रामपुर: हर साल 28 सितंबर से 5 अक्टूबर तक विश्व रेबीज सप्ताह मनाया जाता है. रेबीज कुछ जानवरों के काटने से होने वाला संक्रमण है. संक्रमित जानवर सलाइवा के साथ यह वायरस ब्लड के जरिए शरीर में पहुंचकर संक्रमण पैदा करता है. इसका सही समय पर और गंभीरता से इलाज बहुत जरूरी है. रेबीज एक बेहद घातक वायरस है, जो इंसानों और जानवरों को संक्रमित करता है.
गुरुवार को शिमला जिले के रामपुर पशु चिकित्सालय के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अनिल शर्मा ने बताया कि रामपुर में इन दिनों एंटी रेबीज का टीकाकरण किया जा रहा है. लोग अपने पालतू कुत्तों को चिकित्सालय ला रहे हैं और उनका टीकाकरण करवा रहे हैं. पिछले दो दिनों में 19 कुत्तों को वैक्सीन लगा दी गई है.
जानकारी देते हुए डॉ. शर्मा ने स्थानीय लोगों से अपील की कि कुत्तों का एंटी रेबीज वैक्सनेशन जरूर करवाएं. उन्होंने डब्लयूएचओ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यदि किसी क्षेत्र में 70 प्रतिशत से अधिक कुत्ते वैक्सीनेटेड हो जाए तो वो क्षेत्र रेबीज मुक्त हो जाता है. पूरे हिमाचल प्रदेश में पशु पालन विभाग द्वारा ये मुहीम चलाई जा रही है. सभी के सहयोग से ही इस असाध्य बीमारी से निजात पाई जा सकती है.
डॉ. अनिल शर्मा ने कहा कि रेबीज की वैक्सीन आ जाने से वैसे तो इस बीमारी के संक्रमण का खतरा नहीं रहा, लेकिन अगर संक्रमित जानवर के काटने का शिकार हुए हैं, तो इसे गंभीरता से लें क्योंकि यह स्पष्ट नहीं होता है कि जिस जानवर ने आपको काटा है, वह वायरस से संक्रमित था या नहीं. यदि बंदर या कुत्ता काट ले तो तत्काल उस जगह को साबुन या एंटीसेप्टिक लोशन से अच्छी तरह साफ कर लें. इसके बाद डॉक्टर से संपर्क करें. बिना देर किए 48 घंटे के अंदर रेबीज की वैक्सीन जरूर लगवाएं.
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