सोलन: कोरोनावायरस और मंकीपॉक्स के बाद देश में टोमैटो फ्लू अपने पैर पसार रहा है. इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी चिंता जताई है. हिमाचल प्रदेश में भी इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट जारी कर दिया गया (Tomato Flu Alert In Himachal) है. प्रदेश के जिला सोलन में दो टोमैटो फ्लू के संदिग्ध मामले पाए गए हैं. यहां एक निजी स्कूल में दो बच्चे जिनकी उम्र पांच व सात साल है उन्में हल्का बुखार लक्षण के तौर पर पाया गया (2 suspected cases of Tomato Flu In solan) है.
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अमित रंजन ने बताया कि टोमैटो फ्लू के लक्षण में तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द, थकान, धड़कन बढ़ना, जोड़ों में दर्द, खुजली, उल्टी, डिहाइड्रेशन, दस्त शामिल (Tomato Flu Symptoms) है. उन्होंने बताया कि सोलन में टोमैटो फ्लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है. इसी कड़ी में सोलन शहर में दो संदिग्ध मामले सामने आए है जिन्हें स्वास्थ्य विभाग ने 10 दिनों के लिए आइसोलेट कर दिया है. उन्होंने कहा कि टोमैटो फ्लू को हाथ, पैर और मुंह की बीमारी (एचएफएमडी) का एक प्रकार माना जाता है. इसे टोमैटो फ्लू इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस रोग में रोगी के शरीर पर टोमैटो के आकार और रंग के छाले पड़ जाते हैं.
डॉ. अमित रंजन ने बताया कि टोमैटो फ्लू में शरीर पर छाले निकलते हैं. जैसे लक्षण मंकीपॉक्स में भी देखे गए थे. इसके अलावा कमजोर इम्युनिटी वाले बच्चों में टोमैटो फ्लू होने का खतरा अधिक होता है. उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि यदि उनके 01 वर्ष से 10 वर्ष की उम्र तक के बच्चों में किसी तरह के लक्षण आते हैं तो वे तुरंत स्वास्थ्य विभाग से इस बारे में सलाह लें.
बच्चों को टोमैटो फ्लू का अधिक खतरा: यह बीमारी मुख्य रूप से 10 साल से कम उम्र के बच्चों में होती (tomato flu symptoms among children) है, लेकिन यह वयस्कों में भी हो सकता है. अभी तक इस रोग की कोई विशिष्ट दवाएं उपलब्ध नहीं है. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि बाहरी राज्य से काफी लोगों का आना व जाना लगा रहता है. ऐसे में यह बीमारी उनके साथ आ सकती है. लोगों को स्वयं भी इसको लेकर जागरूक रहना होगा.
रोकथाम के लिए करें ये उपाय: टोमैटो फ्लू की रोकथाम के लिए सबसे अच्छा उपाय उचित स्वच्छता (Tomato Flu Treatment) है. आस पास की जरूरी वस्तुओं और पर्यावरण को स्वच्छ रखने के साथ संक्रमित बच्चे के खिलौने, कपड़े, भोजन व अन्य सामान को गैर-संक्रमित बच्चों से साझा करने से रोकना चाहिए. कुछ आवश्यक निवारक उपाय हैं, जिन्हें ध्यान में रखा जाना चाहिए. जैसे संक्रमित व्यक्ति के तत्काल संपर्क में आने से बचें. अपने बच्चों को इस रोग के लक्षणों और इसके दुष्प्रभावों के बारे में बताएं, अपने बच्चे से कहें कि बुखार या दाने के लक्षण वाले बच्चों को गले न लगाएं और न ही उन्हें छुएं.
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