चंबा: कहते हैं दिल में कुछ कर गुजरने की चाहत हो तो मंजिल खुद-ब-खुद मिल जाया करती है. इसे सच कर दिखाया है चंबा जिला के सलूणी निवासी टीजीटी अध्यापक हिंग राज चिराग ने. वर्ष 1995 से बतौर शिक्षा विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी काम कर रहे हैं.
शिक्षक हींग राज चिराग समाज के लिए प्रेरणा स्त्रोत्र बने हैं. हर साल काफी संख्या में देवदार और अन्य पेड़ लगाने का काम करते आ रहे हैं. अभी तक अपने 26 साल के करियर में छह हजार से अधिक देवदार सहित फलदार पौधे भी लगाए हैं. बच्चों को पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूक भी करते हैं. आजकल हिंग राज चिराग राजकीय माध्यमिक पाठशाला भासुआ में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्हें बचपन से पर्यावरण को बचाने का शौक था. अध्यापक पढ़ाई के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी लगातार काम कर रहे हैं.
स्थानीय लोगों ने हिंग राज चिराग की तारीफ करते हुए कहा कि अध्यापक पर्यावरण को बचाने के लिए अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं. उनकी पोस्टिंग जहां-जहां हुई है, वहां इन्होंने देवदार सहित अन्य पौधे लगाए. हींग राज चिराग जैसे अध्यापक समाज के लिए किसी आइने से कम नहीं हैं.
दूसरी ओर टीजीटी अध्यापक हिंग राज चिराग का कहना है की पर्यावरण के सरंक्षण के लिए पिछले 26 सालों से कार्य कर रहे हैं. ड्यूटी के साथ-साथ समय मिलने पर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करते हैं. स्कूल कैंपस को भी हमेशा हरा-भरा रखने का प्रयास किया जाता है. हिंग राज चिराग ने अभी तक छह हजार पौधे लगाए हैं.
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