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मौसम की मार! हिमाचल में प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ने से घटी पर्यटकों की आमद

मानसून के दौरान हिमाचल प्रदेश में बढ़ी प्राकृतिक आपदाओं (natural disasters) ने पर्यटकों को डरा दिया है. हिमाचल टूर एंड ट्रैवल एसोसिएशन (Himachal Tour and Travel Association) के अध्यक्ष नवीन पाल का कहना है कि प्राकृतिक आपदाओं के चलते प्रदेशभर के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर आने वाले पर्यटकों की संख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है.

tourism in himachal pradesh
प्राकृतिक आपदा बढ़ने से हिमाचल में घटी पर्यटकों की संख्या.
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Published : Aug 2, 2021, 7:51 PM IST

शिमलाः हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश आफत बनकर बरसी है. मानसून के दौरान हिमाचल प्रदेश में बढ़ी प्राकृतिक आपदाओं (natural disasters) ने पर्यटकों को डरा दिया है. बीते दिनों धर्मशाला, किन्नौर और लाहौल-स्पीति में हुई भयंकर तबाही की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों की आमद में गिरावट देखने को मिल रही है. कोरोना के आंकड़ों में गिरावट के बीच हुए अनलॉक के बाद प्रदेश में पर्यटन स्थलों (tourist places in Himachal Pradesh) पर भारी भीड़ देखने को मिल रही थी, लेकिन मानसून आते ही पर इन पर्यटन क्षेत्रो में भीड़ में कमी आयी है.

शिमला होटल-रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष (President of Shimla Hotel-Restaurant Association) संजय सूद का कहना है कि बीते दिनों के मुकाबले शिमला में पर्यटकों की आमद में गिरावट देखने को मिली है. हालांकि वीकेंड पर 70 से 80 फीसदी ऑक्यूपेंसी है, लेकिन वीक डेज पर ऑक्यूपेंसी (Occupancy on weekdays) में भारी गिरावट दर्ज की गई है. संजय सूद ने बताया कि यूं तो हर साल मानसून आते ही पर्यटकों की आमद में गिरावट आती है, लेकिन हिमाचल प्रदेश के विभिन्न इलाकों में प्राकृतिक आपदा की घटनाएं बढ़ने से भी पाठकों की आमद में कमी आई है. अधिकतर लोग परिवार के साथ घूमने के लिए आते हैं और इस बीच सोशल मीडिया (Social media) पर प्राकृतिक आपदाओं की वीडियो वायरल होने से लोगों में डर पैदा हुआ है.

वहीं, हिमाचल टूर एंड ट्रैवल एसोसिएशन (Himachal Tour and Travel Association) के अध्यक्ष नवीन पाल का कहना है कि प्रदेशभर के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर आने वाले पर्यटकों की संख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है. कई लोगों ने अपनी एडवांस बुकिंग तक रद्द करवा दी है. कोरोना की वजह से बुरी तरह प्रभावित हुआ पर्यटन कारोबार (tourism business) धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा था. इस बीच प्राकृतिक आपदाओं की वजह से पर्यटन कारोबारियों को नुकसान झेलना पड़ रहा है.

शिमला शहर के शोघी बैरियर पर अनलॉक के बाद वीकेंड पर करीब आठ हजार गाड़ियों की आवाजाही दर्ज की जा रही थी, लेकिन इस वीकेंड पर यह आवाजाही घटकर दो हजार गाड़ियों तक पहुंच गई. इससे सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की आमद में गिरावट आई है. वहीं, इस वीकेंड पर हिमाचल प्रदेश की अंतरराज्यीय सीमा परवाणू (Himachal Pradesh inter state border Parwanoo) पर भी पर्यटकों के वाहनों का जाम देखने को नहीं मिला.

बता दें कि सोमवार, 12 जुलाई को कांगड़ा जिले शाहपुर में बारिश से जानमाल का भारी नुकसान हुआ. बारिश से 10 लोगों की मौत के साथ करीब 60 करोड़ का नुकसान हुआ. खड्ड में आई बाढ़ की वजह से कई घर जमींदोज हो गए तो कई कारें पानी में बह गईं. बाढ़ की स्थिति पैदा होने के बाद नदी और खड्ड के किनारे से लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों का रुख किया.

इसके बाद रविवार, 25 जुलाई को किन्नौर के बटसेरी में पहाड़ी से चट्टानें टूटकर गिरी. इस हादसे में 9 पर्यटकों की जान गई थी, जिसमें राजस्थान के 4, छत्तीसगढ़ के 2, दिल्ली के 2 और महाराष्ट्र के 1 पर्यटक शामिल थे. इस हादसे में कई लोग जख्मी भी हुए.

बीते बुधवार, 28 जुलाई को लाहौल स्पीति के तोजिंग नाला (Tojing Nala) में आई बाढ़ में 10 लोग लापता हो गए थे. इसमें से 7 लोगों के शवों को बरामद कर लिया गया है जबकि तीन की तलाश अभी भी जारी है. इसके अलावा जिला प्रशासन के अधिकारी लगातार लोगों की मदद करने में जुटे हुए हैं. बाढ़ की वजह से जहां-जहां पर्यटक और स्थानीय लोग फंसे हुए हैं उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. कहीं न कहीं बाढ़ और लैंडस्लाइड की घटनाएं पर्यटकों में डर पैदा कर रही हैं. हालांकि प्रशासन लगातार बरसात के मौसम में लोगों और पर्यटकों से सावधानी बरतने की अपील कर रहा है.

ये भी पढ़ें: कड़ी सुरक्षा के बीच हिमाचल विधानसभा का मानसून सत्र शुरू, पहली बार ड्रोन कैमरे से निगरानी

ये भी पढ़ें: निर्धन बेटा-बेटियों को डॉक्टर-इंजीनियर बनाएंगी मां नैना देवी, जानिए कैसे मिलेगा माता का 'आशीर्वाद'

शिमलाः हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश आफत बनकर बरसी है. मानसून के दौरान हिमाचल प्रदेश में बढ़ी प्राकृतिक आपदाओं (natural disasters) ने पर्यटकों को डरा दिया है. बीते दिनों धर्मशाला, किन्नौर और लाहौल-स्पीति में हुई भयंकर तबाही की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों की आमद में गिरावट देखने को मिल रही है. कोरोना के आंकड़ों में गिरावट के बीच हुए अनलॉक के बाद प्रदेश में पर्यटन स्थलों (tourist places in Himachal Pradesh) पर भारी भीड़ देखने को मिल रही थी, लेकिन मानसून आते ही पर इन पर्यटन क्षेत्रो में भीड़ में कमी आयी है.

शिमला होटल-रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष (President of Shimla Hotel-Restaurant Association) संजय सूद का कहना है कि बीते दिनों के मुकाबले शिमला में पर्यटकों की आमद में गिरावट देखने को मिली है. हालांकि वीकेंड पर 70 से 80 फीसदी ऑक्यूपेंसी है, लेकिन वीक डेज पर ऑक्यूपेंसी (Occupancy on weekdays) में भारी गिरावट दर्ज की गई है. संजय सूद ने बताया कि यूं तो हर साल मानसून आते ही पर्यटकों की आमद में गिरावट आती है, लेकिन हिमाचल प्रदेश के विभिन्न इलाकों में प्राकृतिक आपदा की घटनाएं बढ़ने से भी पाठकों की आमद में कमी आई है. अधिकतर लोग परिवार के साथ घूमने के लिए आते हैं और इस बीच सोशल मीडिया (Social media) पर प्राकृतिक आपदाओं की वीडियो वायरल होने से लोगों में डर पैदा हुआ है.

वहीं, हिमाचल टूर एंड ट्रैवल एसोसिएशन (Himachal Tour and Travel Association) के अध्यक्ष नवीन पाल का कहना है कि प्रदेशभर के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर आने वाले पर्यटकों की संख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है. कई लोगों ने अपनी एडवांस बुकिंग तक रद्द करवा दी है. कोरोना की वजह से बुरी तरह प्रभावित हुआ पर्यटन कारोबार (tourism business) धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा था. इस बीच प्राकृतिक आपदाओं की वजह से पर्यटन कारोबारियों को नुकसान झेलना पड़ रहा है.

शिमला शहर के शोघी बैरियर पर अनलॉक के बाद वीकेंड पर करीब आठ हजार गाड़ियों की आवाजाही दर्ज की जा रही थी, लेकिन इस वीकेंड पर यह आवाजाही घटकर दो हजार गाड़ियों तक पहुंच गई. इससे सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की आमद में गिरावट आई है. वहीं, इस वीकेंड पर हिमाचल प्रदेश की अंतरराज्यीय सीमा परवाणू (Himachal Pradesh inter state border Parwanoo) पर भी पर्यटकों के वाहनों का जाम देखने को नहीं मिला.

बता दें कि सोमवार, 12 जुलाई को कांगड़ा जिले शाहपुर में बारिश से जानमाल का भारी नुकसान हुआ. बारिश से 10 लोगों की मौत के साथ करीब 60 करोड़ का नुकसान हुआ. खड्ड में आई बाढ़ की वजह से कई घर जमींदोज हो गए तो कई कारें पानी में बह गईं. बाढ़ की स्थिति पैदा होने के बाद नदी और खड्ड के किनारे से लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों का रुख किया.

इसके बाद रविवार, 25 जुलाई को किन्नौर के बटसेरी में पहाड़ी से चट्टानें टूटकर गिरी. इस हादसे में 9 पर्यटकों की जान गई थी, जिसमें राजस्थान के 4, छत्तीसगढ़ के 2, दिल्ली के 2 और महाराष्ट्र के 1 पर्यटक शामिल थे. इस हादसे में कई लोग जख्मी भी हुए.

बीते बुधवार, 28 जुलाई को लाहौल स्पीति के तोजिंग नाला (Tojing Nala) में आई बाढ़ में 10 लोग लापता हो गए थे. इसमें से 7 लोगों के शवों को बरामद कर लिया गया है जबकि तीन की तलाश अभी भी जारी है. इसके अलावा जिला प्रशासन के अधिकारी लगातार लोगों की मदद करने में जुटे हुए हैं. बाढ़ की वजह से जहां-जहां पर्यटक और स्थानीय लोग फंसे हुए हैं उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. कहीं न कहीं बाढ़ और लैंडस्लाइड की घटनाएं पर्यटकों में डर पैदा कर रही हैं. हालांकि प्रशासन लगातार बरसात के मौसम में लोगों और पर्यटकों से सावधानी बरतने की अपील कर रहा है.

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