शिमला: कोरोना की संभावित तीसरी लहर की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई है. इसी कड़ी में सूबे के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में (IGMC) स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक आईजीएमसी में 40 बेड तैयार किए गए हैं. यह स्पेशल बेड बच्चों के इलाज के लिए तैयार किए गए हैं. दो ऑक्सीजन प्लांट सहित अन्य आवश्यक चीजों को ध्यान में रखते हुए तैयारियां की जा रही है. जिले के सभी ब्लॉकों में मेडिकल, पैरामेडिकल स्टाफ(paramedical staff) को पहले ही ट्रेनिंग दी गई है. वहीं, अब क्लास फोर कर्मचारियों को भी विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है. ट्रेनिंग के दौराना यह बताया जा रहा है कि बच्चों को तीसरी लहर के दौरान अस्पताल में कैसे संभाला जाएगा.
बता दें कि कुछ दिनों से लगातार प्रदेश में कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है. आईजीएमसी में मई माह में ऐसा भी समय आया था कि जब सिर्फ ओपीडी में 500 के करीब ही मरीज अपना उपचार करवाने आते थे, लेकिन इन दिनों 3 हजार के करीब ओपीडी है. यहां पर 30 से ज्यादा करीब मरीज अभी भी कोरोना के भर्ती है.
हाल ही में शिमला के टिक्कर तहसील के पुजारली-4 स्कूल में 11वीं व 12वीं कक्षा के 9 छात्र पॉजिटिव पाए गए थे. इसके साथ ही आईटीआई टिक्कर(ITI Tikkar) का एक छात्र और उसके माता-पिता भी पॉजिटिव हुए थे. जिसके चलते स्कूल को 6 से 9 अगस्त तक माइक्रो कंटेनमेंट जोन में(micro containment zone) तब्दील किया गया. आईटीआई में कोरोना संक्रमित छात्र के सभी सहपाठियों के टेस्ट किए गए. आईटीआई को भी उस दौरान 48 घंटों के लिए बंद कर दिया गया था.
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