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Cantonment Board Elections: कैंट बोर्ड में आगामी 6 माह के लिए फिर टले चुनाव, मनोनीत सदस्य ही संभालेंगे जिम्मा

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Published : Aug 9, 2022, 6:41 PM IST

रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव राकेश मित्तल के कार्यालय से भारत के राजपत्र में जारी अधिसूचना के अनुसार 11 अगस्त से छावनी परिषद के मनोनीत सदस्यों का कार्यकाल (Elections Postponed In 56 Cantonment Board) आगामी छह महीने तक बढ़ा दिया है. वहीं, रक्षा मंत्रालय की ओर से कैंट एक्ट में संशोधन की पूरी तैयारी कर ली है.

Cantonment Board Elections
छावनी परिषदों में टले चुनाव

कसौली/सोलन: देश की 56 छावनी परिषदों में फिर एक बार चुनाव टल गए हैं. छावनी परिषद के कुछ एरिया को स्थानीय पंचायतों और नगर निकायों में विलयकरण की तैयारी को लेकर सरकार चुनाव नहीं करवा रही है. इसके चलते देश समेत प्रदेश की 6 छावनी परिषदों में मनोनीत सदस्यों का कार्यकाल भी अगले छह माह के लिए बढ़ा दिया गया है. इससे केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त किए गए सदस्यों को (Elections Postponed In 56 Cantonment Board) ही जिम्मेदारी दी गई है. इसके लिए रक्षा मंत्रालय की ओर से आदेश भी पारित किए गए हैं.

आदेशों के अनुसार वर्तमान सदस्य ही आगामी 6 माह कार्य करेंगे. साथ ही छावनी क्षेत्र में विकासात्मक योजनाओं को लोगों तक पहुंचाएंगे. रक्षा मंत्रालय ने देश की 62 छावनी परिषदों में से 56 के लिए एक साथ आदेश पारित कर भेज दिए हैं. रक्षा मंत्रालय के पुराने आदेशों के मुताबिक छावनी परिषद में मनोनीत सदस्यों का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है. लेकिन सरकार अभी भी छावनी क्षेत्रों में चुनाव करवाने के लिए तैयार नहीं है. इसके चलते वर्तमान सदस्यों को ही आगामी कार्य के लिए नियुक्ति दे दी गई है.

रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव राकेश मित्तल के कार्यालय से भारत के (Elections Postponed In 56 Cantonment Board) राजपत्र में जारी अधिसूचना के अनुसार 11 अगस्त से छावनी परिषद के मनोनीत सदस्यों का कार्यकाल आगामी छह महीने तक बढ़ा दिया है. यही नहीं छावनी बोर्ड की बैठक में मनोनीत सदस्य को आमंत्रित करने की बात कही है. केंद्र सरकार छावनी नियमों में संशोधन कर उपाध्यक्ष सीट के लिए चुनाव होते हैं, लेकिन इन दिनों चल रही कवायद से सरकार चुनाव करवाने के मूड में नहीं है. वहीं, रक्षा मंत्रालय की ओर से कैंट एक्ट में संशोधन की पूरी तैयारी कर ली है.

ये भी पढ़ें: Himachal Assembly monsoon session: सर्वदलीय बैठक में विधानसभा अध्यक्ष ने की सहयोग की अपील

कसौली/सोलन: देश की 56 छावनी परिषदों में फिर एक बार चुनाव टल गए हैं. छावनी परिषद के कुछ एरिया को स्थानीय पंचायतों और नगर निकायों में विलयकरण की तैयारी को लेकर सरकार चुनाव नहीं करवा रही है. इसके चलते देश समेत प्रदेश की 6 छावनी परिषदों में मनोनीत सदस्यों का कार्यकाल भी अगले छह माह के लिए बढ़ा दिया गया है. इससे केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त किए गए सदस्यों को (Elections Postponed In 56 Cantonment Board) ही जिम्मेदारी दी गई है. इसके लिए रक्षा मंत्रालय की ओर से आदेश भी पारित किए गए हैं.

आदेशों के अनुसार वर्तमान सदस्य ही आगामी 6 माह कार्य करेंगे. साथ ही छावनी क्षेत्र में विकासात्मक योजनाओं को लोगों तक पहुंचाएंगे. रक्षा मंत्रालय ने देश की 62 छावनी परिषदों में से 56 के लिए एक साथ आदेश पारित कर भेज दिए हैं. रक्षा मंत्रालय के पुराने आदेशों के मुताबिक छावनी परिषद में मनोनीत सदस्यों का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है. लेकिन सरकार अभी भी छावनी क्षेत्रों में चुनाव करवाने के लिए तैयार नहीं है. इसके चलते वर्तमान सदस्यों को ही आगामी कार्य के लिए नियुक्ति दे दी गई है.

रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव राकेश मित्तल के कार्यालय से भारत के (Elections Postponed In 56 Cantonment Board) राजपत्र में जारी अधिसूचना के अनुसार 11 अगस्त से छावनी परिषद के मनोनीत सदस्यों का कार्यकाल आगामी छह महीने तक बढ़ा दिया है. यही नहीं छावनी बोर्ड की बैठक में मनोनीत सदस्य को आमंत्रित करने की बात कही है. केंद्र सरकार छावनी नियमों में संशोधन कर उपाध्यक्ष सीट के लिए चुनाव होते हैं, लेकिन इन दिनों चल रही कवायद से सरकार चुनाव करवाने के मूड में नहीं है. वहीं, रक्षा मंत्रालय की ओर से कैंट एक्ट में संशोधन की पूरी तैयारी कर ली है.

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