शिमला: शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज (Urban Development Minister Suresh Bhardwaj) ने शिमला शहर में तेंदुए (leopard in shimla) के आतंक से पैदा हुए भय के माहौल को देखते हुए अधिकारियों को एक संयुक्त कमेटी गठित करने के आदेश दिए. यह कमेटी शहर के आसपास वाले क्षेत्र जहां तेंदुए का खतरा अधिक हैं को चिन्हित करेगी. इन हाॅटस्पाॅट्स और इनके आसपास सुरक्षा की दृष्टि से सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.
प्रदेश सचिवालय में आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए सुरेश भारद्वाज ने कहा कि शिमला महानगर में जंगल का क्षेत्र भी काफी अधिक है और ऐसा क्षेत्र भी काफी है जहां घने पेड़ हैं और लोगों के घर भी हैं. कुछ समय पूर्व शहर के कनलोग वार्ड में बच्चे को जंगली जानवर उठाकर ले गया था. स्थानीय लोगों के अनुसार बच्चे को तेंदुआ उठाकर ले गया था. अब कुछ ही दिन पहले शहर के फागली वार्ड में भी इसी प्रकार की घटना हुई. स्थानीय लोगों ने अंदेशा जताया है कि यहां से भी बच्चे को जंगली जानवर उठाकर ले गया है.
हालांकि प्रशासन की तरफ से अभी जांच जारी है. वन्य विंग के अधिकारी भी पूरा मामले की जांच में जुटे हुए हैं. इसके अलावा स्थानीय प्रशासन भी जांच कर रहा है. लैब से रिपोर्ट आने के बाद अगर यहां भी सुराग मिल जाते हैं कि बच्चे को तेंदुआ उठाकर ले गया है तो फिर वन्य विंग इस तेंदुए को आदमखोर घोषित कर सकता है. ताकि जल्द तेंदुए को पकड़ा जाए या फिर मारा जा सके.
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सुरेश भारद्वाज ने कहा कि हॉटस्पॉट को चिन्हित करने के लिए इस कमेटी में जिला प्रशासन और नगर निगम शिमला से भी अधिकारी शामिल होंगे. उन्होंने इस संबंध में वन विभाग को सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि हॉटस्पॉट को चिन्हित कर वहां कैमरा और पिंजरे जल्द लगाए जाएं. इसके साथ ही उन्होंने सूचना के लिए एक फोन नंबर जारी करने के भी निर्देश दिए जिस पर संबंधित जानकारी दी जा सके और यदि जनता की तरफ से कोई फीडबैक हो तो इस नंबर पर दी जा सके.
कैबिनेट मंत्री ने वन एवं पुलिस विभाग (Forest and Police Department) को खोजी अभियान जारी रखने को भी कहा. शहरी विकास मंत्री ने शिमला नगर निगम (Shimla Municipal Corporation) को ऐसे स्थानों पर स्ट्रीट लाइट्स लगाने के भी निर्देश दिए जिसके लिए शहरी विकास विभाग से नगर निगम को धनराशि प्रदान की जाएगी. बैठक में प्रमुख सचिव शहरी विकास रजनीश, उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी, वन विभाग, नगर निगम और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
कांग्रेस ने आदमखोर तेंदुए को मारने की उठाई मांग: राजधानी शिमला में तेंदुए को न पकड़ने और प्रभावित परिवार को मदद न देने पर कांग्रेस ने सरकार और वन विभाग पर निशाना साधा है. इसके साथ ही इस पूरे घटनाक्रम पर सवाल भी खड़े किए हैं. साथ ही प्रभावित परिवार को जल्द मुआवजा देने की मांग की है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व डिप्टी मेयर हरीश जनारथा (Former Deputy Mayor Harish Janartha) ने कहा कि कुछ माह पहले कनलोग में तेंदुए ने छोटे बच्चे को शिकार बनाया था, जिसके बाद भी नगर निगम की नींद नहीं खुली और अब शहर के बीचोबीच डाउन डेल में 6 साल के बच्चे को तेंदुए को उठा ले गया.
जनारथा ने कहा कि 6 दिन बाद अभी तक वन विभाग तेंदुए को न पकड़ने की कोशिश की और न ही उसे मारने के निर्देश दिए, जबकि अभी भी साथ लगते क्षेत्रों में तेंदुए को देखा गया है. इसके चलते लोग खौफ के साए में जी रहे हैं. उन्होंने कहा कि वन विभाग को जल्द से जल्द इस तेंदुए को मारने के लिए शूटर जंगलों में भेजने चाहिए और यदि ये आदमखोर हो गया तो उसे मारा जा चाहिए ताकि किसी ओर को ये तेंदुआ अपना शिकार न बनाए.
वहीं, हरीश जनारथा ने प्रशासन और सरकार के किसी भी नुमांइदे का पीड़ित परिवार के घर न जाने पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि 6 दिन बीत जाने के बाद भी कोई प्रशासन का अधिकारी और सरकार का नुमायदा परिजनों से मिलने नहीं गया है और न ही कोई आर्थिक मदद दी है. ऐसे में शहर वासियों को सुरक्षा देने में ये सरकार गंभीर नजर नहीं आ रही है. उन्होंने कहा कि सरकार बैठकें कर जल्द इस तेंदुए को पकड़े या फिर इसे मारने के निर्देश जारी करे, ताकि किसी ओर की जान ये आदमखोर तेंदुआ न ले.
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