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एमसी हाउस में पानी-पार्किंग पर हंगामा, जल निगम के अधिकारियों पर लगाए दुर्व्यवहार के आरोप - शिमला में जल निगम के अधिकारी

नगर निगम शिमला (Municipal Corporation Shimla) की मासिक बैठक में शहर में पानी और पार्किंग के मुद्द पर जमकर हंगामा हुआ. बैठक शुरू होते ही पार्षदों ने शहर में पानी की आपूर्ति करने वाली कंपनी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए. वहीं, नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल (Municipal Corporation Mayor Satya Kaundal) ने अधिकारियों के पार्षदों के इस तरह के व्यवहार को दुर्भाग्यपूर्ण बताया.

Monthly meeting of Municipal Corporation Shimla
एमसी हाउस में पानी और पार्किंग के मुद्दे पर हंगामा.
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Published : Oct 29, 2021, 6:11 PM IST

Updated : Oct 29, 2021, 6:56 PM IST

शिमला: नगर निगम शिमला की मासिक बैठक (Monthly meeting of Municipal Corporation Shimla) में एक बार फिर हंगामा देखने को मिला. शुक्रवार को बैठक शुरू होते ही पार्षदों ने शहर में पानी की आपूर्ति करने वाली कंपनी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए. इतना ही नहीं पार्षदों ने कपंनी के अधिकारियों पर पार्षदों के साथ दुर्व्यवहार के आरोप भी लगाए. पार्षदों ने बताया कि उनके वार्ड में चार-चार दिनों तक पानी नहीं आता है और जब एजीएम को इस संबंध में कॉल किया जाता है, तो वह फोन नहीं उठाते.

वहीं, बीते दिनों पार्षद दिवाकर देव शर्मा के साथ जल निगम के एजीएम द्वारा किए गए दुर्व्यवहार को लेकर हाउस में जमकर हंगामा हुआ. ज्यादातर पार्षदों ने दिवाकर देव शर्मा का पक्ष लेते हुए एसजेपीएनएल के एजीएम को उनके साथ किए गए दुर्व्यवहार पर माफी मांगने को कहा. कई पार्षद ने आरोप लगाया कि उनके वार्ड में बीते कई दिनों से पानी नहीं आया है. पार्षदों ने इस पर भी सवाल किए कि आखिर हाउस में कपंनी के अधिकारी मौजूद क्यों नहीं है.

वीडियो.

पार्षद दिवाकर देव शर्मा ने बताया कि बीते दिनों जब उन्होंने एजीएम हरमेश भाटिया को फोन किया तो, उन्होंने फोन का जवाब नहीं दिया. उसके बाद जब वह उनसे मिलने पहुंचे, तो अधिकारी दफ्तर में नहीं मिले.उसी दिन वह दोबार शाम को उनसे मिलने पहुंचे, इस दौरान एजीएम और पार्षद के बीच में बहस हो गई. पार्षद का आरोप है कि एजीएम ने उनके साथ गाली-गलौज की और अभद्र भाषा का प्रयोग किया. वहीं, एजीएम हरमेश भाटिया का कहना है कि उन्होंने पार्षद के साथ कोई गाली-गलौज नहीं की, बल्कि उल्टा पार्षद ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया.

Monthly meeting of Municipal Corporation Shimla
एमसी हाउस में पानी और पार्किंग के मुद्दे पर हंगामा.

बैठक में पार्षदों ने अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल (Municipal Corporation Mayor Satya Kaundal) ने अधिकारियों के पार्षदों के इस तरह के व्यवहार को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया. उन्होंने कहा पार्षद जनता के द्वारा चुन के आते हैं और इस तरह का व्यवहार किसी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा, इसके लिए अधिकारी से जवाब तलब किया गया है.

Monthly meeting of Municipal Corporation Shimla
एमसी हाउस में पानी और पार्किंग के मुद्दे पर हंगामा.

ये भी पढ़ें: वोट है जरूरी: मतदान के लिए कुल्लुवी बोली के माध्यम से जनता को किया जा रहा जागरूक

एमसी हाउस में इंजन घर वार्ड की पार्षद आरती चौहान ने आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने सवाल पूछा कि निगम बताए कि किस आधार पर कुछ आउटसोर्स कर्मचारियों का वेतन 8 से 25 हजार बढ़ाया गया है. उन्होंने आयुक्त से इस संबंध में सभी तथ्य और प्रमाण हाउस में रखने को कहा. उन्होंने कहा कि जब किसी भी प्रस्ताव पर चर्चा करनी होती है या कूड़े-पानी के बिल बढ़ाने होते हैं, तो उस पर हाउस में चर्चा की जाती है. उन्होंने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारियों का वेतन बिना किसी चार्चा के ही बढ़ा दिया गया.

ये भी पढ़ें: इस वर्ष भी धामी में नहीं बरसेंगे पत्थर, पूजा-पाठ के साथ होगी रस्म अदायगी

शिमला: नगर निगम शिमला की मासिक बैठक (Monthly meeting of Municipal Corporation Shimla) में एक बार फिर हंगामा देखने को मिला. शुक्रवार को बैठक शुरू होते ही पार्षदों ने शहर में पानी की आपूर्ति करने वाली कंपनी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए. इतना ही नहीं पार्षदों ने कपंनी के अधिकारियों पर पार्षदों के साथ दुर्व्यवहार के आरोप भी लगाए. पार्षदों ने बताया कि उनके वार्ड में चार-चार दिनों तक पानी नहीं आता है और जब एजीएम को इस संबंध में कॉल किया जाता है, तो वह फोन नहीं उठाते.

वहीं, बीते दिनों पार्षद दिवाकर देव शर्मा के साथ जल निगम के एजीएम द्वारा किए गए दुर्व्यवहार को लेकर हाउस में जमकर हंगामा हुआ. ज्यादातर पार्षदों ने दिवाकर देव शर्मा का पक्ष लेते हुए एसजेपीएनएल के एजीएम को उनके साथ किए गए दुर्व्यवहार पर माफी मांगने को कहा. कई पार्षद ने आरोप लगाया कि उनके वार्ड में बीते कई दिनों से पानी नहीं आया है. पार्षदों ने इस पर भी सवाल किए कि आखिर हाउस में कपंनी के अधिकारी मौजूद क्यों नहीं है.

वीडियो.

पार्षद दिवाकर देव शर्मा ने बताया कि बीते दिनों जब उन्होंने एजीएम हरमेश भाटिया को फोन किया तो, उन्होंने फोन का जवाब नहीं दिया. उसके बाद जब वह उनसे मिलने पहुंचे, तो अधिकारी दफ्तर में नहीं मिले.उसी दिन वह दोबार शाम को उनसे मिलने पहुंचे, इस दौरान एजीएम और पार्षद के बीच में बहस हो गई. पार्षद का आरोप है कि एजीएम ने उनके साथ गाली-गलौज की और अभद्र भाषा का प्रयोग किया. वहीं, एजीएम हरमेश भाटिया का कहना है कि उन्होंने पार्षद के साथ कोई गाली-गलौज नहीं की, बल्कि उल्टा पार्षद ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया.

Monthly meeting of Municipal Corporation Shimla
एमसी हाउस में पानी और पार्किंग के मुद्दे पर हंगामा.

बैठक में पार्षदों ने अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल (Municipal Corporation Mayor Satya Kaundal) ने अधिकारियों के पार्षदों के इस तरह के व्यवहार को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया. उन्होंने कहा पार्षद जनता के द्वारा चुन के आते हैं और इस तरह का व्यवहार किसी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा, इसके लिए अधिकारी से जवाब तलब किया गया है.

Monthly meeting of Municipal Corporation Shimla
एमसी हाउस में पानी और पार्किंग के मुद्दे पर हंगामा.

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एमसी हाउस में इंजन घर वार्ड की पार्षद आरती चौहान ने आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने सवाल पूछा कि निगम बताए कि किस आधार पर कुछ आउटसोर्स कर्मचारियों का वेतन 8 से 25 हजार बढ़ाया गया है. उन्होंने आयुक्त से इस संबंध में सभी तथ्य और प्रमाण हाउस में रखने को कहा. उन्होंने कहा कि जब किसी भी प्रस्ताव पर चर्चा करनी होती है या कूड़े-पानी के बिल बढ़ाने होते हैं, तो उस पर हाउस में चर्चा की जाती है. उन्होंने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारियों का वेतन बिना किसी चार्चा के ही बढ़ा दिया गया.

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Last Updated : Oct 29, 2021, 6:56 PM IST
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