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नौणी विश्विद्यालय में आयोजित होगा राष्ट्रीय केवीके सम्मेलन, केंद्रीय कृषि मंत्री करेंगे कार्यक्रम का उद्घाटन

भारत के कृषि विज्ञान केन्द्रों (केवीके) (Agricultural Science Centers of India) का 12वां राष्ट्रीय द्विवार्षिक सम्मेलन 2022 जून 1-2 को डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी सोलन (हिमाचल प्रदेश) में आयोजित (Nauni University of Solan) किया जाएगा.

12th National Conference of Krishi Vigyan Kendras
औद्यानिकी एवं वानिकी विश्विद्यालय नौणी के कुलपति प्रो. राजेश्वर चंदेल
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Published : May 27, 2022, 8:58 PM IST

सोलन: डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्विद्यालय नौणी के कुलपति प्रो. राजेश्वर चंदेल ने बताया कि भारत के कृषि विज्ञान केन्द्रों का 12वां राष्ट्रीय द्विवार्षिक सम्मेलन 2022 जून 1-2 को डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी सोलन (हिमाचल प्रदेश) में आयोजित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस राष्ट्रीय सम्मलेन में पूरे देश से लगभग 1200 कृषि वैज्ञानिक हिस्सा लेंगे.

उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में देश के हर जिले में स्थित कृषि विज्ञान केन्द्रों के अध्यक्ष, प्रसार शिक्षा निदेशक, अटारी के निदेशक, देश के विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के महानिदेशक एवं सभी उप महनिदेशक मौजूद रहेंगे नीति आयोग सहित देश के विभिन्न विभागों एवं संस्थाओं के प्रतिनिधि भी इस दो दिवसीय कार्यक्रम में शामिल होंगे.

प्रो. राजेश्वर चंदेल ने बताया कि सम्मेलन का मुख्य विषय प्राकृतिक खेती (natural farming model in Himachal) रखा गया है क्योंकि आने वाले समय में इस कृषि पद्धति की ओर किसानों का रुझान और बढ़ेगा, इसलिए सम्मेलन का विषय आज के परप्रेक्ष में सबसे ज्यादा सटीक बैठता है. उन्होंने कहा कि एक ओर हम इस विधि से गुणवत्तायुक्त खाद्य एवं फल सब्जियों का उत्पादन कर सकते हैं, वहीं दूसरी ओर पर्यावरण का भी संरक्षण में योगदान दे सकते हैं. इसके अलावा प्राकृतिक खेती की कम लागत से किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी. इस सम्मलेन में देश के विभिन्न हिस्सों से आमंत्रित किसान भी अपना प्राकृतिक खेती का अनुभव साझा करेंगें.

प्रोफेसर चंदेल ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस कृषि को बढ़ावा देने के लिए कुछ वर्ष पूर्व प्राकृतिक कृषि खुशहाल किसान योजना शुरू की थी. इस योजना कि सफलता का आकलन इस बात से लगाया जा सकता है कि कुछ ही समय में आज 1.70 लाख से अधिक किसान इस मुहिम का हिस्सा बन चुके हैं और मृदा एवं पर्यावरण संरक्षण और मानव स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित खाद्य उत्पाद बनाने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं. विश्वविद्यालय भी इस कृषि पद्धति पर गहन अनुसंधान कार्य कर रहे हैं, ताकि किसानों की कम लागत में अच्छी उपज प्राप्त हो सके.

बता दें कि इस राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Union Minister of Agriculture and Farmers Welfare Narendra Tomar) मुख्य अतिथि के रूप में इस सम्मलेन का उद्घाटन करेंगे. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Himachal Pradesh Chief Minister Jairam Thakur) विशेष अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. वहीं, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत (Gujarat Governor Acharya Devvrat) कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे. केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे भी इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत करेंगी.

सोलन: डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्विद्यालय नौणी के कुलपति प्रो. राजेश्वर चंदेल ने बताया कि भारत के कृषि विज्ञान केन्द्रों का 12वां राष्ट्रीय द्विवार्षिक सम्मेलन 2022 जून 1-2 को डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी सोलन (हिमाचल प्रदेश) में आयोजित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस राष्ट्रीय सम्मलेन में पूरे देश से लगभग 1200 कृषि वैज्ञानिक हिस्सा लेंगे.

उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में देश के हर जिले में स्थित कृषि विज्ञान केन्द्रों के अध्यक्ष, प्रसार शिक्षा निदेशक, अटारी के निदेशक, देश के विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के महानिदेशक एवं सभी उप महनिदेशक मौजूद रहेंगे नीति आयोग सहित देश के विभिन्न विभागों एवं संस्थाओं के प्रतिनिधि भी इस दो दिवसीय कार्यक्रम में शामिल होंगे.

प्रो. राजेश्वर चंदेल ने बताया कि सम्मेलन का मुख्य विषय प्राकृतिक खेती (natural farming model in Himachal) रखा गया है क्योंकि आने वाले समय में इस कृषि पद्धति की ओर किसानों का रुझान और बढ़ेगा, इसलिए सम्मेलन का विषय आज के परप्रेक्ष में सबसे ज्यादा सटीक बैठता है. उन्होंने कहा कि एक ओर हम इस विधि से गुणवत्तायुक्त खाद्य एवं फल सब्जियों का उत्पादन कर सकते हैं, वहीं दूसरी ओर पर्यावरण का भी संरक्षण में योगदान दे सकते हैं. इसके अलावा प्राकृतिक खेती की कम लागत से किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी. इस सम्मलेन में देश के विभिन्न हिस्सों से आमंत्रित किसान भी अपना प्राकृतिक खेती का अनुभव साझा करेंगें.

प्रोफेसर चंदेल ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस कृषि को बढ़ावा देने के लिए कुछ वर्ष पूर्व प्राकृतिक कृषि खुशहाल किसान योजना शुरू की थी. इस योजना कि सफलता का आकलन इस बात से लगाया जा सकता है कि कुछ ही समय में आज 1.70 लाख से अधिक किसान इस मुहिम का हिस्सा बन चुके हैं और मृदा एवं पर्यावरण संरक्षण और मानव स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित खाद्य उत्पाद बनाने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं. विश्वविद्यालय भी इस कृषि पद्धति पर गहन अनुसंधान कार्य कर रहे हैं, ताकि किसानों की कम लागत में अच्छी उपज प्राप्त हो सके.

बता दें कि इस राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Union Minister of Agriculture and Farmers Welfare Narendra Tomar) मुख्य अतिथि के रूप में इस सम्मलेन का उद्घाटन करेंगे. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Himachal Pradesh Chief Minister Jairam Thakur) विशेष अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. वहीं, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत (Gujarat Governor Acharya Devvrat) कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे. केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे भी इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत करेंगी.

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