ETV Bharat / city

नवरात्र का पांचवा दिन: आज होती है मां दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा

शारदीय नवरात्रि के 5वें दिन मां दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन का विशेष महत्व है. मां दुर्गा के इस पांचवे स्वरूप में भगवान स्कंद यानि कार्तिकेय 6 मुख वाले बालरूप में माता की गोद में विराजमान हैं. 6 मुख होने के कारण कार्तिकेय को षडानन भी कहते हैं. स्कंदमाता की 4 भुजाएं हैं जिनमें माता ने अपने पुत्र स्कंद, दो हाथों में कमल के फूल जबकि एक हाथ वरदमुद्रा में है. स्कंदमाता का वाहन सिंह है.

शारदीय नवरात्र
शारदीय नवरात्र
author img

By

Published : Oct 10, 2021, 7:43 AM IST

शिमला: आज शारदीय नवरात्र का पांचवा दिन है. नवरात्र के पांचवे दिन मां दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा होती है. वो स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता हैं, इसलिए इन्हें स्कंदमाता कहा जाता है. माता की अराधना करने वाले भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं. मां दुर्गा की पांचवी शक्ति स्कंदमाता की पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती है. कहते हैं कि जिसपर स्कंदमाता की कृपा होती है ज्ञानी हो जाता है.

स्कंदमाता हिमाचल की पुत्री पार्वती ही हैं जिन्हें प्रेम और वात्सल्य की देवी माना जाता है. इन्हें गौरी भी कहते हैं. भगवान स्कंद को कुमार कार्तिकेय के नाम से जानते हैं जो देवासुर संग्राम के दौरान देवताओं के सेनापति थे. स्कंदमाता उन्हीं भगवान कार्तिकेय की माता हैं.

स्कंदमाता का स्वरूप

मां दुर्गा के इस पांचवे स्वरूप में भगवान स्कंद यानि कार्तिकेय 6 मुख वाले बालरूप में माता की गोद में विराजमान हैं. 6 मुख होने के कारण कार्तिकेय को षडानन भी कहते हैं. स्कंदमाता की 4 भुजाएं हैं जिनमें माता ने अपने पुत्र स्कंद, दो हाथों में कमल के फूल जबकि एक हाथ वरदमुद्रा में है. स्कंदमाता का वाहन सिंह है.

स्कंदमाता की पूजा का महत्व

माता शेर पर सवार हैं जो क्रोध का प्रतीक होता है और माता की गोद में पुत्र कार्तिकेय बैठे हैं. माता का ये रूप सिखाता है कि ईश्वर को पाने के लिए भक्ति मार्ग पर चलने के दौरान क्रोध पर नियंत्रण होना अति आवश्यक है. माता की गोद में बैठे कार्तिकेय पुत्र मोह का प्रतीक हैं. माता का ये स्वरूप सीख देता है कि सांसारिक बंधनों और मोह-माया में रहते हुए भी भक्ति मार्ग पर चल सकते हैं.

मान्यता है कि जिस भी साधक पर माता की कृपा होती है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. माता को ज्ञान की देवी भी कहते हैं उनकी कृपा से मूढ़ भी ज्ञानी हो जाता है. मान्यता ये भी है कि संतान प्राप्ति की मनोकामना पूर्ण करने के लिए दंपतियों को इस दिन सच्चे मन से मां के इस स्वरूप की पूजा करनी चाहिए.

ये भी पढ़ें: Rashifal Today, October 10: जानें कैसा रहेगा आपका आज का द‍िन

शिमला: आज शारदीय नवरात्र का पांचवा दिन है. नवरात्र के पांचवे दिन मां दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा होती है. वो स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता हैं, इसलिए इन्हें स्कंदमाता कहा जाता है. माता की अराधना करने वाले भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं. मां दुर्गा की पांचवी शक्ति स्कंदमाता की पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती है. कहते हैं कि जिसपर स्कंदमाता की कृपा होती है ज्ञानी हो जाता है.

स्कंदमाता हिमाचल की पुत्री पार्वती ही हैं जिन्हें प्रेम और वात्सल्य की देवी माना जाता है. इन्हें गौरी भी कहते हैं. भगवान स्कंद को कुमार कार्तिकेय के नाम से जानते हैं जो देवासुर संग्राम के दौरान देवताओं के सेनापति थे. स्कंदमाता उन्हीं भगवान कार्तिकेय की माता हैं.

स्कंदमाता का स्वरूप

मां दुर्गा के इस पांचवे स्वरूप में भगवान स्कंद यानि कार्तिकेय 6 मुख वाले बालरूप में माता की गोद में विराजमान हैं. 6 मुख होने के कारण कार्तिकेय को षडानन भी कहते हैं. स्कंदमाता की 4 भुजाएं हैं जिनमें माता ने अपने पुत्र स्कंद, दो हाथों में कमल के फूल जबकि एक हाथ वरदमुद्रा में है. स्कंदमाता का वाहन सिंह है.

स्कंदमाता की पूजा का महत्व

माता शेर पर सवार हैं जो क्रोध का प्रतीक होता है और माता की गोद में पुत्र कार्तिकेय बैठे हैं. माता का ये रूप सिखाता है कि ईश्वर को पाने के लिए भक्ति मार्ग पर चलने के दौरान क्रोध पर नियंत्रण होना अति आवश्यक है. माता की गोद में बैठे कार्तिकेय पुत्र मोह का प्रतीक हैं. माता का ये स्वरूप सीख देता है कि सांसारिक बंधनों और मोह-माया में रहते हुए भी भक्ति मार्ग पर चल सकते हैं.

मान्यता है कि जिस भी साधक पर माता की कृपा होती है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. माता को ज्ञान की देवी भी कहते हैं उनकी कृपा से मूढ़ भी ज्ञानी हो जाता है. मान्यता ये भी है कि संतान प्राप्ति की मनोकामना पूर्ण करने के लिए दंपतियों को इस दिन सच्चे मन से मां के इस स्वरूप की पूजा करनी चाहिए.

ये भी पढ़ें: Rashifal Today, October 10: जानें कैसा रहेगा आपका आज का द‍िन

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.