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SHIMLA: ITI सुन्नी के छात्रों ने गुम्मा पेयजल योजना में जाकर जानी बारिकियां - Purification of Water

शिमला में गुम्मा पेयजल योजना का दौरा आईटीआई सुन्नी के छात्रों ने किया. इस दौरान उन्होंने पानी की पंपिंग और पानी लिफ्ट करने की बारीकियां जानी. इस मौके पर छात्रों को पानी को किस तरह शुद्ध किया जाता है यह भी बताया गया.

गुम्मा पेयजल योजना
गुम्मा पेयजल योजना
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Published : Aug 20, 2021, 4:16 PM IST

शिमलाः शहर की जल आपूर्ति करने वाली गुम्मा पेयजल योजना (Gumma Water Project) से पानी की पंपिंग और पानी लिफ्ट करने की बारीकियां जानने के लिए आईटीआई सुन्नी (ITI Sunni) के विद्यार्थियों ने गुम्मा पेयजल योजना का दौरा किया. गुम्मा पेयजल योजना प्लांट पहुंचकर आईटीआई की विद्यार्थियों ने पानी की पंपिंग और लिफ्टिंग के बारे में जानकारी प्राप्त की. इस दौरान बल्क वाटर सप्लाई मैनेजर राजीव शर्मा ने आईटीआई के विद्यार्थियों को पानी की पंपिंग में के बारे में जानकारी दी. साथ ही विद्यार्थियों को पानी के शुद्धिकरण (Purification of Water) के बारे में भी विद्यार्थियों को जानकारी दी गई.



गुम्मा पेयजल योजना के बल्क सप्लाई मैनेजर ने आईटीआई सुन्नी के विद्यार्थियों को जानकारी देते हुए बताया कि लोगों को शुद्ध जल उपलब्ध (Pure water supply for Shimla) करवाना बेहद महत्वपूर्ण है. इसके लिए पानी को पहले शुद्ध किया जाता है और पानी की टेस्टिंग करने के बाद ही लोगों को पानी सप्लाई किया जाता है. साल 2017 में अश्वनी खड्ड से खराब गुणवत्ता वाले पानी की वजह से शहर भर में पीलिया की बीमारी (Jaundice in Shimla) फैल गई थी. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि आम लोगों को शुद्ध जल उपलब्ध हो.


बता दें कि शिमला शहर की आबादी (Population of Shimla City) करीब ढाई लाख है. शहर की आबादी को जल उपलब्ध करवाने के लिए रोजाना करीब 46 एमएलडी पानी की जरूरत होती है. शिमला शहर की बड़ी आबादी के लिए जलापूर्ति गुम्मा पेयजल योजना से पूरी होती है. इस परियोजना से शिमला शहर को रोजाना 18 से 20 एमएलडी पानी मिलता है.

शिमलाः शहर की जल आपूर्ति करने वाली गुम्मा पेयजल योजना (Gumma Water Project) से पानी की पंपिंग और पानी लिफ्ट करने की बारीकियां जानने के लिए आईटीआई सुन्नी (ITI Sunni) के विद्यार्थियों ने गुम्मा पेयजल योजना का दौरा किया. गुम्मा पेयजल योजना प्लांट पहुंचकर आईटीआई की विद्यार्थियों ने पानी की पंपिंग और लिफ्टिंग के बारे में जानकारी प्राप्त की. इस दौरान बल्क वाटर सप्लाई मैनेजर राजीव शर्मा ने आईटीआई के विद्यार्थियों को पानी की पंपिंग में के बारे में जानकारी दी. साथ ही विद्यार्थियों को पानी के शुद्धिकरण (Purification of Water) के बारे में भी विद्यार्थियों को जानकारी दी गई.



गुम्मा पेयजल योजना के बल्क सप्लाई मैनेजर ने आईटीआई सुन्नी के विद्यार्थियों को जानकारी देते हुए बताया कि लोगों को शुद्ध जल उपलब्ध (Pure water supply for Shimla) करवाना बेहद महत्वपूर्ण है. इसके लिए पानी को पहले शुद्ध किया जाता है और पानी की टेस्टिंग करने के बाद ही लोगों को पानी सप्लाई किया जाता है. साल 2017 में अश्वनी खड्ड से खराब गुणवत्ता वाले पानी की वजह से शहर भर में पीलिया की बीमारी (Jaundice in Shimla) फैल गई थी. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि आम लोगों को शुद्ध जल उपलब्ध हो.


बता दें कि शिमला शहर की आबादी (Population of Shimla City) करीब ढाई लाख है. शहर की आबादी को जल उपलब्ध करवाने के लिए रोजाना करीब 46 एमएलडी पानी की जरूरत होती है. शिमला शहर की बड़ी आबादी के लिए जलापूर्ति गुम्मा पेयजल योजना से पूरी होती है. इस परियोजना से शिमला शहर को रोजाना 18 से 20 एमएलडी पानी मिलता है.

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