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कांग्रेस ने रोका था काम वरना आज बाबा रामदेव के साधुपुल प्रोजेक्ट से युवाओं को मिलता रोजगार: आशुतोष वैद्य

सोलन के साधुपुल में पंतजलि योगपीठ के नाम से एक प्रोजेक्ट शुरू किया जाना था, जिसको लेकर रोजगार के बड़े बड़े वादे भी किए गए थे, लेकिन प्रोजेक्ट शुरू न होने से भाजपा (Sadhupul Project of Solan) ने भी इस पर चिंता जाहिर की है. भाजपा जिला अध्यक्ष आशुतोष वैद्य का कहना है कि बाबा रामदेव का प्रोजेक्ट जिला सोलन के साधुपुल में बनना था, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इस प्रोजेक्ट पर विराम लगा दिया था, लेकिन जैसे ही हिमाचल की सत्ता में भाजपा आई, दोबारा से इस पर विचार किया गया और इस प्रोजेक्ट को शुरू करने की मंजूरी दी गई, लेकिन अभी तक यह प्रोजेक्ट शुरू नहीं हुआ है, जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है.

Ashutosh Vaidya on Sadhupul Project of Solan
आशुतोष वैद्य
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Published : May 23, 2022, 6:31 PM IST

सोलन: हिमाचल की सत्ता में आते ही भाजपा ने वायदा किया था कि बाबा रामदेव हिमाचल आकर सैकड़ों युवाओं को रोजगार प्रदान करेंगे, लेकिन अभी तक युवाओं को यह अवसर नहीं मिल पाया है. बता दें कि जिला सोलन के साधुपुल में पतंजलि योगपीठ (Patanjali Yogpeeth in Sadhupul) के नाम से एक प्रोजेक्ट शुरू किया जाना था, जिसको लेकर रोजगार के बड़े बड़े वादे भी किए गए थे, लेकिन प्रोजेक्ट शुरू न होने से भाजपा ने भी इस पर चिंता जाहिर की है.

भाजपा जिला अध्यक्ष आशुतोष वैद्य का कहना है कि बेरोजगारी (Sadhupul Project of Solan) एक ऐसा मुद्दा है जो कभी भी खत्म नहीं हुआ है. इंदिरा गांधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू के समय से ही यह मुद्दा ज्वलंत रहा है, लेकिन मोदी सरकार ने युवाओं को आगे बढ़ने के लिए स्वरोजगार के मौके दिए हैं. उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव का प्रोजेक्ट जिला सोलन के साधुपुल में बनना था, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इस प्रोजेक्ट पर विराम लगा दिया था, लेकिन जैसे ही हिमाचल की सत्ता में भाजपा आई, दोबारा से इस पर विचार किया गया और इस प्रोजेक्ट को शुरू करने की मंजूरी दी गई, लेकिन अभी तक यह प्रोजेक्ट शुरू नहीं हुआ है, जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि इस विषय को लेकर सरकार के समक्ष बात की जाएगी क्योंकि यदि यह प्रोजेक्ट शुरू हो जाता है तो उसे रोजगार सृजित होगा.

बता दें कि साल 2019 में साधुपुल में 93 बीघा भूमि पतंजलि योगपीठ के नाम की गई थी,भूमि को पंजीकरण करवाने लिए उस समय आचार्य बालकृष्ण कंडाघाट पहुंचे थे. इस दौरान बनाए गए एग्रीमेंट में योगपीठ को उक्त भूमि 99 वर्ष के लिए सौंप दी गई थी. जयराम सरकार से पहले कांग्रेस सरकार ने जमीन की लीज को रद्द कर दिया था, लेकिन जयराम सरकार ने सत्ता संभालते ही लीज को बहाल करने के संकेत दिए थे. साथ ही मंत्रिमंडल की बैठक की मंजूरी के बाद बाबा रामदेव के प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखा दी थी. इस दौरान ये दावा किया गया था कि प्रोजेक्ट शुरू होने से हिमाचल में रोजगार की संभावनाएं और बढ़ेंगी. स्थानीय लोगों को प्रोजेक्ट का लाभ मिलेगा. लेकिन न तो आजतक प्रोजेक्ट शुरू हो पाया है और न ही रोजगार के अवसर पैदा हो पाए हैं.

सोलन: हिमाचल की सत्ता में आते ही भाजपा ने वायदा किया था कि बाबा रामदेव हिमाचल आकर सैकड़ों युवाओं को रोजगार प्रदान करेंगे, लेकिन अभी तक युवाओं को यह अवसर नहीं मिल पाया है. बता दें कि जिला सोलन के साधुपुल में पतंजलि योगपीठ (Patanjali Yogpeeth in Sadhupul) के नाम से एक प्रोजेक्ट शुरू किया जाना था, जिसको लेकर रोजगार के बड़े बड़े वादे भी किए गए थे, लेकिन प्रोजेक्ट शुरू न होने से भाजपा ने भी इस पर चिंता जाहिर की है.

भाजपा जिला अध्यक्ष आशुतोष वैद्य का कहना है कि बेरोजगारी (Sadhupul Project of Solan) एक ऐसा मुद्दा है जो कभी भी खत्म नहीं हुआ है. इंदिरा गांधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू के समय से ही यह मुद्दा ज्वलंत रहा है, लेकिन मोदी सरकार ने युवाओं को आगे बढ़ने के लिए स्वरोजगार के मौके दिए हैं. उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव का प्रोजेक्ट जिला सोलन के साधुपुल में बनना था, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इस प्रोजेक्ट पर विराम लगा दिया था, लेकिन जैसे ही हिमाचल की सत्ता में भाजपा आई, दोबारा से इस पर विचार किया गया और इस प्रोजेक्ट को शुरू करने की मंजूरी दी गई, लेकिन अभी तक यह प्रोजेक्ट शुरू नहीं हुआ है, जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि इस विषय को लेकर सरकार के समक्ष बात की जाएगी क्योंकि यदि यह प्रोजेक्ट शुरू हो जाता है तो उसे रोजगार सृजित होगा.

बता दें कि साल 2019 में साधुपुल में 93 बीघा भूमि पतंजलि योगपीठ के नाम की गई थी,भूमि को पंजीकरण करवाने लिए उस समय आचार्य बालकृष्ण कंडाघाट पहुंचे थे. इस दौरान बनाए गए एग्रीमेंट में योगपीठ को उक्त भूमि 99 वर्ष के लिए सौंप दी गई थी. जयराम सरकार से पहले कांग्रेस सरकार ने जमीन की लीज को रद्द कर दिया था, लेकिन जयराम सरकार ने सत्ता संभालते ही लीज को बहाल करने के संकेत दिए थे. साथ ही मंत्रिमंडल की बैठक की मंजूरी के बाद बाबा रामदेव के प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखा दी थी. इस दौरान ये दावा किया गया था कि प्रोजेक्ट शुरू होने से हिमाचल में रोजगार की संभावनाएं और बढ़ेंगी. स्थानीय लोगों को प्रोजेक्ट का लाभ मिलेगा. लेकिन न तो आजतक प्रोजेक्ट शुरू हो पाया है और न ही रोजगार के अवसर पैदा हो पाए हैं.

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