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पुरानी पेंशन बहाल नहीं कर सकते तो राजभवन जाकर इस्तीफा दें CM जयराम ठाकुर : राजन सुशांत

पुरानी पेंशन बहाली को लेकर पूर्व सांसद राजन सुशांत ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इस दौरान उन्होंने कर्मचारियों के 2003 के बाद शुरू की गई नई पेंशन स्कीम को बंद करने और पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल की मांग की है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांगों को पूरा नहीं कर सकते हैं, तो राजभवन में जाकर मुख्यमंत्री त्यागपत्र दे दे.

Former MP Rajan Sushant on Old pension scheme in solan
पूर्व सांसद राजन सुशांत
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Published : Oct 7, 2020, 4:23 PM IST

सोलनः पुरानी पेंशन बहाली को लेकर पूर्व सांसद राजन सुशांत ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसी के चलते बुधवार को सोलन डीसी ऑफिस के बाहर कर्मचारी संघ के नेताओं के साथ बैठकर यह राजन सुशांत ने धरना प्रदर्शन किया.

इस दौरान उन्होंने कर्मचारियों के 2003 के बाद शुरू की गई नई पेंशन स्कीम को बंद करने और पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल की मांग की है. उन्होंने कहा कि जब मजदूरों, कर्मचारियों, दुकानदारों, बागवानों, किसान और विस्थापितों के हितों की बात आती हैं, तो सरकार आर्थिक हालात हवाला देती है. विधायकों सांसदों की सैलरी 2,00000 से भी अधिक है और हर साल सैलरी बढ़ाने को लेकर 2 मिनट में विधानसभा में प्रस्ताव पास कर देते हैं, लेकिन आम जनता की बारी में खजाना खाली हो जाता है.

Former MP Rajan Sushant on Old pension scheme in solan
एनपीएस कर्मचारियों का प्रदर्शन

विधायकों को भी एनपीएस के तहत दी जाए पेंशन

उन्होंने कहा कि सरकारी विभाग के न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी की तर्ज पर ही जनवरी 2004 के बाद विधायक सांसद बने नेताओं को भी पेंशन लागू करने की मांग पूर्व सांसद राजन सुशांत ने उठाई, जिस प्रकार से कर्मचारियों पर स्कीम को लागू किया है. उसी तरह पूर्व सांसद व विधायकों पर भी लागू किया जाए.

Former MP Rajan Sushant on Old pension scheme in solan
एनपीएस कर्मचारियों का प्रदर्शन

कर्मचारियों और नेताओं के लिए भी हो पेंशन की एक स्कीम

राजन सुशांत ने कहा कि जब देश के लिए नारा लगा एक संविधान एक विधान तो इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरा किया. इसी के चलते कर्मचारियों के लिए भी एक ही पेंशन होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2 लाख कर्मचारी सेवारत है और डेढ़ लाख कर्मचारी पेंशन भोगी हैं. 2003 में नोटिफिकेशन हुई थी और 2004 में जो कर्मचारी सेवा में हैं, उनके लिए पुरानी पेंशन बंद कर दी गई और नई पेंशन स्कीम शुरू कर दी गई थी.

वीडियो रिपोर्ट

मनरेगा की दिहाड़ी से कम मिल रही न्यू पेंशन स्कीम

राजन सुशांत ने कहा कि पुरानी पेंशन में अगर किसी का वेतन 50,000 है तो उससे 25,000 रुपये पेंशन मिलती है, जबकि नई स्कीम में यह पेंशन 2500 से मिल रही है या वेतन का 10% मिल रहा है. ऐसे में कर्मचारियों को मनरेगा की दिहाड़ी से भी कम पेंशन मिल रही है. राजन सुशांत ने कहा कि कोरोना काउंट में मुख्यमंत्री मंत्री फिजूलखर्ची बंद करें. अन्यथा जनता को लामबंद कर के सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ा जाएगी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांगों को पूरा नहीं कर सकते हैं, तो राजभवन में जाकर मुख्यमंत्री त्यागपत्र दे दें.

सोलनः पुरानी पेंशन बहाली को लेकर पूर्व सांसद राजन सुशांत ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसी के चलते बुधवार को सोलन डीसी ऑफिस के बाहर कर्मचारी संघ के नेताओं के साथ बैठकर यह राजन सुशांत ने धरना प्रदर्शन किया.

इस दौरान उन्होंने कर्मचारियों के 2003 के बाद शुरू की गई नई पेंशन स्कीम को बंद करने और पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल की मांग की है. उन्होंने कहा कि जब मजदूरों, कर्मचारियों, दुकानदारों, बागवानों, किसान और विस्थापितों के हितों की बात आती हैं, तो सरकार आर्थिक हालात हवाला देती है. विधायकों सांसदों की सैलरी 2,00000 से भी अधिक है और हर साल सैलरी बढ़ाने को लेकर 2 मिनट में विधानसभा में प्रस्ताव पास कर देते हैं, लेकिन आम जनता की बारी में खजाना खाली हो जाता है.

Former MP Rajan Sushant on Old pension scheme in solan
एनपीएस कर्मचारियों का प्रदर्शन

विधायकों को भी एनपीएस के तहत दी जाए पेंशन

उन्होंने कहा कि सरकारी विभाग के न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी की तर्ज पर ही जनवरी 2004 के बाद विधायक सांसद बने नेताओं को भी पेंशन लागू करने की मांग पूर्व सांसद राजन सुशांत ने उठाई, जिस प्रकार से कर्मचारियों पर स्कीम को लागू किया है. उसी तरह पूर्व सांसद व विधायकों पर भी लागू किया जाए.

Former MP Rajan Sushant on Old pension scheme in solan
एनपीएस कर्मचारियों का प्रदर्शन

कर्मचारियों और नेताओं के लिए भी हो पेंशन की एक स्कीम

राजन सुशांत ने कहा कि जब देश के लिए नारा लगा एक संविधान एक विधान तो इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरा किया. इसी के चलते कर्मचारियों के लिए भी एक ही पेंशन होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2 लाख कर्मचारी सेवारत है और डेढ़ लाख कर्मचारी पेंशन भोगी हैं. 2003 में नोटिफिकेशन हुई थी और 2004 में जो कर्मचारी सेवा में हैं, उनके लिए पुरानी पेंशन बंद कर दी गई और नई पेंशन स्कीम शुरू कर दी गई थी.

वीडियो रिपोर्ट

मनरेगा की दिहाड़ी से कम मिल रही न्यू पेंशन स्कीम

राजन सुशांत ने कहा कि पुरानी पेंशन में अगर किसी का वेतन 50,000 है तो उससे 25,000 रुपये पेंशन मिलती है, जबकि नई स्कीम में यह पेंशन 2500 से मिल रही है या वेतन का 10% मिल रहा है. ऐसे में कर्मचारियों को मनरेगा की दिहाड़ी से भी कम पेंशन मिल रही है. राजन सुशांत ने कहा कि कोरोना काउंट में मुख्यमंत्री मंत्री फिजूलखर्ची बंद करें. अन्यथा जनता को लामबंद कर के सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ा जाएगी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांगों को पूरा नहीं कर सकते हैं, तो राजभवन में जाकर मुख्यमंत्री त्यागपत्र दे दें.

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