शिमला: उमंग फाउंडेशन ने कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ा कर प्रशासन की सांठगांठ से हजारों लोगों द्वारा नालागढ़ में पीर बाबा के मेले (Pirsthan Fair of Nalagarh) में हिस्सा लेने की शिकायत मुख्य सचिव राम सुभग सिंह से की है. उमंग फाउंडेशन की ओर से शिकायत में कहा गया है कि प्रशासन ने कोविड के बहाने से उमंग फाउंडेशन को नालागढ़ में रक्तदान शिविर लगाने की मंजूरी नहीं दी थी.
शिकायत में सोलन के मुख्य चिकित्सा अधिकारी और नालागढ़ के एसडीएम एवं अन्य संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध संक्रमण फैलाने (Corona cases in Himachal) के मामले में केस दर्ज कर उन्हें निलंबित करने की मांग की गई है. मेला एक सप्ताह से बिना रोकटोक चल रहा है और अब तक उसमें कई हजार लोग शामिल हो चुके हैं. मुख्य सचिव ने तुरंत मेला बंद कराने का आश्वासन भी दिया है.
उमंग फाउंडेशन के (Umang Foundation Himachal) अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने अपनी शिकायत में प्रमाण के तौर पर समाचार पत्रों की खबरें भी लगाई हैं. उन्होंने मुख्य सचिव से कहा है कि यह डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट का खुला उल्लंघन है. मेले में 2 गज की दूरी, मास्क एवं सैनिटाइजर जैसे सुरक्षा उपाय दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहे. उन्होंने कहा कि प्रशासन की नाक तले इतनी बड़ी व्यापारिक गतिविधि चलाने में भ्रष्टाचार की गुंजाइश भी नजर आती है.
उन्होंने मुख्य सचिव से मांग की है कि मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और मुख्य चिकित्सा अधिकारी, नालागढ़ के एसडीएम एवं अन्य संबंधित अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए, ताकि वे जांच को प्रभावित न कर सकें. उन्होंने कहा कि यह अत्यंत गंभीर मामला है और सोलन जिला प्रशासन ने लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया है.
प्रो. अजय श्रीवास्तव ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा 20 मार्च 2020 और 17 मई 2021 को रक्तदान शिविरों को कोविड-19 के तहत मंजूरी देने के के निर्देश सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को दिए गए थे. इसके बावजूद सोलन के मुख्य चिकित्सा अधिकारी और नालागढ़ के एसडीएम ने उमंग फाउंडेशन को रक्तदान शिविर लगाने की मंजूरी नहीं दी. इसकी शिकायत मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से भी की गई. लेकिन, यही अधिकारी एक हफ्ते तक पीर स्थान में मेला चलवाते रहे.
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