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सोलन में हिमाचल की पहली फूल मंडी का लोकार्पण, राज्य में केसर उत्पादन की भी तैयारी - kesar production in himachal

हिमाचल की पहली फूल मंडी (Himachal first flower market) का सोलन जिले के परवाणू में कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने लोकार्पण किया है. इस मौके पर उन्होंने कहा कि दिल्ली के बाजार में 25 प्रतिशत फूल हिमाचल से जाता है. प्रदेश के बागवान अपने फूल मंडी में विक्रय कर अच्छा लाभ अर्जित करेंगे. राज्य में केसर के उत्पादन पर कार्य किया जा रहा है. दाल चीनी के उत्पादन के लिए सोलन सहित कांगड़ा, ऊना, बिलासपुर और सिरमौर जिलों में 10 लाख पौधे रोपित किए जाएंगे.

Himachal first flower market
फोटो.
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Published : Jan 7, 2022, 6:17 PM IST

Updated : Jan 7, 2022, 6:23 PM IST

सोलन: जिले के परवाणू में निर्मित 02.50 करोड़ रुपये से निर्मित प्रदेश की पहली फूल मंडी (Himachal first flower market) का लोकार्पण शुक्रवार को कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर (Agriculture Minister Virender Kanwar) ने किया. इन दौरान उन्होंने जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि एवं बागवानी क्षेत्र प्रदेश की आर्थिकी की रीढ़ है. प्रदेश सरकार इसे सुदृढ़ बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. इस मौके पर उन्होंने टर्मिनल मंडी परवाणू में स्थित पार्किंग के 82.97 लाख रुपए की लागत से निर्मित होने वाले इंटरलाॅकिंग टाइल्स के कार्य का भी शिलान्यास किया.

कृषि मंत्री ने कहा कि वीरेंद्र कंवर ने कहा कि राज्य की 90 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और 70 प्रतिशत लोग कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों से अपनी आजीविका चलाते हैं. राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का लगभग 13.62 प्रतिशत योगदान है. उन्होंने कहा कि कृषि विपणन बोर्ड ने कोविड काल में बेहतरीन कार्य किया है. इसके फलस्वरूप प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र का योगदान बढ़कर 2 से साढ़े 3 प्रतिशत हुआ है. उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान एपीएमसी व कृषि विपणन बोर्ड के कुशल प्रबंधन से किसानों के उत्पादों को मंडियों तक समय पर पहुंचाया गया.

उन्होंने कहा कि दिल्ली के बाजार में 25 प्रतिशत पुष्प हिमाचल से जाता है. प्रदेश के बागवान अपने फूल मंडी में विक्रय कर अच्छा लाभ अर्जित करेंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश की दूसरी फूल मंडी ऊना जिले में स्थापित की जाएगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में नई कृषि मंडी के निर्माण और उसके रख रखाव पर 260 करोड़ रुपए व्यय किए जा रहे हैं.

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि राज्य में केसर के उत्पादन (kesar production in himachal) पर कार्य किया जा रहा है. दाल चीनी के उत्पादन के लिए सोलन सहित कांगड़ा, ऊना, बिलासपुर और सिरमौर जिलों में 10 लाख पौधे रोपित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में 1.50 लाख किसानों द्वारा प्राकृतिक खेती की जा रही है.


स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और आयुष मंत्री डाॅ. राजीव सैजल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कुशल नेतृत्व में अपने चार वर्ष के कार्यकाल में राज्य में विकास के कई आयाम स्थापित किए हैं. उन्होंने कहा कि कसौली में उप मण्डलाधिकारी कार्यालय एवं परवाणू में तहसील कार्यालय खुलने से क्षेत्रवासियों को व्यापक लाभ मिला है. कसौली के लिए गिरी नदी से शीघ्र ही उठाऊ पेयजल योजना के कार्य का मुख्यमंत्री से शिलान्यास करवाया जाएगा. उन्होंने कहा कि परवाणू में 30 करोड़ रुपए की लागत से सेब मंडी के निर्माण का कार्य प्रगति पर है.

ये भी पढ़ें: PMGSY works deadline extended: अब पूरे हो सकेंगे अधूरे सड़क प्रोजेक्ट

सोलन: जिले के परवाणू में निर्मित 02.50 करोड़ रुपये से निर्मित प्रदेश की पहली फूल मंडी (Himachal first flower market) का लोकार्पण शुक्रवार को कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर (Agriculture Minister Virender Kanwar) ने किया. इन दौरान उन्होंने जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि एवं बागवानी क्षेत्र प्रदेश की आर्थिकी की रीढ़ है. प्रदेश सरकार इसे सुदृढ़ बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. इस मौके पर उन्होंने टर्मिनल मंडी परवाणू में स्थित पार्किंग के 82.97 लाख रुपए की लागत से निर्मित होने वाले इंटरलाॅकिंग टाइल्स के कार्य का भी शिलान्यास किया.

कृषि मंत्री ने कहा कि वीरेंद्र कंवर ने कहा कि राज्य की 90 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और 70 प्रतिशत लोग कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों से अपनी आजीविका चलाते हैं. राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का लगभग 13.62 प्रतिशत योगदान है. उन्होंने कहा कि कृषि विपणन बोर्ड ने कोविड काल में बेहतरीन कार्य किया है. इसके फलस्वरूप प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र का योगदान बढ़कर 2 से साढ़े 3 प्रतिशत हुआ है. उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान एपीएमसी व कृषि विपणन बोर्ड के कुशल प्रबंधन से किसानों के उत्पादों को मंडियों तक समय पर पहुंचाया गया.

उन्होंने कहा कि दिल्ली के बाजार में 25 प्रतिशत पुष्प हिमाचल से जाता है. प्रदेश के बागवान अपने फूल मंडी में विक्रय कर अच्छा लाभ अर्जित करेंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश की दूसरी फूल मंडी ऊना जिले में स्थापित की जाएगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में नई कृषि मंडी के निर्माण और उसके रख रखाव पर 260 करोड़ रुपए व्यय किए जा रहे हैं.

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि राज्य में केसर के उत्पादन (kesar production in himachal) पर कार्य किया जा रहा है. दाल चीनी के उत्पादन के लिए सोलन सहित कांगड़ा, ऊना, बिलासपुर और सिरमौर जिलों में 10 लाख पौधे रोपित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में 1.50 लाख किसानों द्वारा प्राकृतिक खेती की जा रही है.


स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और आयुष मंत्री डाॅ. राजीव सैजल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कुशल नेतृत्व में अपने चार वर्ष के कार्यकाल में राज्य में विकास के कई आयाम स्थापित किए हैं. उन्होंने कहा कि कसौली में उप मण्डलाधिकारी कार्यालय एवं परवाणू में तहसील कार्यालय खुलने से क्षेत्रवासियों को व्यापक लाभ मिला है. कसौली के लिए गिरी नदी से शीघ्र ही उठाऊ पेयजल योजना के कार्य का मुख्यमंत्री से शिलान्यास करवाया जाएगा. उन्होंने कहा कि परवाणू में 30 करोड़ रुपए की लागत से सेब मंडी के निर्माण का कार्य प्रगति पर है.

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Last Updated : Jan 7, 2022, 6:23 PM IST
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