता था। यहां पर दिन में बहुत से लोग खाना खाने रुकते थे। जिस समय यह हादसा हुआ उस दौरान भी यहां पर सेना के जवान रुके हुए थे।

ट्रैफिक हुआ सुचारू:-
रविवार हुए इस दर्दनाक हादसे के बाद से नेशनल हाई-वे को कुछ किलोमीटर तक बन्द कर दिया था और ट्रैफिक को अन्य मार्गों से डायवर्ट किया था। इस दौरान नाहन से सोलन की ओर आने वाले वाहनों को वाया जीरो प्वाइंट, नाहन से कुमारहट्टी व धर्मपुर आने वाले वाहनों को वाया अंहेच व चंडीगढ़ जाने वाले वाहनों को वाया भोजनगर भेजा जा रहा था। लेकिन राहत बचाव कार्य पूरा होने के बाद सोमवार लगभग पांच बजे इसे वाहनों के लिए खोल दिया गया है
Conclusion:
आसपास रहते पड़ोसियों के आखों में अभी भी आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे है। बता दे कि कुमारहट्टी-नाहन नेशनल हाई-वे गाड़ियों का फ्लो अधिक रहता है और जब से कालका-शिमला नेशनल हाई-वे पांच पर फोरलेन का निर्माण कार्य चला हुआ है तब से अधिकतर पर्यटक और अन्य लोग इसी हाई-वे का प्रयोग कर रहे हैं। बड़ोग ग्राम पंचायत का गांव रुन्दन घोरों से हिमाचल की वादियों का एक बेहतर नज़ारा देखने को मिलता है और लोग कुछ समय के लिए इन वादियों का लुत्फ उठाने के लिए कुछ समय यहां बिताते हैं। लेकिन रविवार सायं करीब चार बजे हुए इस हादसे ने सोचने पर मजबूर कर दिया है और लोग भी इस हादसे से काफी डरे हुए है।

File shot:-कुम्हारहट्टी हादसा
शॉट स्पॉट:-after 3 days ऑफ कुम्हारहट्टी हादसा
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