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Ticket Formula in BJP: विधानसभा चुनावों 70 प्लस फॉर्मूला लगने पर इन दिग्गजों के टिकट पर चल सकती है कैंची - विधानसभा चुनाव में भाजपा का 70 प्लस फॉर्मूला

हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 ( Himachal Assembly Elections 2022) में अभी भले ही वक्त है, लेकिन मिशन रिपीट में कहीं कोई कमी न रह जाए इसके लिए भाजपा लगातार रणनीति तैयार कर रही है. लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा 70 साल अधिक उम्र के नेताओं को टिकट नहीं देगी. हालांकि एक-दो अपवादों में ही इस नियम से छूट मिलेगी. ऐसे में हिमाचल विधानसबा चुनाव से पहले प्रदेश में कई नेताओं के टिकट पर संकट मंडराने लगा है. संभावना जताई जा रही है कि कुछ कैबिनेट मंत्री के साथ कई विधायकों के टिकट कट सकते हैं. पढ़ें पूरी खबर...

Ticket Formula in BJP for Himachal Assembly Elections
विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा का 70 प्लस फॉर्मूला
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Published : Aug 3, 2022, 4:28 PM IST

शिमला: भाजपा द्वारा आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए 70 साल से कम उम्र के लोगों को ही टिकट देने पर सहमति बनने से हिमाचल में कई नेताओं के टिकट संकट मंडराने लगा है. एक-दो अपवादों में इस नियम से छूट मिलेगी. अगर ये नियम लागू हुआ तो भाजपा के मौजूदा सांसदों में से कई सांसदों को टिकट नहीं मिलेगा. हालांकि लोकसभा चुनाव तो अभी दूर है, लेकिन भाजपा हाईकमान विधानसभा चुनाव के लिए यह फॉर्मूला लगा देती है तो दो वरिष्ठ मंत्रियों और कई विधायकों, पूर्व विधायकों के टिकट कट सकते हैं.

पिछले दिनों भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (BJP National President JP Nadda) द्वारा दिल्ली में वरिष्ठ मंत्रियों और पार्टी के आला नेताओं के साथ हुई बैठक में 70 वर्ष से अधिक उम्र के नेताओं को लोकसभा का टिकट नहीं देने पर चर्चा हुई थी. इस बैठक के बाद से ही प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जारी है कि अगर प्रदेश में भी यह फॉर्मूला अपनाया जाता है तो फिर कई दिग्गजों को भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने से वंचित रहना पड़ेगा.

कई वरिष्ठ नेताओं का हिमाचल में कुछ माह बाद होने वाला विधानसभा चुनाव अंतिम होगा. इनमें से कई नेता अपने राजनीतिक जीवन के सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं. ज्यादातर नेता अपनी जिंदगी का अंतिम चुनाव होने के नाम पर अपने या बेटे के लिए टिकट व जनता से समर्थन मांग रहे हैं. अब इनमें से कितनों की मुराद पूरी होगी, यह कुछ महीने बाद स्पष्ट हो जाएगा.

इन दिग्गजों के टिकट पर चल सकती है कैंची: अगर 70 वर्ष का बैरियर हिमाचल में भी लागू होता है तो वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों में महेंद्र सिंह ठाकुर (1950) 72 वर्ष और सुरेश भारद्वाज (1952) 70 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं. इनके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल (1944) 78 वर्ष और पूर्व मंत्री गुलाब सिंह ठाकुर (1948) 74 वर्ष के हैं. कुल्लू से वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व लोकसभा सांसद व विधायक महेश्वर सिंह (1951) 71 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं. इसके अलावा पूर्व मंत्री और वर्तमान सरकार में कैबिनेट रैंक के बराबर दर्जा प्राप्त रमेश चंद धवाला (1948) भी 71 वर्ष के हैं. विधायकों में कर्नल इंद्र सिंह (1944) 78 वर्ष, पवन नैयर (1952) 70 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं.

Senior BJP leader in Himachal.
हिमाचल में भाजपा के वरिष्ठ नेता.

70 प्लस फॉर्मूला के दायरे में हैं ये मंत्री: कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर (Cabinet Minister Mahender Singh Thakur) धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ते हैं. अगर भाजपा हाईकमान 70 वर्ष का फॉर्मूला लगाती है तो वह भी इसी दायरे में आएंगे. महेंद्र सिंह ने कई चुनाव चिन्हों पर विधानसभा चुनाव लड़े हैं और सभी में जीत हासिल की है. अगर इनका टिकट कटता है तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ने से गुरेज नहीं करेंगे. भाजपा के पास भी धर्मपुर में मजबूत कैडर मौजूद है. इस स्थिति में भाजपा उपाध्यक्ष संजीव कटवाल और युवा नेता नरेंद्र अत्री में से किसी पर भाजपा दांव खेल सकती है.

Cabinet Minister Mahender Singh Thakur
कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर.

शिमला शहर से चुनाव लड़ने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता सुरेश भारद्वाज (Himachal Urban Development Minister Suresh Bhardwaj) का राजनीतिक जीवन छात्र राजनीति से शुरू हुआ है. एबीवीपी कार्यकर्ता के रूप में अपनी पारी शुरू करने वाले सुरेश भारद्वाज संघ से होते हुए राजनीति में पहुंचे हैं. संगठन के करीब होने के कारण पार्टी हाईकमान में भी इनकी अच्छी पकड़ है. लेकिन अगर 70 वर्ष फॉर्मूले में यह भी बाहर होते हैं तो भाजपा यहां किसपर दांव खेलेगी यह कहना कठिन होगा. अभी तक शिमला शहरी में भाजपा ने अप्पर शिमला के मूल निवासियों पर ही भरोसा जताया है. इनमें भी रोहड़ू और जुब्बल कोटखाई की अहम भूमिका रहती है. लेकिन वर्तमान समय में सूद कम्यूनिटी का दबदबा भी इस सीट पर बढ़ा है.

Himachal Urban Development Minister Suresh Bhardwaj
कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज.

पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल में 70 प्लस फॉर्मूला के दायरे में शामिल: भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल (Former Himachal CM Prem Kumar Dhumal) भी इन चुनावों को अपनी सक्रीय राजनीति का अंतिम चुनाव मानकर चल रहे हैं. वह कई बार मीडिया के माध्यम से भी चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं. ऐसे में वह अपनी परंपरागत सीट हमीरपुर सदर या फिर सुजानपर टीहरा किस सीट से दावेदारी पेश करेंगे यह देखना होगा. अगर हमीरपुर सीट की बात करें तो यहां कई दावेदार फील्ड में सक्रिय हैं. सुजनापुर में भी हाल ही में फिर से भाजपा में शामिल उर्मिल ठाकुर और वर्तमान में हमीरपुर से भाजपा विधायक नरेंद्र ठाकुर (BJP MLA from Hamirpur Narinder Thakur) को भाजपा उम्मीदवार बना सकती है.

Former Himachal CM Prem Kumar Dhumal
हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल.

अलग-अलग नियम: हालांकि भाजपा में अलग-अलग क्षेत्रों के लिए नियम भी अलग हैं. क्योंकि केरल में भाजपा ने 91 वर्षीय मेट्रो मैन ई श्रीधरन को सीएम उम्मीदवार बनाकर सबको चौंका दिया था. दूसरी ओर इसी साल उत्तराखंड में चुनाव हारने के बावजूद पुष्कर सिंह दामी को पार्टी ने मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन हिमाचल में पार्टी की जीत और पूर्व सीएम धूमल के हारने पर सत्ता की कमान जयराम ठाकुर को सौंपी गई.

ये भी पढ़ें: वीरभद्र सिंह कहते थे शालीन, रामलाल ठाकुर ने बताया था सहनशील, अब सीएम साहब की नाक पर क्यों बैठ गया गुस्सा

ये भी पढ़ें: Himachal Seat Scan: हिमाचल में चुनावी गतिविधियां तेज, जानिए इस साल आपके विधानसभा क्षेत्र में क्या हैं समीकरण

शिमला: भाजपा द्वारा आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए 70 साल से कम उम्र के लोगों को ही टिकट देने पर सहमति बनने से हिमाचल में कई नेताओं के टिकट संकट मंडराने लगा है. एक-दो अपवादों में इस नियम से छूट मिलेगी. अगर ये नियम लागू हुआ तो भाजपा के मौजूदा सांसदों में से कई सांसदों को टिकट नहीं मिलेगा. हालांकि लोकसभा चुनाव तो अभी दूर है, लेकिन भाजपा हाईकमान विधानसभा चुनाव के लिए यह फॉर्मूला लगा देती है तो दो वरिष्ठ मंत्रियों और कई विधायकों, पूर्व विधायकों के टिकट कट सकते हैं.

पिछले दिनों भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (BJP National President JP Nadda) द्वारा दिल्ली में वरिष्ठ मंत्रियों और पार्टी के आला नेताओं के साथ हुई बैठक में 70 वर्ष से अधिक उम्र के नेताओं को लोकसभा का टिकट नहीं देने पर चर्चा हुई थी. इस बैठक के बाद से ही प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जारी है कि अगर प्रदेश में भी यह फॉर्मूला अपनाया जाता है तो फिर कई दिग्गजों को भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने से वंचित रहना पड़ेगा.

कई वरिष्ठ नेताओं का हिमाचल में कुछ माह बाद होने वाला विधानसभा चुनाव अंतिम होगा. इनमें से कई नेता अपने राजनीतिक जीवन के सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं. ज्यादातर नेता अपनी जिंदगी का अंतिम चुनाव होने के नाम पर अपने या बेटे के लिए टिकट व जनता से समर्थन मांग रहे हैं. अब इनमें से कितनों की मुराद पूरी होगी, यह कुछ महीने बाद स्पष्ट हो जाएगा.

इन दिग्गजों के टिकट पर चल सकती है कैंची: अगर 70 वर्ष का बैरियर हिमाचल में भी लागू होता है तो वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों में महेंद्र सिंह ठाकुर (1950) 72 वर्ष और सुरेश भारद्वाज (1952) 70 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं. इनके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल (1944) 78 वर्ष और पूर्व मंत्री गुलाब सिंह ठाकुर (1948) 74 वर्ष के हैं. कुल्लू से वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व लोकसभा सांसद व विधायक महेश्वर सिंह (1951) 71 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं. इसके अलावा पूर्व मंत्री और वर्तमान सरकार में कैबिनेट रैंक के बराबर दर्जा प्राप्त रमेश चंद धवाला (1948) भी 71 वर्ष के हैं. विधायकों में कर्नल इंद्र सिंह (1944) 78 वर्ष, पवन नैयर (1952) 70 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं.

Senior BJP leader in Himachal.
हिमाचल में भाजपा के वरिष्ठ नेता.

70 प्लस फॉर्मूला के दायरे में हैं ये मंत्री: कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर (Cabinet Minister Mahender Singh Thakur) धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ते हैं. अगर भाजपा हाईकमान 70 वर्ष का फॉर्मूला लगाती है तो वह भी इसी दायरे में आएंगे. महेंद्र सिंह ने कई चुनाव चिन्हों पर विधानसभा चुनाव लड़े हैं और सभी में जीत हासिल की है. अगर इनका टिकट कटता है तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ने से गुरेज नहीं करेंगे. भाजपा के पास भी धर्मपुर में मजबूत कैडर मौजूद है. इस स्थिति में भाजपा उपाध्यक्ष संजीव कटवाल और युवा नेता नरेंद्र अत्री में से किसी पर भाजपा दांव खेल सकती है.

Cabinet Minister Mahender Singh Thakur
कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर.

शिमला शहर से चुनाव लड़ने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता सुरेश भारद्वाज (Himachal Urban Development Minister Suresh Bhardwaj) का राजनीतिक जीवन छात्र राजनीति से शुरू हुआ है. एबीवीपी कार्यकर्ता के रूप में अपनी पारी शुरू करने वाले सुरेश भारद्वाज संघ से होते हुए राजनीति में पहुंचे हैं. संगठन के करीब होने के कारण पार्टी हाईकमान में भी इनकी अच्छी पकड़ है. लेकिन अगर 70 वर्ष फॉर्मूले में यह भी बाहर होते हैं तो भाजपा यहां किसपर दांव खेलेगी यह कहना कठिन होगा. अभी तक शिमला शहरी में भाजपा ने अप्पर शिमला के मूल निवासियों पर ही भरोसा जताया है. इनमें भी रोहड़ू और जुब्बल कोटखाई की अहम भूमिका रहती है. लेकिन वर्तमान समय में सूद कम्यूनिटी का दबदबा भी इस सीट पर बढ़ा है.

Himachal Urban Development Minister Suresh Bhardwaj
कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज.

पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल में 70 प्लस फॉर्मूला के दायरे में शामिल: भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल (Former Himachal CM Prem Kumar Dhumal) भी इन चुनावों को अपनी सक्रीय राजनीति का अंतिम चुनाव मानकर चल रहे हैं. वह कई बार मीडिया के माध्यम से भी चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं. ऐसे में वह अपनी परंपरागत सीट हमीरपुर सदर या फिर सुजानपर टीहरा किस सीट से दावेदारी पेश करेंगे यह देखना होगा. अगर हमीरपुर सीट की बात करें तो यहां कई दावेदार फील्ड में सक्रिय हैं. सुजनापुर में भी हाल ही में फिर से भाजपा में शामिल उर्मिल ठाकुर और वर्तमान में हमीरपुर से भाजपा विधायक नरेंद्र ठाकुर (BJP MLA from Hamirpur Narinder Thakur) को भाजपा उम्मीदवार बना सकती है.

Former Himachal CM Prem Kumar Dhumal
हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल.

अलग-अलग नियम: हालांकि भाजपा में अलग-अलग क्षेत्रों के लिए नियम भी अलग हैं. क्योंकि केरल में भाजपा ने 91 वर्षीय मेट्रो मैन ई श्रीधरन को सीएम उम्मीदवार बनाकर सबको चौंका दिया था. दूसरी ओर इसी साल उत्तराखंड में चुनाव हारने के बावजूद पुष्कर सिंह दामी को पार्टी ने मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन हिमाचल में पार्टी की जीत और पूर्व सीएम धूमल के हारने पर सत्ता की कमान जयराम ठाकुर को सौंपी गई.

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