सोलन: हिमाचल की पहली 100 प्रतिशत प्राकृतिक किसान उत्पादक कंपनी (Himachal first farmer producer company) ने सेब की पहली खेप को शुक्रवार को दिल्ली में खरीदारों के लिए रवाना (FPC sent first batch of apples to Delhi) किया. जिसे डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी में हिमाचल प्रदेश के कृषि सचिव राकेश कंवर ने चौपाल नेचुरल्स एफपीसी के दो वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. एफपीसी के सदस्य के साथ-साथ नौणी विवि के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल और प्राकृतिक कृषि खुशहाल किसान योजना के राज्य परियोजना निदेशक नरेश ठाकुर इस मौके पर उपस्थित रहे.
किसानों के साथ एक संवाद सत्र के दौरान कृषि सचिव ने कहा कि प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के एफपीसी का पंजीकरण पारस्परिक रूप से लाभकारी उत्पादक-उपभोक्ता संबंध स्थापित करने की दिशा में एक कदम है. हालांकि, किसानों के सामने पेशेवर दृष्टिकोण के साथ एफपीसी चलाने के लिए अब एक कठिन काम है.उन्होंने कहा कि सरकार शुरू में उनका समर्थन कर सकती है, लेकिन आखिरकार किसानों को सरकार पर अपनी निर्भरता कम करनी होगी और सफल बिजनेस मॉडल बनाने के लिए अपनी क्षमता को बढ़ाना होगा
राकेश कंवर ने कहा कि हाल ही में नाबार्ड के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जो प्रारंभिक वर्षों के दौरान एफपीसी को कुछ सहायता प्रदान करने में मदद करेगा. नरेश ठाकुर ने प्राकृतिक उत्पादों के विपणन के लिए एक मंच पर एक साथ आने के लिए किसानों को बधाई दी (Himachal first farmer producer company) और कहा कि ऐसे 10 एफपीसी घटित करने का लक्ष्य है. उन्होंने एफपीसी को आश्वासन दिया कि राज्य परियोजना कार्यान्वयन इकाई शुरू में उन्हें लॉजिस्टिक्स और तकनीकी जानकारी के साथ समर्थन करेगी. उन्होंने कहा कि किसानों को सफल व्यवसायी में बदलने की दिशा में एक यह कदम है.
उन्होंने कहा कि यदि किसान निजी भूमि उपलब्ध करवा सकते हैं तो प्राकृतिक उपज के संग्रह केंद्रों पर काम किया जा सकता है. इस अवसर पर प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने कहा कि विश्वविद्यालय किसानों के नेतृत्व वाले उत्पादक संगठनों को सभी तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए तैयार (farmer producer company in himachal) है. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय का खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग चौपाल नेचुरल्स एफपीसी द्वारा लाए गए निम्न-श्रेणी के सेब का जूस और अन्य मूल्य वर्धित उत्पादों बनाने में मदद कर रहा है. प्रोफेसर चंदेल ने कहा कि विश्वविद्यालय एफपीसी के लिए विश्वविद्यालय द्वारा पहले से विकसित प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके सेब और अन्य फलों से उत्पादों की एक श्रृंखला विकसित करने की दिशा में काम करेगा.
राकेश कंवर ने सोलन और पच्छाद के नव स्थापित एफपीसी को उनके उद्यम को सफल बनाने के लिए सभी तकनीकी मार्गदर्शन का भी आश्वासन दिया. इससे पहले, खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. देविना वैद्य ने विभिन्न तकनीकों के बारे में बात की, जिनका उपयोग एफपीसी (farmer producer company) की विविध उत्पाद रेंज बनाने के लिए किया जा सकता है. चौपाल नेचुरल्स एफपीसी के अध्यक्ष विनोद मेहता ने कहा कि कंपनी विभिन्न क्षेत्रों के प्राकृतिक खेती कर रहे किसानों को अपना सदस्य बनाने और सेब के साथ-साथ विभिन्न फलों और सब्जियों में जाने का लक्ष्य रखेगी ताकि खरीदारों को पूरे वर्ष प्राकृतिक उत्पाद उपलब्ध करवाया जा सके.
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