सोलनः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में आईडीबीआई बैंक के अलावा दो और सरकारी बैंकों के निजीकरण का ऐलान किया था, जिसका बैंक कर्मचारी यूनियनों की ओर से लगातार विरोध किया जा रहा है, अब ये रोष हड़ताल का रूप ले रहा है.
बैंकों के निजीकरण की नीति के विरोध में बैंक की दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन सोलन में भी बैंककर्मी ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर धरना प्रदर्शन किया गया. बैंक कर्मियों का आरोप है कि केंद्र सरकार बैंकों को निजी हाथों में देकर देश की जनता की कमाई को लूट रही है.
केंद्र सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन
इसी कड़ी में सोलन में बाईपास स्थित सेंट्रल बैंक से लेकर मॉल रोड़ पर सैंकड़ो बैंक कर्मियों ने निजीकरण के विरोध में जबरदस्त प्रदर्शन किया. इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार अपने जनविरोधी नीति से बाज नहीं आई तो आने वाले समय में इस आंदोलन को और उग्र किया जाएगा.
बैंक की हड़ताल से लोग परेशान
वहीं, दूसरी और लोगों को भी बैंक की हड़ताल से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. एटीएम खाली पड़े हैं, क्योंकि बीते दो दिनों में बैंक की छुट्टियां थी, जिससे जनता में भी केंद्र सरकार के खिलाफ भारी रोष है.
अनिश्चितकाल तक हड़ताल की चेतावनी
यूनाइटेड फॉर्म में सोलन बैंक यूनियन के सचिव विजय वर्मा ने बताया कि इस आज बैंकों की हड़ताल केवल बैंक कर्मियों की ही नहीं बल्कि आम जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि आम जनता का पैसा भी बैंकों के निजीकरण के होने से सुरक्षित नहीं है. उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार अपने मंसूबों से पीछे नहीं हटी तो अनिश्चितकाल तक हड़ताल की जाएगी.
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