शिमला: भाजपा के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कांग्रेस पर करारा वार किया (Suresh Bhardwaj on Himachal congress) है. कांग्रेस की तरफ से दस चुनावी गारंटियों में से एक गारंटी पर उन्होंने बड़ा तंज कसा (10 Guarantees of Himachal Congress) है. सुरेश भारद्वाज ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि क्या पार्टी मुखिया प्रतिभा सिंह भी डेढ़ हजार रुपए महीना के वादे का लाभ लेंगी? सुरेश भारद्वाज शिमला में कांग्रेस की दस गारंटियों पर मीडिया के समक्ष भाजपा का पक्ष रख रहे थे. सुरेश भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस को प्रदेश की जनता को ये बताना चाहिए कि ऐसे वादों के लिए पैसा कहां से आएगा.
बता दें कि चुनावी साल में हिमाचल का राजनीतिक पारा चढ़ने लगा है. कांग्रेस ने हिमाचल की जनता को दस चुनावी गारंटियां दी हैं. कांग्रेस की चुनावी गारंटियों पर अब भाजपा की प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं. शिमला में सुरेश भारद्वाज ने कहा कि विक्रमादित्य सिंह खुद कहते हैं कि चादर देखकर पांव पसारना चाहिए, लेकिन पार्टी ऐसे वादे कर रही है, जो पूरे होने वाले नहीं. सुरेश भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस महिलाओं के सम्मान की बात करती है, लेकिन पार्टी प्रमुख प्रतिभा सिंह ने गुड़िया मामले को छोटा मामला बताया था. मासूम गुड़िया के साथ दुष्कर्म किया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई. इस पर पूरे देश में गुस्सा उमड़ा था, लेकिन प्रतिभा सिंह ने इस घटना को छोटा मामला बता दिया. वहीं, विक्रमादित्य सिंह ने भाजपा की एक दलित महिला नेत्री के लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया था.
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस ओपीएस की गारंटी दे रही है. लेकिन कांग्रेस ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी कर्मचारियों से ऐसा वादा किया था, पर सच्चाई तो यह है की कांग्रेस ने गैर जिम्मेदाराना तरीके से बिना किसी ब्लू प्रिंट के ये निर्णय लिया है. PFRDA ने जब पैसा वापस देने से इंकार कर दिया तो उसके बाद भी ये निर्णय दर्शाता है कि अर्थव्यवस्था की स्थिति पर विचार नहीं हुआ और ये धूल झोंकने जैसा है. इनके नेताओं में ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर एक राय ही नहीं.
उन्होंने कहा कि अग्निहोत्री बोल रहे हैं दिल्ली कटोरा लेकर नहीं जाएंगे और दूसरी तरफ भूपेश बघेल कह रहे हैं कि दिल्ली से अपना हक लेकर आएंगे. कांग्रेस के नेता राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी केवल वोट की चाह में जनता से ऐसा झूठा वादा कर चुके हैं. दोनों राज्यों में सरकारी कर्मचारी सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. आर्थिक मोर्चे पर दोनों राज्यों की हालात खराब है. केंद्र सरकार के अनुदान पर इन राज्यों की अर्थव्यवस्था टिकी हुई है, अनुदान पर निर्भर दोनों राज्यों में ओल्ड पेंशन स्कीम का लागू होना राज्य को दिवालिया बना (Demand of OPS in Himachal) देगा. आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान राज्य शीर्ष 5 सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जो कई मानकों पर विफल साबित हुआ है. हमारे सम्पन्न प्रदेश का हाल भी ये अपने राज्यों जैसा न कर दें.
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