शिमलाः हिमाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए कर्फ्यू लगाया गया है. सूबे में लगाए गए कोरोना कर्फ्यू में 31 मई की सुबह से ढील मिलना शुरू हो जाएगी. प्रदेश सरकार ने व्यापारियों को राहत देते हुए सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक दुकानें खोलने का समय दिया है.
हिमाचल प्रदेश में कर्फ्यू की वजह से संक्रमण के आंकड़ों में कमी भी देखने को मिल रही है. ऐसे में पर्यटन कारोबारियों में भी एक बार फिर उम्मीद जगी है. प्रदेश धीरे-धीरे अनलॉक की ओर बढ़ रहा है. ऐसे में कोरोना की मार झेल रहे पर्यटन कारोबार को कुछ फायदा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.
प्रदेश की जीडीपी में पर्यटन का 7 फीसदी हिस्सा
प्रदेश की जीडीपी में 7 फीसदी हिस्सा रखने वाले पर्यटन कारोबार पर कोरोना से बहुत बुरी मार पड़ी. कोरोना की वजह से लड़खड़ा रहा पर्यटन कारोबार दूसरी लहर के आने से डूब गया है. साल 2021 की शुरुआत में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी देखने को मिली. इसके बाद प्रदेश में भी पर्यटन पर्यटकों की आमद बढ़ी, लेकिन अप्रैल की शुरुआत में कोरोना के मामलों में एक बार फिर इजाफा हुआ और पर्यटन कारोबार पटरी से उतर गया. पर्यटन कारोबार के पटरी से उतरने के बाद टैक्सी चालक, घोड़ा संचालक, फोटोग्राफर, टूरिस्ट गाइड, एडवेंचर स्पोर्ट्स, टूर एंड ट्रैवल से जुड़े लोग, होटल मालिक रेस्टोरेंट मालिक और काम कर रहे कर्मचारियों पर गहरी मार पड़ी. हिमाचल प्रदेश के मुख्य पर्यटन नगरी मनाली और शिमला में लीज पर लिए होटल को भी लोगों ने छोड़ दिया.
प्रदेश सरकार से रियायत की मांग
शिमला होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सूद ने कहा कि प्रदेश में पर्यटकों को आने की तो छूट दी गई है, लेकिन आरटी-पीसीआर टेस्ट की बाध्यता की वजह से पर्यटक प्रदेश में नहीं आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से आरटी-पीसीआर टेस्ट को खत्म करने की बात भी कही गई, लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया. सूद ने कहा कि होटल आने पर सभी पर्यटकों को कोरोना प्रोटोकॉल के तहत ही ठहराया जाता है. होटल कारोबारियों की स्थिति को देखते हुए प्रदेश सरकार को छूट देनी चाहिए.
होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सूद ने कहा कि कोरोना संक्रमण की पहली लहर और दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित होने के बाद व्यवसायियों का वर्किंग कैपिटल भी शून्य हो गया है. होटल एसोसिएशन ने प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर वह वर्किंग कैपिटल के रूप में आर्थिक मदद की भी गुहार लगाई है.
पर्यटन कारोबार पटरी पर लौटने में लगेगा समय
प्रदेश टूर एंड ट्रेवल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन पॉल ने कहा कि कोरोना की वजह से पर्यटन कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. इस असाधारण समय में पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ. प्रदेश सरकार की ओर से राहत की बात कही गई, लेकिन जमीनी स्तर पर राहत से नहीं मिली.
पर्यटन कारोबार को राहत की उम्मीद
हिमाचल प्रदेश के अनलॉक की ओर बढ़ने से पर्यटन कारोबार को राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. प्रदेश के पड़ोसी राज्यों में भी संक्रमण के आंकड़ों में गिरावट देखने को मिली है और पड़ोसी राज्यों में भी कुछ रियायत दी जा रही हैं. ऐसे में बुरी तरह प्रभावित हुए पर्यटन कारोबार को कुछ हद तक राहत मिल सकती है, लेकिन कोरोना की वजह से बुरी तरह पर्यटन कारोबार को पटरी पर लौटने में अभी समय लगेगा.
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