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SPECIAL: हिमाचली कला व संस्कृति को संजोने में आगे आ रही युवा पीढ़ी

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Published : Mar 8, 2020, 11:34 PM IST

शिमला की गेयटी थियेटर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राज्य संग्रहालय शिमला और भाषा कला एवं संस्कृति विभाग में आयोजित किए गए कला शिल्प मेले में युवतियां हैंडी क्राफ्ट में रुचि दिखा रही हैं. चंबा रुमाल हो या फिर पाइन नीडल से बनाए जाने वाले उत्पादों की युवा अपना करियर इस तरह की पारंपरिक कला में ढूंढ रहे हैं.

young generation cherish himachali art
young generation cherish himachali art

शिमलाः हिमाचली कला और संस्कृति को संजोने के लिए युवा वर्ग अहम भूमिका निभा सकता है. आज के युवा पारंपरिक कलाओं में रुचि ना दिखाकर अन्य पेशों में अपनी रुचि दिखा रहे हैं. कुछ एक ही युवा ऐसे हैं जो हिमाचल की संस्कृति और पारंपरिक कला की महत्वता को समझते हैं और संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए आगे आए हैं.

शिमला की गेयटी थियेटर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राज्य संग्रहालय शिमला और भाषा कला एवं संस्कृति विभाग में आयोजित किए गए कला शिल्प मेले में इसी तरह का कुछ उदाहरण देखने को मिला. इस मेले में जहां प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों से महिलाएं अपने हस्तशिल्प के बने उत्पादों को मेले में लगाने के लिए लेकर आई थी.

वहीं, इनमें कुछ युवतियां भी शामिल थी जो इस तरह के हैंडी क्राफ्ट में रुचि दिखा रही हैं. फिर बात चाहें चंबा रुमाल की हो या फिर पाइन नीडल से बनाए जाने वाले उत्पादों की युवा अपना करियर इस तरह की पारंपरिक कला में ढूंढ रहे हैं.

वीडियो.

युवा इस कला में अपनी सोच का समावेश भी इतने बेहतरीन तरीके से कर रहे हैं कि ना तो कला की पारंपरिकता से खिलवाड़ हो और इसकी महत्वता भी बरकरार रहे. गेयटी थियेटर में भी चंबा रुमाल के लगाए गए स्टॉल पर हिना ने बताया कि चंबा रुमाल वर्ल्ड फेमस आर्ट है और जो भी पर्यटक इस मेले में आए उन्होंने इस आर्ट को बेहद सराहा है.

उन्होंने कहा कि पहले उन्होंने इसकी शुरुआत शौक में की थी लेकिन जब उन्हें से आमदनी होने लगी तो उन्होंने इस कार्य में रुचि दिखाई. अब इसमें अलग-अलग डिजाइंस भी तैयार कर रही हैं जिससे की एक नई सोच का समावेश इस कला में किया जा सके.

उन्होंने कहा कि यह बेहद जरूरी है कि हमारा जो ट्रेडिशनल आर्ट ही उसे हम अब नई सोच के साथ लोगों के सामने लेकर आए.समय बदल रहा है तो ऐसे में अब आर्ट में भी थोड़ी बदलाव की जरूरत है जिसे एक युवा सोच ही बदल सकती है.

वहीं, पाइन नीडल से बनाई गई चीजों के स्टॉल पर युवा ममता ने बताया कि उन्होंने पाइन नीडल ओर जुट का इस्तेमाल कर अलग-अलग चीजें बनाई है. एक तो यह इकोफ्रेंडली है और दूसरा इस्तेमाल ना होने पर जब पाइन नीडल को जलाया जाता है तो उस से पर्यावरण को भी नुकसान होता है लेकिन इसका इस्तेमाल इस तरह से करने पर जहां आप बेहतर उत्पाद तैयार कर सकते हैं तो वहीं अच्छी आमदनी भी इस से होती है.

उन्हें यह काम रोचक लगा तो उन्होंने इसी को अपने करियर के लिए चुन लिया और अब विदेशी पर्यटक भी इन उत्पादों को बेहद सराहा रहे है. पाइन नीडल से जहां घर की सजावट का सामान बनाया गया है तो इससे झुमके भी तैयार किए गए है.

इन युवाओं का कहना है कि अगर इसी तरह के मेलों का आयोजन समय-समय पर होता रहे तो यह इनके उत्पादों को लोगों के बीच तक पहुंचाने के लिए एक बेहतर माध्यम साबित होगा और इससे उन्हें भी बेहतर आमदनी हो सकेगी.

ये भी पढे़ं- 11 मार्च से फिर होगी भारी बारिश और बर्फबारी, मौसम विभाग ने जारी किया येलो और ऑरेंज अलर्ट

शिमलाः हिमाचली कला और संस्कृति को संजोने के लिए युवा वर्ग अहम भूमिका निभा सकता है. आज के युवा पारंपरिक कलाओं में रुचि ना दिखाकर अन्य पेशों में अपनी रुचि दिखा रहे हैं. कुछ एक ही युवा ऐसे हैं जो हिमाचल की संस्कृति और पारंपरिक कला की महत्वता को समझते हैं और संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए आगे आए हैं.

शिमला की गेयटी थियेटर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राज्य संग्रहालय शिमला और भाषा कला एवं संस्कृति विभाग में आयोजित किए गए कला शिल्प मेले में इसी तरह का कुछ उदाहरण देखने को मिला. इस मेले में जहां प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों से महिलाएं अपने हस्तशिल्प के बने उत्पादों को मेले में लगाने के लिए लेकर आई थी.

वहीं, इनमें कुछ युवतियां भी शामिल थी जो इस तरह के हैंडी क्राफ्ट में रुचि दिखा रही हैं. फिर बात चाहें चंबा रुमाल की हो या फिर पाइन नीडल से बनाए जाने वाले उत्पादों की युवा अपना करियर इस तरह की पारंपरिक कला में ढूंढ रहे हैं.

वीडियो.

युवा इस कला में अपनी सोच का समावेश भी इतने बेहतरीन तरीके से कर रहे हैं कि ना तो कला की पारंपरिकता से खिलवाड़ हो और इसकी महत्वता भी बरकरार रहे. गेयटी थियेटर में भी चंबा रुमाल के लगाए गए स्टॉल पर हिना ने बताया कि चंबा रुमाल वर्ल्ड फेमस आर्ट है और जो भी पर्यटक इस मेले में आए उन्होंने इस आर्ट को बेहद सराहा है.

उन्होंने कहा कि पहले उन्होंने इसकी शुरुआत शौक में की थी लेकिन जब उन्हें से आमदनी होने लगी तो उन्होंने इस कार्य में रुचि दिखाई. अब इसमें अलग-अलग डिजाइंस भी तैयार कर रही हैं जिससे की एक नई सोच का समावेश इस कला में किया जा सके.

उन्होंने कहा कि यह बेहद जरूरी है कि हमारा जो ट्रेडिशनल आर्ट ही उसे हम अब नई सोच के साथ लोगों के सामने लेकर आए.समय बदल रहा है तो ऐसे में अब आर्ट में भी थोड़ी बदलाव की जरूरत है जिसे एक युवा सोच ही बदल सकती है.

वहीं, पाइन नीडल से बनाई गई चीजों के स्टॉल पर युवा ममता ने बताया कि उन्होंने पाइन नीडल ओर जुट का इस्तेमाल कर अलग-अलग चीजें बनाई है. एक तो यह इकोफ्रेंडली है और दूसरा इस्तेमाल ना होने पर जब पाइन नीडल को जलाया जाता है तो उस से पर्यावरण को भी नुकसान होता है लेकिन इसका इस्तेमाल इस तरह से करने पर जहां आप बेहतर उत्पाद तैयार कर सकते हैं तो वहीं अच्छी आमदनी भी इस से होती है.

उन्हें यह काम रोचक लगा तो उन्होंने इसी को अपने करियर के लिए चुन लिया और अब विदेशी पर्यटक भी इन उत्पादों को बेहद सराहा रहे है. पाइन नीडल से जहां घर की सजावट का सामान बनाया गया है तो इससे झुमके भी तैयार किए गए है.

इन युवाओं का कहना है कि अगर इसी तरह के मेलों का आयोजन समय-समय पर होता रहे तो यह इनके उत्पादों को लोगों के बीच तक पहुंचाने के लिए एक बेहतर माध्यम साबित होगा और इससे उन्हें भी बेहतर आमदनी हो सकेगी.

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