शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र में मंगलवार को गैर हिमाचलियों को नौकरी देने का मुद्दा गरमाया. बाहरी राज्यों के लोगों को तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों की भर्ती में मौका देने पर आधे घंटे तक सदन में हंगमा हुआ. विपक्ष के नेता और मुख्यमंत्री में इस मुद्दे को लेकर नोकझोंक भी हुई.
विपक्ष ने सरकार पर बाहरी राज्यों के लोगों को नौकरी देने के आरोप लगाए. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हिमाचाल की जमीन गैर-हिमाचलियों को बेची जा रही है. शिंक्षा के क्षेत्र में भी बाहरी राज्यों के लोगों ने विश्वविद्यालय खोले हैं, जो अब फर्जी डिग्री बेचने में लगे हैं.
वहीं, अब सरकारी नौकरियां भी बाहरी राज्यों को दी जा रही है. नेता विपक्ष ने कहा कि पिछले दो सालों में सरकार ने 132 गैर-हिमाचलियों को सरकरी नौकरी दी है, जबकि प्रदेश के युवा रोजगार के लिए भटक रहा है और प्रदेश में बेरोजगरी का आंकड़ा 14 लाख पहुंच गया है.
सरकार क्लास-थ्री और क्लास-फोर में गैर-हिमाचलियों को रोजगार दे रही है. इसके अलावा आउटसोर्स पर भी बाहर के लोगों को रखा जा रहा है, जोकि प्रदेश के युवाओं के साथ नाइंसाफी है. उन्होंने कहा कि पंजाब महाराष्ट्रा सहित अन्य राज्यो में वही के लोगो को नौकरी दी जा रही है जबकि सरकार यहां सभी लोगो को नौकरी बांट रही है.
नेता विपक्ष ने कहा कि प्रदेश सरकार को चाहिए कि प्रदेश में हिमाचल के लोगों को क्लास-थ्री और क्लास-फोर के पदों पर हिमाचाल के लोगो को ही नौकरी दी जानी चाहिए. सदन में भी मामला उठाया गया है और इसके लिए सरकार ऐसा प्रवाधन करे जिससे प्रदेश के बेरोजगारों को रोजगार मिल सखे. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार विपक्ष को डरा कर रखना चाहती है, लेकिन विपक्ष सदन में जनहित से जुड़े मुद्दों को उठाती रहेगी.
ये भी पढ़ेंः मंडी: अब पुलिस चौकियों में भी दर्ज हो पाएगी FIR, अधिसूचना जारी