ETV Bharat / city

Yug Murder Case Shimla: 4 साल के युग हत्याकांड में दोषियों को फांसी की सजा पर 16 नवम्बर को सुनवाई

चार साल के मासूम युग हत्याकांड (Yug Murder Case Shimla) में दोषियों की फांसी की सजा यानी मृत्युदंड पर सुनवाई 16 नवम्बर को होगी. पढ़ें पूरा मामला...

शिमला के चार साल के मासूम युग हत्याकांड में दोषियों की फांसी की सजा
शिमला के चार साल के मासूम युग हत्याकांड में दोषियों की फांसी की सजा
author img

By

Published : Oct 12, 2022, 6:19 PM IST

Updated : Oct 12, 2022, 6:52 PM IST

शिमला: चार साल के मासूम युग हत्याकांड में दोषियों की फांसी की सजा यानी मृत्युदंड पर सुनवाई 16 नवम्बर को होगी. हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में फिरौती के लिए बच्चे की हत्या करने वाले दोषियों के मृत्युदंड पर सुनवाई 16 नवम्बर को निर्धारित की गई है. न्यायाधीश अजय मोहन गोयल व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि मामले पर सुनवाई लगातार करने की कोशिश की जाएगी.

मामला सत्र न्यायाधीश की ओर (Yug Murder Case Shimla) से रेफरेंस के तौर पर हाईकोर्ट के समक्ष रखा गया है. इस मामले में तीनों दोषियों ने भी अपील के माध्यम से सत्र न्यायाधीश के फैसले को चुनौती दी है. उल्लेखनीय है कि तीन दोषियों को फिरौती के लिए चार साल के मासूम युग की अपहरण के बाद निर्मम हत्या करने पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शिमला की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है.

6 सितम्बर 2018 को तीनों दोषी चंद्र शर्मा, तेजिंद्र पाल और विक्रांत बख्शी को सजा सुनाते हुए न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत ने इस अपराध को दुर्लभ में दुर्लभतम श्रेणी के दायरे में पाया था.

क्या है मामला- 14 जून 2014 में शिमला के राम बाजार के एक कारोबारी के चार साल के बच्चे का अपहरण कर लिया गया था. फिर 2 साल बाद अगस्त 2016 में शिमला के उपनगर भराड़ी के पेयजल टैंक से एक बच्चे का कंकाल मिला, बाद में फॉरेंसिक जांच से पुष्टि हुई कि यह 4 साल के मासूम युग का ही कंकाल है. इस केस को सुलझाने के जिम्मा सीआईडी को दिया गया था. जांच एजेंसी ने डिजिटल एविडेंस जुटाए थे. बाद में शिमला की स्थानीय अदालत में इन्हीं मजबूत और वैज्ञानिक साक्ष्यों के कारण दोषियों को सजा मिली. शिमला की स्थानीय अदालत के न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह ने तीनों दोषियों तेजेंद्र पाल, विक्रांत बख्शी व चंद्र शर्मा को मौत की सजा सुनाई थी। अदालत ने इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर अपराध बताया था.

शिमला: चार साल के मासूम युग हत्याकांड में दोषियों की फांसी की सजा यानी मृत्युदंड पर सुनवाई 16 नवम्बर को होगी. हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में फिरौती के लिए बच्चे की हत्या करने वाले दोषियों के मृत्युदंड पर सुनवाई 16 नवम्बर को निर्धारित की गई है. न्यायाधीश अजय मोहन गोयल व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि मामले पर सुनवाई लगातार करने की कोशिश की जाएगी.

मामला सत्र न्यायाधीश की ओर (Yug Murder Case Shimla) से रेफरेंस के तौर पर हाईकोर्ट के समक्ष रखा गया है. इस मामले में तीनों दोषियों ने भी अपील के माध्यम से सत्र न्यायाधीश के फैसले को चुनौती दी है. उल्लेखनीय है कि तीन दोषियों को फिरौती के लिए चार साल के मासूम युग की अपहरण के बाद निर्मम हत्या करने पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शिमला की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है.

6 सितम्बर 2018 को तीनों दोषी चंद्र शर्मा, तेजिंद्र पाल और विक्रांत बख्शी को सजा सुनाते हुए न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत ने इस अपराध को दुर्लभ में दुर्लभतम श्रेणी के दायरे में पाया था.

क्या है मामला- 14 जून 2014 में शिमला के राम बाजार के एक कारोबारी के चार साल के बच्चे का अपहरण कर लिया गया था. फिर 2 साल बाद अगस्त 2016 में शिमला के उपनगर भराड़ी के पेयजल टैंक से एक बच्चे का कंकाल मिला, बाद में फॉरेंसिक जांच से पुष्टि हुई कि यह 4 साल के मासूम युग का ही कंकाल है. इस केस को सुलझाने के जिम्मा सीआईडी को दिया गया था. जांच एजेंसी ने डिजिटल एविडेंस जुटाए थे. बाद में शिमला की स्थानीय अदालत में इन्हीं मजबूत और वैज्ञानिक साक्ष्यों के कारण दोषियों को सजा मिली. शिमला की स्थानीय अदालत के न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह ने तीनों दोषियों तेजेंद्र पाल, विक्रांत बख्शी व चंद्र शर्मा को मौत की सजा सुनाई थी। अदालत ने इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर अपराध बताया था.

Last Updated : Oct 12, 2022, 6:52 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.