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हिमाचल में एम फॉर्म विवाद: प्रदेश में ठेकेदारों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू, कैसे होगा अब काम ?

हिमाचल प्रदेश में सरकारी विभागों के अधीन किए जा रहे निर्माण कार्यों में एम फॉर्म लगाने के सरकार के फैसले का ठेकेदार (M Form dispute in Himachal) विरोध कर रहे हैं. इसी कारण 7 जनवरी यानि सोमवार से प्रदेशभर में ठेकेदारों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल (Himachal Contractors On Strike) शुरू कर दी है.

M Form dispute in Himachal
हिमाचल में एम फॉर्म विवाद
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Published : Feb 7, 2022, 2:53 PM IST

Updated : Feb 7, 2022, 2:58 PM IST

सोलन: सोमवार को पूरे प्रदेश में ठेकेदारों द्वारा सभी सरकारी निर्माण कार्य रोक दिए गए हैं. ठेकेदारों द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी सरकार को दी गई है. सरकारी विभागों के अधीन किए जा रहे निर्माण कार्यों में एम फॉर्म लगाने का फैसला सुनाकर सरकार ने ठेकेदारों की परेशानी बढ़ा दी है. ठेकेदारों का (M Form dispute in Himachal) करोड़ों का भुगतान एम फॉर्म की वजह से लटक गया है. सोलन में भी करीब 500 से ज्यादा ठेकेदार हैं जो पीडब्ल्यूडी विभाग के कार्यो के कॉन्ट्रैक्ट लेते हैं. वहीं, इस हड़ताल से सरकारी कार्य निश्चित (Himachal Contractors On Strike) रूप से प्रभावित होंगे.

जिले में अर्की, कसौली, सोलन और नालागढ़ डिवीजन के बहुत से ऐसे सरकारी काम हैं जो ठेकेदारों द्वारा किए जाने हैं. वहीं, जिला सोलन पीडब्ल्यूडी कॉन्ट्रैक्ट एसोसिएशन के प्रधान हितेंद्र ठाकुर ने बताया कि सरकार ने सरकारी विभागों के अधीन किए जा रहे निर्माण कार्यों में एम फॉर्म लगाने का फैसला सुनाकर (M Form dispute in Himachal) ठेकेदारों की परेशानी बढ़ा दी है. ठेकेदारों का करोड़ों का भुगतान एम फॉर्म की वजह से लटक गया है. वहीं, निर्माण कार्य पूरा करने के उपरांत भी ठेकेदारों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है.

हिमाचल में एम फॉर्म विवाद

ठेकेदार लोक निर्माण विभाव सहित (Himachal Contractors On Strike) अन्य विभागों को पहले भी रॉयल्टी दे रहे थे. ऐसे में एम फॉर्म लगाने का नियम लागू करके सरकार ने ठेकेदारों पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया है. हालांकि, एम फॉर्म से ठेकेदारों का कोई लेना-देना नहीं है. उद्योग विभाग यह फॉर्म निर्माण सामग्री बेचने वाले कारोबारियों को जारी करता है. एम फॉर्म के बदले में ठेकेदारों से मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं जबकि, काम करने वाले ठेकेदारों को अपने भुगतान के लिए विभाग के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.


वहीं, जब विभाग के पास जब ठेकेदार अपने भुगतान के लिए जाते हैं तो वहां पर सरकार के आदेशों का हवाला दिया जाता है. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मामले पर कोई फैसला नहीं लिया जिसके बाद 7 फरवरी से पूरे प्रदेश के ठेकेदारों ने निर्माण कार्य रोक अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में ठेकेदारों के अधीन करीब पांच लाख लोग काम करते हैं, जिनके वेतन का भुगतान करने में ठेकेदारों को परेशानी हो रही है. उन्होंने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि उनकी समस्या का जल्द समाधान किया जाए. वहीं, कांग्रेस द्वारा ठेकेदारों की मांग का समर्थन करने को लेकर हितेंद्र ने बताया कि कांग्रेस चुनावी साल में मुद्दा भुनाने की कोशिश कर रही है.

बता दें कि जिले के चारों डिवीजन में करीब 40 से 50 ऐसे सरकारी कार्य चल हुए हैं, जिनकी लागत करीब 50 से 60 करोड़ रुपये हैं. जिनमें सड़कें, सरकारी भवन शामिल हैं, लेकिन ठेकेदारों की हड़ताल से कहीं न कहीं ये कार्य प्रभावित होने वाले हैं. वहीं, दूसरी तरफ ये कार्य समय से पूरा न होने पर आम जनता भी प्रभावित होगी.

वहीं, जब ठेकेदारों की हड़ताल को (Himachal Contractors On Strike) लेकर एस ई पीडब्ल्यूडी सोलन सुरेंद्र जगोता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी तक ठेकेदारों की हड़ताल को लेकर उनके ध्यान में कोई मामला नहीं आया है. वहीं, एक्सईएन पीडब्ल्यूडी सोलन अरविंद शर्मा ने कहा कि हड़ताल को लेकर उनके ध्यान में कोई मामला नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर ठेकेदार हड़ताल कर रहे हैं तो निश्चित तौर पर काम प्रभावित होने वाले हैं.

हमीरपुर में भी ठेकेदारों की हड़ताल- प्रदेश सरकार द्वारा ठेकेदारों को समय पर काम का भुगतान न किए जाने के विरोध में सोमवार को हमीरपुर में ठेकेदार हड़ताल पर चले गए हैं. ठेकेदारों ने लोकनिर्माण विभाग और आईपीएच विभाग का काम पूर्णतया बन्द कर दिया है. ठेकेदार यूनियन ने सोमवार को अतिरिक्त दंडाधिकारी हमीरपुर के माध्यम से सरकार को एक ज्ञापन भी सौंपा. ठेकेदारों की काम रोको हड़ताल से जिला भर में विकास कार्यों में गतिरोध पैदा हो गया है. यदि यह हड़ताल जारी रहती है तो विकास कार्य बुरी तरह से प्रभावित होंगे.

Himachal Contractors On Strike
हिमाचल में एम फॉर्म विवाद

ठेकेदार यूनियन के अध्यक्ष एन के शर्मा का कहना है कि सभी क्लास के ठेकेदारों ने सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ साल से सरकार से आग्रह किया जा रहा है कि एम फॉर्म और एक्स फॉर्म की प्रक्रिया को सरल किया जाए. इसी मुद्दे को लेकर उन्होंने हाल ही में मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान उन्हें अवगत करवाया था, लेकिन सरकार द्वारा इस ओर कोई खास ध्यान नहीं दिया गया. मजबूर अब इन्हें अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लेना पड़ा है.

ये भी पढ़ें: रुमित ठाकुर की गिरफ्तारी पर सवर्ण समाज का फूटा गुस्सा, नाहन पुलिस स्टेशन का किया घेराव

सोलन: सोमवार को पूरे प्रदेश में ठेकेदारों द्वारा सभी सरकारी निर्माण कार्य रोक दिए गए हैं. ठेकेदारों द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी सरकार को दी गई है. सरकारी विभागों के अधीन किए जा रहे निर्माण कार्यों में एम फॉर्म लगाने का फैसला सुनाकर सरकार ने ठेकेदारों की परेशानी बढ़ा दी है. ठेकेदारों का (M Form dispute in Himachal) करोड़ों का भुगतान एम फॉर्म की वजह से लटक गया है. सोलन में भी करीब 500 से ज्यादा ठेकेदार हैं जो पीडब्ल्यूडी विभाग के कार्यो के कॉन्ट्रैक्ट लेते हैं. वहीं, इस हड़ताल से सरकारी कार्य निश्चित (Himachal Contractors On Strike) रूप से प्रभावित होंगे.

जिले में अर्की, कसौली, सोलन और नालागढ़ डिवीजन के बहुत से ऐसे सरकारी काम हैं जो ठेकेदारों द्वारा किए जाने हैं. वहीं, जिला सोलन पीडब्ल्यूडी कॉन्ट्रैक्ट एसोसिएशन के प्रधान हितेंद्र ठाकुर ने बताया कि सरकार ने सरकारी विभागों के अधीन किए जा रहे निर्माण कार्यों में एम फॉर्म लगाने का फैसला सुनाकर (M Form dispute in Himachal) ठेकेदारों की परेशानी बढ़ा दी है. ठेकेदारों का करोड़ों का भुगतान एम फॉर्म की वजह से लटक गया है. वहीं, निर्माण कार्य पूरा करने के उपरांत भी ठेकेदारों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है.

हिमाचल में एम फॉर्म विवाद

ठेकेदार लोक निर्माण विभाव सहित (Himachal Contractors On Strike) अन्य विभागों को पहले भी रॉयल्टी दे रहे थे. ऐसे में एम फॉर्म लगाने का नियम लागू करके सरकार ने ठेकेदारों पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया है. हालांकि, एम फॉर्म से ठेकेदारों का कोई लेना-देना नहीं है. उद्योग विभाग यह फॉर्म निर्माण सामग्री बेचने वाले कारोबारियों को जारी करता है. एम फॉर्म के बदले में ठेकेदारों से मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं जबकि, काम करने वाले ठेकेदारों को अपने भुगतान के लिए विभाग के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.


वहीं, जब विभाग के पास जब ठेकेदार अपने भुगतान के लिए जाते हैं तो वहां पर सरकार के आदेशों का हवाला दिया जाता है. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मामले पर कोई फैसला नहीं लिया जिसके बाद 7 फरवरी से पूरे प्रदेश के ठेकेदारों ने निर्माण कार्य रोक अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में ठेकेदारों के अधीन करीब पांच लाख लोग काम करते हैं, जिनके वेतन का भुगतान करने में ठेकेदारों को परेशानी हो रही है. उन्होंने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि उनकी समस्या का जल्द समाधान किया जाए. वहीं, कांग्रेस द्वारा ठेकेदारों की मांग का समर्थन करने को लेकर हितेंद्र ने बताया कि कांग्रेस चुनावी साल में मुद्दा भुनाने की कोशिश कर रही है.

बता दें कि जिले के चारों डिवीजन में करीब 40 से 50 ऐसे सरकारी कार्य चल हुए हैं, जिनकी लागत करीब 50 से 60 करोड़ रुपये हैं. जिनमें सड़कें, सरकारी भवन शामिल हैं, लेकिन ठेकेदारों की हड़ताल से कहीं न कहीं ये कार्य प्रभावित होने वाले हैं. वहीं, दूसरी तरफ ये कार्य समय से पूरा न होने पर आम जनता भी प्रभावित होगी.

वहीं, जब ठेकेदारों की हड़ताल को (Himachal Contractors On Strike) लेकर एस ई पीडब्ल्यूडी सोलन सुरेंद्र जगोता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी तक ठेकेदारों की हड़ताल को लेकर उनके ध्यान में कोई मामला नहीं आया है. वहीं, एक्सईएन पीडब्ल्यूडी सोलन अरविंद शर्मा ने कहा कि हड़ताल को लेकर उनके ध्यान में कोई मामला नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर ठेकेदार हड़ताल कर रहे हैं तो निश्चित तौर पर काम प्रभावित होने वाले हैं.

हमीरपुर में भी ठेकेदारों की हड़ताल- प्रदेश सरकार द्वारा ठेकेदारों को समय पर काम का भुगतान न किए जाने के विरोध में सोमवार को हमीरपुर में ठेकेदार हड़ताल पर चले गए हैं. ठेकेदारों ने लोकनिर्माण विभाग और आईपीएच विभाग का काम पूर्णतया बन्द कर दिया है. ठेकेदार यूनियन ने सोमवार को अतिरिक्त दंडाधिकारी हमीरपुर के माध्यम से सरकार को एक ज्ञापन भी सौंपा. ठेकेदारों की काम रोको हड़ताल से जिला भर में विकास कार्यों में गतिरोध पैदा हो गया है. यदि यह हड़ताल जारी रहती है तो विकास कार्य बुरी तरह से प्रभावित होंगे.

Himachal Contractors On Strike
हिमाचल में एम फॉर्म विवाद

ठेकेदार यूनियन के अध्यक्ष एन के शर्मा का कहना है कि सभी क्लास के ठेकेदारों ने सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ साल से सरकार से आग्रह किया जा रहा है कि एम फॉर्म और एक्स फॉर्म की प्रक्रिया को सरल किया जाए. इसी मुद्दे को लेकर उन्होंने हाल ही में मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान उन्हें अवगत करवाया था, लेकिन सरकार द्वारा इस ओर कोई खास ध्यान नहीं दिया गया. मजबूर अब इन्हें अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लेना पड़ा है.

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Last Updated : Feb 7, 2022, 2:58 PM IST
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