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डीएसपी रामपुर ने किया खुलासा, नशे की हालत में हर दिन मिल रहे करीब 30 छात्र - rampur news hindi

डीएसपी रामपुर चंद्रशेखर ने (DSP Rampur Chandrashekhar) खुलासा करते हुए बताया कि लगातार हर दिन 30 के करीब छात्र पुलिस को नशे की हालत में संदिग्ध अवस्था में मिल रहे हैं. यह छात्र रामपुर उपमंडल के विभिन्न स्थानों पर मिल रहे हैं. युवा देश का भविष्य हैं (students are consuming drugs in rampur) लेकिन जिस तरह से युवक नशे के चंगुल में फंसते जा रहे हैं यह समाज के लिए सही नहीं है. उन्होंने सभी अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि अपने अपने बच्चों पर विशेष ध्यान दें. खासकर आपका बच्चा किसकी संगत में है, कहां जा रहा है, हर बात की निगरानी रखें.

students are consuming drugs in rampur
रामपुर में नशे का सेवन कर रहे छात्र
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Published : Mar 14, 2022, 7:14 PM IST

रामपुर-बुशहर: रामपुर उपमंडल में नशा लगातार युवाओं को अपना शिकार बनाता जा रहा है. डीएसपी रामपुर चंद्रशेखर ने बताया कि आए दिन लगातार स्कूल व कॉलेज जाने वाले छात्र नशे का शिकार होते जा रहे हैं. ऐसे में अभिभावकों को चाहिए कि बच्चों पर नजर रखें और उन्हें नशे के कुप्रभावों के बारे में अवगत करवाएं.

डीएसपी रामपुर चंद्रशेखर ने खुलासा (DSP Rampur Chandrashekhar) करते हुए बताया कि लगातार हर दिन 30 के करीब छात्र पुलिस को नशे की (students are consuming drugs in rampur) हालत में संदिग्ध अवस्था में मिल रहे हैं. यह छात्र रामपुर उपमंडल के विभिन्न स्थानों पर मिल रहे हैं. डीएसपी चंद्रशेखर ने बताया कि युवा वर्ग देश की रीढ़ हैं, लेकिन कुछ युवा किशोरावस्था में ही आधुनिकता की चकाचौंध से भ्रमित होकर जिज्ञासावश नशीले पदार्थों के सेवन का शिकार हो जाते हैं.

रामपुर में नशे का सेवन कर रहे छात्र

उन्हें यह मालूम नहीं होता है कि वे धीरे-धीरे नशीले पदार्थों के आदी होते जा रहे हैं और साथ-साथ लाईलाज बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि धुम्रपान से जहां कैंसर, सांस का रोग, दमा, खांसी इत्यादि, हृदय रोग तथा गैंगरीन जैसे लाइलाज रोग पैदा होते हैं. वहीं, बीड़ी, सिगरेट से फैलने वाले धुएं से अप्रत्यक्ष रूप से गर्भवती महिलाएं व मासूम बच्चे भी भयानक रोगों की चपेट में आ जाते हैं.

नशा एक धीमा जहर है (intoxication is a slow poison) जो व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक सामाजिक एवं आर्थिक रूप से कमजोर करता है. इसके लगातार सेवन से व्यक्ति अनेक प्रकार के रोगों से ग्रसित हो जाता है. नशा करने वाला स्वयं तो मौत का ग्रास बनता ही है, लेकिन वह समाज विशेषकर अपने परिजनों के लिए भी दुख का कारण बनता है. नशे के सेवन से व्यक्ति सदैव चिन्तित व उदासीन रहता है (effects of intoxication) तथा हाथों में पसीना, अकेले में रहने की प्रवृत्ति, भूख न लगना, वजन कम होना, आंखों में लाली, सूजन का होना, आवाज का लड़खड़ाना, थकान एवं चिडचिड़ापन,आदि मौजूद है.

डीएसपी ने बताया कि (DSP Rampur Chandrashekhar) बच्चों को नशे से दूर रखने के लिए अभिभावकों का अहम रोल होता है. माता-पिता को चाहिए की वह बच्चों का पूरा-पूरा ध्यान रखें तथा उनके साथ अधिक से अधिक समय बिताएं और बच्चों व उनके साथियों की गतिविधियों पर ध्यान रखें .डीएसपी ने बताया कि बच्चों की भावनाओं व रूचियों का पूरा ध्यान रखें. मां-बाप को चाहिए कि वह बच्चों के लिए आदर्श बनें क्योंकि वे ही यदि नशे का सेवन करेंगे तो बच्चे नकल करेगें ही. यदि बच्चा नशे का शिकार है तो तुरन्त डॉक्टर से परामर्श लें. समय पर उपचार से नशे से मुक्ति पाई जा सकती है. नशे को देश से मुक्त बनाने के लिए हर व्यक्ति को अपने स्तर पर प्रयास करना चाहिए और इससे होने वाली हानियों के विषय में जानकर खुद को इससे दूर रखना चाहिए.

ये भी पढ़ें : 133 सालों में प्रवेश कर रहा बिलासपुर का नलवाड़ी मेला, कुश्तियों में पाकिस्तान से आते थे पहलवान

रामपुर-बुशहर: रामपुर उपमंडल में नशा लगातार युवाओं को अपना शिकार बनाता जा रहा है. डीएसपी रामपुर चंद्रशेखर ने बताया कि आए दिन लगातार स्कूल व कॉलेज जाने वाले छात्र नशे का शिकार होते जा रहे हैं. ऐसे में अभिभावकों को चाहिए कि बच्चों पर नजर रखें और उन्हें नशे के कुप्रभावों के बारे में अवगत करवाएं.

डीएसपी रामपुर चंद्रशेखर ने खुलासा (DSP Rampur Chandrashekhar) करते हुए बताया कि लगातार हर दिन 30 के करीब छात्र पुलिस को नशे की (students are consuming drugs in rampur) हालत में संदिग्ध अवस्था में मिल रहे हैं. यह छात्र रामपुर उपमंडल के विभिन्न स्थानों पर मिल रहे हैं. डीएसपी चंद्रशेखर ने बताया कि युवा वर्ग देश की रीढ़ हैं, लेकिन कुछ युवा किशोरावस्था में ही आधुनिकता की चकाचौंध से भ्रमित होकर जिज्ञासावश नशीले पदार्थों के सेवन का शिकार हो जाते हैं.

रामपुर में नशे का सेवन कर रहे छात्र

उन्हें यह मालूम नहीं होता है कि वे धीरे-धीरे नशीले पदार्थों के आदी होते जा रहे हैं और साथ-साथ लाईलाज बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि धुम्रपान से जहां कैंसर, सांस का रोग, दमा, खांसी इत्यादि, हृदय रोग तथा गैंगरीन जैसे लाइलाज रोग पैदा होते हैं. वहीं, बीड़ी, सिगरेट से फैलने वाले धुएं से अप्रत्यक्ष रूप से गर्भवती महिलाएं व मासूम बच्चे भी भयानक रोगों की चपेट में आ जाते हैं.

नशा एक धीमा जहर है (intoxication is a slow poison) जो व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक सामाजिक एवं आर्थिक रूप से कमजोर करता है. इसके लगातार सेवन से व्यक्ति अनेक प्रकार के रोगों से ग्रसित हो जाता है. नशा करने वाला स्वयं तो मौत का ग्रास बनता ही है, लेकिन वह समाज विशेषकर अपने परिजनों के लिए भी दुख का कारण बनता है. नशे के सेवन से व्यक्ति सदैव चिन्तित व उदासीन रहता है (effects of intoxication) तथा हाथों में पसीना, अकेले में रहने की प्रवृत्ति, भूख न लगना, वजन कम होना, आंखों में लाली, सूजन का होना, आवाज का लड़खड़ाना, थकान एवं चिडचिड़ापन,आदि मौजूद है.

डीएसपी ने बताया कि (DSP Rampur Chandrashekhar) बच्चों को नशे से दूर रखने के लिए अभिभावकों का अहम रोल होता है. माता-पिता को चाहिए की वह बच्चों का पूरा-पूरा ध्यान रखें तथा उनके साथ अधिक से अधिक समय बिताएं और बच्चों व उनके साथियों की गतिविधियों पर ध्यान रखें .डीएसपी ने बताया कि बच्चों की भावनाओं व रूचियों का पूरा ध्यान रखें. मां-बाप को चाहिए कि वह बच्चों के लिए आदर्श बनें क्योंकि वे ही यदि नशे का सेवन करेंगे तो बच्चे नकल करेगें ही. यदि बच्चा नशे का शिकार है तो तुरन्त डॉक्टर से परामर्श लें. समय पर उपचार से नशे से मुक्ति पाई जा सकती है. नशे को देश से मुक्त बनाने के लिए हर व्यक्ति को अपने स्तर पर प्रयास करना चाहिए और इससे होने वाली हानियों के विषय में जानकर खुद को इससे दूर रखना चाहिए.

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