शिमला: हिमाचल प्रदेश में लॉकडॉउन के दौरान आत्महत्या के मामले बढ़े हैं. वहीं, अगर जनवरी से जुलाई तक कि बात करे तो 466 लोगों ने खुदकुशी करके अपनी जान दी है. जिसमें 55 मामलों में धारा 306 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जबकि धारा 174 के तहत 411 मामले दर्ज हुए हैं. ये जानकारी डीजीपी संजय कुंडू ने प्रेस वार्ता के दौरान दी.
पुलिस विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार जनवरी से मार्च तक 117 लोगों ने आत्महत्या की है, जिसमें से जनवरी में 40, फरवरी में 45 और मार्च में 32 लोगों ने खुदकुशी की है. वहीं, अप्रैल में 47, मई में 89,जून में 112 और जुलाई मेंं 101 लोगों ने सुसाइड किया है. कुल मिलाकर सात महीने में 466 लोगों ने आत्महत्या की है, जबकि अप्रैल से जुलाई तक 349 लोगों ने खुदकुशी की है.
डीजीपी संजय कुंडू ने बताया कि प्रदेश में मई के बाद आत्महत्या के मामले बढ़े हैं और अब तक 466 लोगों ने आत्महत्या की है, जिसमें प्रतिदिन 3 आत्महत्या दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि कि दर्ज मामलों में 140 महिलाएं व 271 पुरुष हैं, जिसमें से विवाहित महिला और मजदूर व छात्रों द्वारा खुदकुशी करने के ज्यादा केस हैं. साथ ही कहा कि इस संबंध में उन्होंने एक पत्र स्वास्थ्य विभाग को भी लिखा है.
बता दें कि कोरोना महामारी की वजह से घोषित हुए लॉकडॉउन के दौरान प्रदेश में सुसाइट के मामले बढ़ें है, जिसमें चिकित्सक मुख्य कारण मानसिक तनाव मान रहे हैं. ये तनाव घर में रहकर भी हो सकता है और नोकरी चले जाने के बाद भी हो सकता है.
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