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भगवान विष्णु का दिन है गुरुवार, जानिए इस दिन क्या करें और क्या न करें

हर दिन की तरह गुरुवार (Thursday) का भी खास महत्व है. गुरुवार का दिन भगवान विष्णु (Worship of Lord Vishnu) और बृहस्पति देव को समर्पित है. इस दिन इनकी पूजा-अर्चना की जाती है.

lord vishnu on thursday
भगवान विष्णु
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Published : Mar 3, 2022, 8:30 AM IST

शिमला: हर दिन की तरह गुरुवार का भी खास महत्व है. गुरुवार का दिन भगवान विष्णु (Worship of Lord Vishnu) और बृहस्पति देव को समर्पित है. इस दिन इनकी पूजा-अर्चना की जाती है. बृहस्पति देव क्योंकि देवताओं के गुरु हैं. अत: देवगुरु होने के चलते इस दिन को गुरुवार भी कहा जाता है. गुरुवार के दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु की अपार कृपा बरसती है. आइए जानते हैं गुरुवार को व्रत के लाभ...

  • बृहस्पतिदेव को ज्ञान और बुद्धि का कारक माना जाता है. सही निर्णय क्षमता, ज्ञान और बुद्धि के साथ गुरु दोष से मुक्ति को लेकर गुरुवार का व्रत रखा जाता है. देव गुरु बृहस्पति की विधिपूर्वक पूजा की जाती है.
  • ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, लगातार सात दिनों तक गुरुवार का व्रत रखने और गुरु की पूजा करने से कुंडली में गुरु ग्रह से जुड़ी सभी तरह की समस्याओं से राहत मिलती है.
  • विवाह में जिन लोगों को किसी भी तरह का विलंब है, उनको गुरुवार को व्रत करने को कहा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु और केले के पौधे की पूजा की जाती है.
  • गुरुवार का व्रत रखने से भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है,साथ ही माता लक्ष्मी भी उस भक्त पर प्रसन्न रहती हैं. उसके जीवन से धन की सभी समस्या खत्म हो जाती है.
  • गुरुवार को व्रत जीवन में सुख, समृद्धि, शांति, पाप से मुक्ति, पुण्य लाभ पाने के लिए रखा जाता है.

गुरुवार के कितने व्रत रखते हैं: जिस प्रकार 16 सोमवार व्रत का महत्वपूर्ण है, उसी प्रकार से 16 गुरुवार व्रत रखने का भी विधान है. उसके अगले ​गुरुवार को व्रत का उद्ययापन कर दिया जाता है. भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं.

  • शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं

विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्.

लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्

वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम.

  • ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय
  • ऊँ नमो नारायणाय नम:
  • ॐ विष्णवे नम:
  • ॐ हूं विष्णवे नम:
  • ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान. यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते.

गुरुवार को भूल कर भी न करें ये काम.

  • पहली बार गुरुवार का व्रत रखने जा रहे हैं तो पौष माह में इसकी शुरुआत न करें.
  • गुरुवार को केले का सेवन न करें. मान्यता है कि केले के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास होता है.
  • इस दिन केले के पेड़ पर जल चढ़ाकर व्रत का संकल्प लें.
  • गुरुवार के दिन पीली चीजों का दान करना शुभ माना जाता है.
  • व्रत वाले दिन गरीबों को दान करना भी फलदायी होता है.
  • गुरुवार के दिन खिचड़ी या चावल का सेवन भी नहीं करना चाहिए.
  • इस दिन पीला भोजन करना काफी लाभकारी माना जाता है.
  • इस दिन महिलाओं और पुरुषों को बाल नहीं कटवाने चाहिए. इससे बृहस्पतिवार कमजोर हो जाता है. उन्नति में बाधाएं आती हैं.
  • Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि etvbharat.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

शिमला: हर दिन की तरह गुरुवार का भी खास महत्व है. गुरुवार का दिन भगवान विष्णु (Worship of Lord Vishnu) और बृहस्पति देव को समर्पित है. इस दिन इनकी पूजा-अर्चना की जाती है. बृहस्पति देव क्योंकि देवताओं के गुरु हैं. अत: देवगुरु होने के चलते इस दिन को गुरुवार भी कहा जाता है. गुरुवार के दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु की अपार कृपा बरसती है. आइए जानते हैं गुरुवार को व्रत के लाभ...

  • बृहस्पतिदेव को ज्ञान और बुद्धि का कारक माना जाता है. सही निर्णय क्षमता, ज्ञान और बुद्धि के साथ गुरु दोष से मुक्ति को लेकर गुरुवार का व्रत रखा जाता है. देव गुरु बृहस्पति की विधिपूर्वक पूजा की जाती है.
  • ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, लगातार सात दिनों तक गुरुवार का व्रत रखने और गुरु की पूजा करने से कुंडली में गुरु ग्रह से जुड़ी सभी तरह की समस्याओं से राहत मिलती है.
  • विवाह में जिन लोगों को किसी भी तरह का विलंब है, उनको गुरुवार को व्रत करने को कहा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु और केले के पौधे की पूजा की जाती है.
  • गुरुवार का व्रत रखने से भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है,साथ ही माता लक्ष्मी भी उस भक्त पर प्रसन्न रहती हैं. उसके जीवन से धन की सभी समस्या खत्म हो जाती है.
  • गुरुवार को व्रत जीवन में सुख, समृद्धि, शांति, पाप से मुक्ति, पुण्य लाभ पाने के लिए रखा जाता है.

गुरुवार के कितने व्रत रखते हैं: जिस प्रकार 16 सोमवार व्रत का महत्वपूर्ण है, उसी प्रकार से 16 गुरुवार व्रत रखने का भी विधान है. उसके अगले ​गुरुवार को व्रत का उद्ययापन कर दिया जाता है. भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं.

  • शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं

विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्.

लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्

वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम.

  • ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय
  • ऊँ नमो नारायणाय नम:
  • ॐ विष्णवे नम:
  • ॐ हूं विष्णवे नम:
  • ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान. यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते.

गुरुवार को भूल कर भी न करें ये काम.

  • पहली बार गुरुवार का व्रत रखने जा रहे हैं तो पौष माह में इसकी शुरुआत न करें.
  • गुरुवार को केले का सेवन न करें. मान्यता है कि केले के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास होता है.
  • इस दिन केले के पेड़ पर जल चढ़ाकर व्रत का संकल्प लें.
  • गुरुवार के दिन पीली चीजों का दान करना शुभ माना जाता है.
  • व्रत वाले दिन गरीबों को दान करना भी फलदायी होता है.
  • गुरुवार के दिन खिचड़ी या चावल का सेवन भी नहीं करना चाहिए.
  • इस दिन पीला भोजन करना काफी लाभकारी माना जाता है.
  • इस दिन महिलाओं और पुरुषों को बाल नहीं कटवाने चाहिए. इससे बृहस्पतिवार कमजोर हो जाता है. उन्नति में बाधाएं आती हैं.
  • Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि etvbharat.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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