सोलनः कोरोना माहामारी के दौरान प्रदेश में हुए स्वास्थ्य विभाग में हुए कथित घोटाले पर दून के पूर्व विधायक चौधरी राम कुमार ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है.
शनिवार को बद्दी में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह बड़े शर्म की बात है कि स्वास्थ्य विभाग में हुए खरीद घोटाले में विभाग के एक निदेशक की गिरफ्तारी के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नैतिकता के अधार पर अपने पद से इस्तीफा दे देते हैं.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार से जानना चाहती है कि आखिर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की ऐसी कौन सी नैतिकता इस घोटाले से जुड़ी हुई थी कि उन्हें निदेशक की गिरफ्तारी के बाद अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा.
विधायक चौधरी राम कुमार ने आरोप लगाया कि एक और जहां पूरा देश कोरोना जैसी महामारी के जूझ रहा था और प्रदेश के नागरिक माहामारी के दौरान भी प्रदेश सरकार के खजाने में बढ़ चढ़ कर दान कर रहे थे, लेकिन यह बहुत ही शर्म की बात है कि सरकार के कुछ नेता मुफ्त में मिले स्वास्थ्य सामान के ही फर्जी बिल बनाकर अपने जेब भरने में लगे रहे.
उन्होंने कहा कि सरकार अपने श्वेत पत्र में यह भी बताए कि उक्त स्वास्थ्य विभाग के निदेशक को सेवा विस्तार के लिए किस नेता ने सिफारिश की थी. चौधरी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी स्वास्थ्य विभाग के इस घोटाले से पर्दा उठाकर ही दम लेगी. उन्होंने सरकार पर सवाल करते हुए कहा कि बीबीएन औद्योगिक क्षेत्र में उद्योगों के श्रमिकों की जमकर अनदेखी हुई है और हजारों की तादाद में श्रमिक पैदल ही अपने अपने प्रदेश को जाने को मजबूर हुए. चौधरी ने कहा कि आज पूरे बीबीएन के उद्योग श्रमिकों की कमी से जूझ रहे हैं, जिसके लिए प्रदेश सरकार जिम्मेदार है.