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SHIMLA: जिला परिषद के सदस्य बोले हमारा भी बढ़े वेतन, 5 हजार तो आने जाने में ही हो जाता है खर्च

शिमला के जिला परिषद सदस्यों ने सरकार से मानदेय बढ़ाने की गुहार लगाई है. मंगलवार को हुई जिला परिषद की बैठक में सदस्यों ने मांग की कि महंगाई के इस दौर में उन्हें नाम मात्र का मानदेय दिया जा रहा है. जिससे उन्हें काफी परेशानी हो रही है.

Shimla Zilla Parishad News, शिमला जिला परिषद न्यूज
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Published : Aug 31, 2021, 5:36 PM IST

शिमला: जिला शिमला के जिला परिषद सदस्यों ने सरकार से मानदेय बढ़ाने की गुहार लगाई है. मंगलवार को हुई जिला परिषद की बैठक में सदस्यों ने मांग की कि महंगाई के इस दौर में उन्हें नाम मात्र का मानदेय दिया जा रहा है. एक जिला परिषद के सदस्य को पांच हजार रुपये दिए जा रहे हैं, जबकि उन्हें 18 पंचायतों में जाना पड़ता है और लोगों के काम करवाने के लिए उपायुक्त कार्यालय भी जाना पड़ता है. ऐसे में उन्हें घर से पैसे लेने पड़ते हैं.

शिमला धामी की जिला परिषद सदस्य प्रभा वर्मा ने कहा कि हम लोग भी चुने हुए प्रतिनिधि हैं. जब कहीं कोई घटना घटती है हम भी चाहते हैं कि उन लोगों की मदद करें, लेकिन हमें तो किराये के लिए भी किसी और के सामने हाथ फैलाने पड़ते हैं. विधायकों की तरह हम भी चुन कर आते हैं उनको इतनी सैलरी दी जाती है. पेंशन दी जाती है, लेकिन जिला परिषद सदस्यों को मात्र 5 हजार रुपये दिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सदस्यों को कम से कम 20-25 हजार तो हमें भी दिए जाने चाहिए.

वीडियो.

वहीं, डोडरा क्वार से जिला परिषद सदस्य मोनिता चौहान ने कहा इतनी दूर दराज क्षेत्रों से आने जाने व रहने में ही एक महीने का मानदेय चला जाता है. अपनी पंचायतों में घूमना हो तब भी अपनी जेब से खर्चा करना पड़ता है और सरकार पांच हजार दे रही है. उन्होंने कहा कि इसलिए हमारी सरकार से मांग है कि हमारा मानदेय बढ़ाया जाए.

ये भी पढ़ें- सावधान! बुधवार से बदल जाएंगे ये नियम, जानें आपकी जेब पर कितना पड़ेगा असर

शिमला: जिला शिमला के जिला परिषद सदस्यों ने सरकार से मानदेय बढ़ाने की गुहार लगाई है. मंगलवार को हुई जिला परिषद की बैठक में सदस्यों ने मांग की कि महंगाई के इस दौर में उन्हें नाम मात्र का मानदेय दिया जा रहा है. एक जिला परिषद के सदस्य को पांच हजार रुपये दिए जा रहे हैं, जबकि उन्हें 18 पंचायतों में जाना पड़ता है और लोगों के काम करवाने के लिए उपायुक्त कार्यालय भी जाना पड़ता है. ऐसे में उन्हें घर से पैसे लेने पड़ते हैं.

शिमला धामी की जिला परिषद सदस्य प्रभा वर्मा ने कहा कि हम लोग भी चुने हुए प्रतिनिधि हैं. जब कहीं कोई घटना घटती है हम भी चाहते हैं कि उन लोगों की मदद करें, लेकिन हमें तो किराये के लिए भी किसी और के सामने हाथ फैलाने पड़ते हैं. विधायकों की तरह हम भी चुन कर आते हैं उनको इतनी सैलरी दी जाती है. पेंशन दी जाती है, लेकिन जिला परिषद सदस्यों को मात्र 5 हजार रुपये दिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सदस्यों को कम से कम 20-25 हजार तो हमें भी दिए जाने चाहिए.

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वहीं, डोडरा क्वार से जिला परिषद सदस्य मोनिता चौहान ने कहा इतनी दूर दराज क्षेत्रों से आने जाने व रहने में ही एक महीने का मानदेय चला जाता है. अपनी पंचायतों में घूमना हो तब भी अपनी जेब से खर्चा करना पड़ता है और सरकार पांच हजार दे रही है. उन्होंने कहा कि इसलिए हमारी सरकार से मांग है कि हमारा मानदेय बढ़ाया जाए.

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