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World Heart Day 2022 : हिमाचल में बढ़ रहे हैं दिल के मरीज, 40 साल तक पहुंचते-पहुंचते क्यों हांफ रहा है दिल ?

किसी भी तरह के रोग से दूर रहने के लिए डॉक्टर साफ वातावरण या कुदरती माहौल में रहने की सलाह देते हैं. इस मामले में हिमाचल से बेहतर क्या होगा लेकिन आप जानकर हैरान होंगे कि हिमाचल में भी लोग दिल के मरीज हो रहे हैं. एक अध्ययन में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिसके मुताबिक पहाड़ियों का दिल लगातार बैठ रहा है, खासकर 40 साल तक पहुंचते पहुंचते दिल हांफने लगा है. आखिर क्या है इसकी वजह, जानने के लिए पढ़ें... (World Heart Day 2022) (Heart Disease in Himachal)

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Published : Sep 29, 2022, 4:58 PM IST

शिमला: आज World Heart Day है, हर साल 29 सितंबर को मनाया जाता है. दुनिया भर में दिल की बीमारियों के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए इस दिन का विशेष महत्व है. WHO की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में हर तीन लोगों में से एक शख्स की मौत दिल की बीमारी से हो रही है. कहते हैं कि साफ हवा और वातावरण कई बीमारियों की दवा होती है. पहाड़ी राज्य हिमाचल में साफ हवा और वातावरण भी है लेकिन फिर भी यहां के लोग दिल की बीमारी का शिकार हो रहे हैं. देश और दुनिया के साथ पहाड़ का दिल भी बीमार है. एक अध्ययन के मुताबिक हिमाचल में हर साल साढ़े तीन हजार लोगों को दिल का दौरा पड़ता है. (World Heart Day 2022) (Heart Disease in Himachal)

बैठ रहा है पहाड़ का दिल- आईजीएमसी अस्पताल के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट ने हिमाचल के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों की जांच की, इस टीम में शामिल डॉक्टर्स और लैब टैक्नीशियंस ने प्रदेश भर में कामकाजी लोगों, युवाओं, महिलाओं, दुकानदारों, छात्रों आदि के ब्लड टेस्ट व अन्य स्वास्थ्य जांच की. इस जांच की बाकायदा डॉक्यूमेंटेशन की गई, इस अध्ययन के कई चौंकाने वाले परिणाम सामने आ चुके हैं. अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल में हर साल साढ़े तीन हजार लोगों को हार्ट अटैक का सामना करना पड़ता है. हार्ट अटैक के कारण हर साल डेढ़ सौ लोगों को असमय ही मौत हो जाती है. वैसे तो सेहतमंद रहने के लिए लोगों को साफ हवा और बेहतर वातावरण वाले पहाड़ी स्थानों पर बसने की सलाह दी जाती है, लेकिन देखने में आ रहा है कि अब पहाड़ में भी लोग दिल की बीमारियों से जूझ रहे हैं. हिमाचल में बढ़ रहे दिल के मरीज खतरे की घंटी बजा रहे हैं.

जवान दिल भी हो रहे बीमार- इस अध्ययन में सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि जवान दिल भी बीमार हो रहे हैं. हिमाचल में हर साल 40 साल से कम उम्र के 200 लोगों को हर साल दिल का दौरा पड़ रहा है. देशभर में भी कुछ यही हाल है, आम हो या खास 40 साल से कम उम्र के लोगों का दिल बीमार हो रहा है. बीते वक्त में कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव से लेकर साउथ के सुपर स्टार पुनीत राजकुमार और सोनाली फोगाट से लेकर सिद्धार्थ शुक्ला तक की मौत की वजह दिल का दौरा ही था. ऐसे कई सेलिब्रिटी हैं जिनकी 40 की उम्र में हार्ट अटैक के मौत हुई है. (Heart patients in Himachal)

क्या कहते हैं एक्सपर्ट- आईजीएमसी अस्पताल में सेवाएं दे चुके मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. राजेश कश्यप का कहना है कि लोगों को आरामपरस्ती की आदत छोडऩी होगी. खान-पान पर ध्यान देना होगा। सुबह व शाम की सैर तो सबसे जरूरी है. इसके अलावा शारीरिक श्रम करने से मोटापे से बच सकते हैं और यदि मोटापे को पास न फटकने दिया तो मधुमेह की आशंका भी नहीं रहेगी. शराब, सिगरेट समेत हर तरह के नशे से दूर रहना होगा, ऐसा करने से कई बीमारियां आपके आस-पास भी नहीं फटकेंगी.

मधुमेह पर आईसीएमआर के लिए अध्ययन रिपोर्ट तैयार करने वाले आईजीएमसी अस्पताल के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. जितेंद्र मोक्टा के मुताबिक हिमाचल में टाइप टू मधुमेह चिंताजनक रूप से बढ़ा है. टाइप टू मधुमेह में हिमाचल देश में सातवें स्थान पर है और कुल 31 फीसदी लोग हाई ब्लड प्रेशर का शिकार हैं.

कार्डियोलॉजिस्ट प्रोफेसर अरविंद कंदौरियां का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में दिल की बीमारी के मरीज बढऩे के पीछे मुख्य कारण धूम्रपान करना है. धूम्रपान के अलावा हाई बीपी और डायबिटिज अन्य वजहें हैं. स्मोकिंग का बुरा प्रभाव दिल पर पड़ता है. हाई बीपी का एक कारण स्मोकिंग भी है. इसके अलावा मधुमेह के कारण भी दिल के रोग बढ़ रहे हैं. दुनियाभर में भारत को डायबिटिज की कैपिटल कहा जा रहा है. हिमाचल जैसा पहाड़ी राज्य भी इसकी चपेट में है. मधुमेह के अन्य कारणों में हाई कोलेस्ट्राल भी है और ये सब मिलकर हार्ट अटैक को निमंत्रण दे रहे हैं. चिंता की बात है कि हाई बीपी, डायबिटिज और हाई कोलेस्ट्राल वाले 50 फीसदी से अधिक लोग इस बात से अनजान हैं कि इन बीमारियों का असर सीधा उनके दिल पर पड़ रहा है. जागरुकता की कमी के कारण ये पचास फीसदी लोग हाई बीपी, डायबिटीज आदि को नियंत्रित करने के लिए दवाई लेने की जरूरत भी नहीं समझते. ऐसे में स्थिति बिगड़ती है और दिल का दौरा पड़ने में देर नहीं लगती.

कुछ वक्त पहले हिमाचल के सबसे बड़े अस्पताल IGMC के कॉर्डियोलोजी डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ. पीसी नेगी ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा था कि हिमाचल में हार्ट अटैक से होने वाली मौतों का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है. उनके मुताबिक अकेले शिमला में ही हर महीने 20 लोगों को हार्ट अटैक आ रहा है. हैरानी की बात ये है कि मौजूदा दौर में इस बीमारी का उम्र से कोई वास्ता नहीं है. पीसी नेगी के मुताबिक 20 साल के लोग भी हार्ट अटैक का शिकार हो रहे है और इसके लिए खान-पान, धूम्रपान, व्यायाम ना करना सबसे बड़ी वजह है. (heart patients increasing in Himachal)

क्यों डूब रहा पहाड़ का दिल- तेजी से भागते समय में लोग अपनी सेहत का ख्याल नहीं रख रहे. खान-पान की आदतों में बदलाव आया है. लोगों को फास्ट फूड की आदत पड़ गई है. खासकर बच्चे पूरी तरह से फास्ट फूड और जंक फूड के दीवाने हैं. व्यायाम भी लोगों की दिनचर्या से गायब हो रहा है. सोशल मीडिया और मोबाइल पर लोग अधिक समय बिता रहे हैं. ग्रामीण इलाकों से शहरों की तरफ पलायन बढ़ा है. प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले युवा वर्क लोड से परेशान हैं. इस कारण जीवन में तनाव पसर रहा है. ये तनाव बाद में दिल की बीमारियों को न्यौता दे रहे हैं.

खान-पान और व्यायाम से सेहतमंद रहेगा दिल- कार्डियोलॉजिस्ट प्रोफेसर अरविंद कंदौरिया के अनुसार दिल की बीमारियों को कम करने के लिए सबसे बड़ा जरिया रोजाना की कसरत है. कम से कम पैंतालीस मिनट की कसरत रोज करने की आवश्यकता है. इसके अलावा भोजन में हरी सब्जियों को शामिल करना होगा. तंबाकू, धूम्रपान, शराब का सेवन हर हाल में छोड़ना होगा. रोकथाम के उपायों के तहत मधुमेह का टेस्ट नियमित समय पर करवाना चाहिए. ताकि समय पर बीमारी का पता चले और उसका निवारण हो सके. बीपी को नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से दवाइयों का प्रयोग करना चाहिए. डॉ. कंदौरिया का कहना है कि हार्ट अटैक से बचने के लिए जागरुकता की जरूरत है. चालीस साल से कम आयु के लोग सेहत के प्रति लापरवाह रहते हैं. उन्हें मालूम ही नहीं पड़ता कि कब हाई बीपी और मधुमेह ने उनको जकड़ लिया है. (Tips for Healthy Heart) (World Heart Day and Himachal) (Heart disease prevention)

ये भी पढ़ें : World Heart Day : जवानी में ऐसे रखें दिल का ख्याल तो रहेंगे स्वस्थ और खुशहाल, विश्व हृदय दिवस विशेष

शिमला: आज World Heart Day है, हर साल 29 सितंबर को मनाया जाता है. दुनिया भर में दिल की बीमारियों के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए इस दिन का विशेष महत्व है. WHO की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में हर तीन लोगों में से एक शख्स की मौत दिल की बीमारी से हो रही है. कहते हैं कि साफ हवा और वातावरण कई बीमारियों की दवा होती है. पहाड़ी राज्य हिमाचल में साफ हवा और वातावरण भी है लेकिन फिर भी यहां के लोग दिल की बीमारी का शिकार हो रहे हैं. देश और दुनिया के साथ पहाड़ का दिल भी बीमार है. एक अध्ययन के मुताबिक हिमाचल में हर साल साढ़े तीन हजार लोगों को दिल का दौरा पड़ता है. (World Heart Day 2022) (Heart Disease in Himachal)

बैठ रहा है पहाड़ का दिल- आईजीएमसी अस्पताल के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट ने हिमाचल के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों की जांच की, इस टीम में शामिल डॉक्टर्स और लैब टैक्नीशियंस ने प्रदेश भर में कामकाजी लोगों, युवाओं, महिलाओं, दुकानदारों, छात्रों आदि के ब्लड टेस्ट व अन्य स्वास्थ्य जांच की. इस जांच की बाकायदा डॉक्यूमेंटेशन की गई, इस अध्ययन के कई चौंकाने वाले परिणाम सामने आ चुके हैं. अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल में हर साल साढ़े तीन हजार लोगों को हार्ट अटैक का सामना करना पड़ता है. हार्ट अटैक के कारण हर साल डेढ़ सौ लोगों को असमय ही मौत हो जाती है. वैसे तो सेहतमंद रहने के लिए लोगों को साफ हवा और बेहतर वातावरण वाले पहाड़ी स्थानों पर बसने की सलाह दी जाती है, लेकिन देखने में आ रहा है कि अब पहाड़ में भी लोग दिल की बीमारियों से जूझ रहे हैं. हिमाचल में बढ़ रहे दिल के मरीज खतरे की घंटी बजा रहे हैं.

जवान दिल भी हो रहे बीमार- इस अध्ययन में सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि जवान दिल भी बीमार हो रहे हैं. हिमाचल में हर साल 40 साल से कम उम्र के 200 लोगों को हर साल दिल का दौरा पड़ रहा है. देशभर में भी कुछ यही हाल है, आम हो या खास 40 साल से कम उम्र के लोगों का दिल बीमार हो रहा है. बीते वक्त में कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव से लेकर साउथ के सुपर स्टार पुनीत राजकुमार और सोनाली फोगाट से लेकर सिद्धार्थ शुक्ला तक की मौत की वजह दिल का दौरा ही था. ऐसे कई सेलिब्रिटी हैं जिनकी 40 की उम्र में हार्ट अटैक के मौत हुई है. (Heart patients in Himachal)

क्या कहते हैं एक्सपर्ट- आईजीएमसी अस्पताल में सेवाएं दे चुके मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. राजेश कश्यप का कहना है कि लोगों को आरामपरस्ती की आदत छोडऩी होगी. खान-पान पर ध्यान देना होगा। सुबह व शाम की सैर तो सबसे जरूरी है. इसके अलावा शारीरिक श्रम करने से मोटापे से बच सकते हैं और यदि मोटापे को पास न फटकने दिया तो मधुमेह की आशंका भी नहीं रहेगी. शराब, सिगरेट समेत हर तरह के नशे से दूर रहना होगा, ऐसा करने से कई बीमारियां आपके आस-पास भी नहीं फटकेंगी.

मधुमेह पर आईसीएमआर के लिए अध्ययन रिपोर्ट तैयार करने वाले आईजीएमसी अस्पताल के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. जितेंद्र मोक्टा के मुताबिक हिमाचल में टाइप टू मधुमेह चिंताजनक रूप से बढ़ा है. टाइप टू मधुमेह में हिमाचल देश में सातवें स्थान पर है और कुल 31 फीसदी लोग हाई ब्लड प्रेशर का शिकार हैं.

कार्डियोलॉजिस्ट प्रोफेसर अरविंद कंदौरियां का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में दिल की बीमारी के मरीज बढऩे के पीछे मुख्य कारण धूम्रपान करना है. धूम्रपान के अलावा हाई बीपी और डायबिटिज अन्य वजहें हैं. स्मोकिंग का बुरा प्रभाव दिल पर पड़ता है. हाई बीपी का एक कारण स्मोकिंग भी है. इसके अलावा मधुमेह के कारण भी दिल के रोग बढ़ रहे हैं. दुनियाभर में भारत को डायबिटिज की कैपिटल कहा जा रहा है. हिमाचल जैसा पहाड़ी राज्य भी इसकी चपेट में है. मधुमेह के अन्य कारणों में हाई कोलेस्ट्राल भी है और ये सब मिलकर हार्ट अटैक को निमंत्रण दे रहे हैं. चिंता की बात है कि हाई बीपी, डायबिटिज और हाई कोलेस्ट्राल वाले 50 फीसदी से अधिक लोग इस बात से अनजान हैं कि इन बीमारियों का असर सीधा उनके दिल पर पड़ रहा है. जागरुकता की कमी के कारण ये पचास फीसदी लोग हाई बीपी, डायबिटीज आदि को नियंत्रित करने के लिए दवाई लेने की जरूरत भी नहीं समझते. ऐसे में स्थिति बिगड़ती है और दिल का दौरा पड़ने में देर नहीं लगती.

कुछ वक्त पहले हिमाचल के सबसे बड़े अस्पताल IGMC के कॉर्डियोलोजी डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ. पीसी नेगी ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा था कि हिमाचल में हार्ट अटैक से होने वाली मौतों का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है. उनके मुताबिक अकेले शिमला में ही हर महीने 20 लोगों को हार्ट अटैक आ रहा है. हैरानी की बात ये है कि मौजूदा दौर में इस बीमारी का उम्र से कोई वास्ता नहीं है. पीसी नेगी के मुताबिक 20 साल के लोग भी हार्ट अटैक का शिकार हो रहे है और इसके लिए खान-पान, धूम्रपान, व्यायाम ना करना सबसे बड़ी वजह है. (heart patients increasing in Himachal)

क्यों डूब रहा पहाड़ का दिल- तेजी से भागते समय में लोग अपनी सेहत का ख्याल नहीं रख रहे. खान-पान की आदतों में बदलाव आया है. लोगों को फास्ट फूड की आदत पड़ गई है. खासकर बच्चे पूरी तरह से फास्ट फूड और जंक फूड के दीवाने हैं. व्यायाम भी लोगों की दिनचर्या से गायब हो रहा है. सोशल मीडिया और मोबाइल पर लोग अधिक समय बिता रहे हैं. ग्रामीण इलाकों से शहरों की तरफ पलायन बढ़ा है. प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले युवा वर्क लोड से परेशान हैं. इस कारण जीवन में तनाव पसर रहा है. ये तनाव बाद में दिल की बीमारियों को न्यौता दे रहे हैं.

खान-पान और व्यायाम से सेहतमंद रहेगा दिल- कार्डियोलॉजिस्ट प्रोफेसर अरविंद कंदौरिया के अनुसार दिल की बीमारियों को कम करने के लिए सबसे बड़ा जरिया रोजाना की कसरत है. कम से कम पैंतालीस मिनट की कसरत रोज करने की आवश्यकता है. इसके अलावा भोजन में हरी सब्जियों को शामिल करना होगा. तंबाकू, धूम्रपान, शराब का सेवन हर हाल में छोड़ना होगा. रोकथाम के उपायों के तहत मधुमेह का टेस्ट नियमित समय पर करवाना चाहिए. ताकि समय पर बीमारी का पता चले और उसका निवारण हो सके. बीपी को नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से दवाइयों का प्रयोग करना चाहिए. डॉ. कंदौरिया का कहना है कि हार्ट अटैक से बचने के लिए जागरुकता की जरूरत है. चालीस साल से कम आयु के लोग सेहत के प्रति लापरवाह रहते हैं. उन्हें मालूम ही नहीं पड़ता कि कब हाई बीपी और मधुमेह ने उनको जकड़ लिया है. (Tips for Healthy Heart) (World Heart Day and Himachal) (Heart disease prevention)

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