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शीतकालीन स्कूलों में सेवा दे रहे शिक्षक नहीं बनेंगे किसी ट्रेनिंग का हिस्सा, प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने जारी किए निर्देश - शिक्षक ट्रेनिंग पर रोक

प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के शीतकालीन स्कूलों में सेवाएं दे रहे शिक्षको को परीक्षाओं तक ट्रेनिंग में हिस्सा लेने से रोक लगा दी है.

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Published : Oct 25, 2019, 7:36 AM IST

शिमलाः प्रदेश के शीतकालीन स्कूलों में सेवाएं दे रहे शिक्षक परीक्षाओं तक किसी भी शिक्षक ट्रेनिंग का हिस्सा नहीं बनेंगे. शिक्षकों को किसी भी तरह की ट्रेनिंग में जाने को लेकर प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय की ओर से रोक लगा दी गई है. स्कूलों में परीक्षाओं के दौरान छात्रों की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसे देखते हुए ये फैसला लिया गया है.

प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक रोहित जम्वाल ने कहा कि नवंबर माह में प्रदेश के शीतकालीन स्कूलों में पांचवी और आठवीं की परीक्षाएं होनी हैं. इन परीक्षाओं के लिए शिक्षकों को प्रश्नपत्रों की तैयारियां के साथ ही छात्रों का रिवीजन वर्क भी करवाना है. ऐसे में परीक्षाएं खत्म होने तक किसी भी शिक्षक को ट्रेनिंग में हिस्सा नहीं लेने दिय जाएगा.

शिक्षा निदेशक की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस साल पांचवी और आठवीं के कक्षा में नो डिटेंशन पॉलिसी को हटा दिया गया है और ऐसे में यह जरूरी है कि छात्रों को परीक्षाओं के लिए अच्छी तरीके से तैयार किया जाए, जिससे कि बेहतर परिणाम आए.

वीडियो.

हालांकि शिक्षा निदेशालय की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि इन परीक्षाओं के बाद शिक्षक ट्रेनिंग पर जा सकते हैं. बता दें कि इन दिनों समग्र शिक्षा की ओर से नए लर्निंग आउटकम को देखते हुए शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जा रही है.

ये भी पढ़ें- हार पर बोले PCC चीफ राठौर, सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर BJP ने जीता चुनाव

शिमलाः प्रदेश के शीतकालीन स्कूलों में सेवाएं दे रहे शिक्षक परीक्षाओं तक किसी भी शिक्षक ट्रेनिंग का हिस्सा नहीं बनेंगे. शिक्षकों को किसी भी तरह की ट्रेनिंग में जाने को लेकर प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय की ओर से रोक लगा दी गई है. स्कूलों में परीक्षाओं के दौरान छात्रों की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसे देखते हुए ये फैसला लिया गया है.

प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक रोहित जम्वाल ने कहा कि नवंबर माह में प्रदेश के शीतकालीन स्कूलों में पांचवी और आठवीं की परीक्षाएं होनी हैं. इन परीक्षाओं के लिए शिक्षकों को प्रश्नपत्रों की तैयारियां के साथ ही छात्रों का रिवीजन वर्क भी करवाना है. ऐसे में परीक्षाएं खत्म होने तक किसी भी शिक्षक को ट्रेनिंग में हिस्सा नहीं लेने दिय जाएगा.

शिक्षा निदेशक की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस साल पांचवी और आठवीं के कक्षा में नो डिटेंशन पॉलिसी को हटा दिया गया है और ऐसे में यह जरूरी है कि छात्रों को परीक्षाओं के लिए अच्छी तरीके से तैयार किया जाए, जिससे कि बेहतर परिणाम आए.

वीडियो.

हालांकि शिक्षा निदेशालय की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि इन परीक्षाओं के बाद शिक्षक ट्रेनिंग पर जा सकते हैं. बता दें कि इन दिनों समग्र शिक्षा की ओर से नए लर्निंग आउटकम को देखते हुए शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जा रही है.

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Intro:प्रदेश के शीतकालीन स्कूलों में सेवाएं दे रहे शिक्षक, शिक्षकों के लिए होने वाली किसी भी तरह की ट्रेनिंग का हिस्सा नहीं बनेंगे। शिक्षकों को किसी भी तरह की ट्रेनिंग में जाने को लेकर प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय की ओर से रोक लगा दी गई है। यह रोक स्कूलों में परीक्षाओं के दौरान छात्रों की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसे देखते हुए लगाई गई है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के निदेशक की ओर से यह निर्देश प्रदेश के सभी शीतकालीन स्कूल को लेकर जारी किए गए हैं कि उन स्कूलों के शिक्षकों को किसी भी तरह की ट्रेनिंग का हिस्सा ना बनाया जाए और शिक्षकों को स्कूल छोड़कर ट्रेनिंग में ना भेजा जाए।


Body:प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक रोहित जमवाल की ओर से यह निर्देश जारी किए गए हैं कि नवंबर माह में प्रदेश के शीतकालीन स्कूलों में छात्रों की पांचवी और आठवीं की परीक्षाएं होनी है। इन परीक्षाओं के लिए शिक्षकों को प्रश्नपत्रों को लेकर तैयारियां करने के साथ ही छात्रों का रिवीजन वर्क भी करवाना है। ऐसे में परीक्षाएं खत्म होने तक किसी भी शिक्षक को ट्रेनिंग में भाग नहीं लेना होगा। शिक्षकों को पांचवीं और आठवीं कक्षाओं के छात्रों की परीक्षाओं की तैयारियां सही ढंग से करवाने के निर्देश शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी किए गए हैं। शिक्षा निदेशक की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस वर्ष पांचवी और आठवीं के कक्षा में नो डिटेंशन पॉलिसी को हटा दिया गया है और ऐसे में यह जरूरी है कि छात्रों को परीक्षाओं के लिए अच्छी तरीके से तैयार किया जाए जिससे कि परिणाम बेहतर आए। इसी को देखते हुए यह जरूरी हो गया है कि शिक्षक छात्रों की पढ़ाई को गंभीरता से लें और छात्रों को इन परीक्षाओं के लिए तैयार करें।



Conclusion:प्रारंभिक शिक्षा निदेशक की ओर से सभी उप निदेशकों को यह निर्देश जारी किए गए हैं कि शीतकालीन स्कूलों में शिक्षकों को किसी भी तरह की ट्रेनिंग में ना भेजा जाए। अब जब शिक्षा निदेशक की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं तो यह स्पष्ट हो गया है कि समग्र शिक्षा की ओर से शिक्षकों के लिए करवाई जा रही ट्रेनिंग में अब यह शिक्षक भाग नहीं लेंगे। बता दे कि इन दिनों समग्र शिक्षा की ओर से नए लर्निंग आउटकम को देखते हुए शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जा रही है और इसके साथ ही अलग-अलग संस्थाओं की तरह ट्रेनिंग प्रोग्राम स्कूलों में जाकर भी करवाए जा रहे हैं। ऐसे में प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने छात्रों की बोर्ड की परीक्षाओं को देखते हुए इन शिक्षकों की ट्रेनिंग पर जाने को लेकर रोक लगा दी हैं और शिक्षकों से छात्रों की परीक्षाओं पर फोकस करने को कहा गया है जिससे कि दोनों ही कक्षाओं का परिणाम नो डिटेंशन पॉलिसी को हटाने के बाद भी बेहतर आ सके। हालांकि शिक्षा निदेशालय की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि इन परीक्षाओं के बाद शिक्षक ट्रेनिंग पर जा सकते हैं।
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