सोलन: पीजी कॉलेज सोलन का खेल मैदान (Playground of PG College Solan) जो अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. प्रशासन खेल मैदान की सुध नहीं ले रहा है ऐसे में खिलाड़ी खुद खेल मैदान की मरम्मत करने में जुट गए हैं. इसके साथ ही प्रदेश में शिक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए प्रदेश सरकार के खिलाफ रोष भी प्रकट कर रहे हैं.
युवाओं का कहना है कि जो सरकार खेल को बढ़ावा देने के बड़े-बड़े दावे करती है और करोड़ों रुपये स्पोर्ट्स के नाम पर खर्च कर रही है. वह शिक्षण संस्थानों में नहीं पहुंच रहा है, जिसकी वजह से उनके खेल के मैदान खेलने लायक नहीं रहे हैं. छात्रों का कहना है कि इस बाबत वे कई बार प्रशासन और शासन को अवगत करवा चुके हैं, लेकिन कोई सुध नहीं ले रहा है. इसलिए वह स्वयं मैदान की मरम्मत कर रहे हैं.
रोष प्रकट करते हुए एबीवीपी सोलन कैम्पस उपाध्यक्ष देवांश सूद ने कहा कि उनके कॉलेज में बास्केट बॉल प्रतियोगिता (Basketball Competition in PG College Solan) है, लेकिन मैदान टूटे पड़े हैं, जिसके बारे में कॉलेज प्रशासन को कई बार अवगत करवाया गया. उन्होंने कहा कि फंड न होने का बहाना बना कर प्रशासन ने पल्ला झाड़ लिया गया. इसलिए उन्हें मजबूरन खुद ही मैदान की मरम्मत करनी पड़ रही है.
इसके साथ ही कैम्पस उपाध्यक्ष ने शिक्षा मंत्री से सवाल पूछते हुए कहा कि आखिर प्रदेश सरकार का स्पोर्ट्स फंड कहां जा रहा है. धरातल पर कुछ भी कार्य होता नजर नहीं आ रहा है. खेल के मैदानों के हाल बद से बदतर हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि अक्सर कॉलेज के मैदान में खेलते हुए खिलाड़ी चोटिल हो जाते हैं. अब तो खिलाड़ी भी मैदान में खेलने से डरते हैं. ऐसे में उनकी खेल प्रतिभा चोटिल होने के डर से दम तोड़ रही है.
गौर रहे कि यह वही कॉलेज है जहां से शिमला सिरमौर और सोलन के छात्र उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद उच्च पदों पर आसीन हैं. यहां तक कि कई विद्यार्थी वर्तमान समय में राजनीति में भी शीर्ष के नेताओं में गिने जाते हैं, लेकिन उसके बावजूद भी न सरकार और न ही अधिकारी इस ओर कोई ध्यान दे रहे हैं. ऐसे में इसका खामियाजा खिलाड़ियों को भुगतना पड़ रहा है.