शिमला: एचपीयू के पूर्व वीसी डॉ. सिंकदर कुमार पर विश्वविद्यालय के छात्र संगठनों ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने आरोप लगाए हैं कि पूर्व वीसी डॉ. सिंकंदर ने परिसर में तानाशाह माहौल बनाए रखा और आम छात्र को परेशानी में डाला. छात्र संगठन एसएफआई का ये भी आरोप है कि डॉ. सिंकदर आरएसएस के इशारे पर काम करते रहे जिसका इनाम उन्हें राज्य सभा के लिए चुन कर दिया गया.
विश्वविद्यालय एसएफआई परिसर अध्यक्ष रॉकी ने कहा कि जो हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय कुलपति डॉ. सिकंदर कुमार राज्यसभा (Sikander Kumar elected to Rajya Sabha) के लिए निर्वाचित हुए हैं वह अपने आप में सवाल खड़ा करता है. इस पर बात रखते हुए केंपस अध्यक्ष रॉकी ने कहा कि पिछले शनिवार को कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार द्वारा इस्तीफा दिया गया था उसके बावजूद भी रविवार के दिन कुलपति कार्यालय आते हैं और अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए काम करते हैं.
एसएफआई ने आरोप लगाया कि (SFI targets Sikandar Kumar) विश्वविद्यालय का पूरी तरह से भगवाकरण कुलपति द्वारा किया गया है और विश्वविद्यालय (Himachal Pradesh University) की शिक्षा की गुणवत्ता को पूरी तरह से खत्म करने की कोशिश की गई है. इसके साथ-साथ उन्होंने कहा कि जो विश्वविद्यालय के अंदर पीएचडी के अंदर धांधली हुई है उसका जिम्मेदार कौन है. ईआरपी सिस्टम के माध्यम से जो हजारों बच्चों का भविष्य अंधकार में डाला गया है उसका जिम्मेदार कौन होगा.
वहीं, एचपीयू एनएसयूआई के (Nsui targets Sikandar Kumar) कैम्पस प्रेसिडेंट रजत भारद्वाज ने कहा कि पूर्व वीसी डॉ. सिंकदर ने विवि में फर्जी भर्तियां करवाई, चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए पिछले दरवाजे से पीएचडी में दाखिला करवाया. छात्र हितों को दरकिनार किया और परिसर में निजीकरण किया. जिससे साफ जाहिर है कि उन्होंने भाजपा के इशारे पर काम किया है.
वहीं, एबीवीपी इकाई सचिव कमलेश ठाकुर ने बताया कि पूर्व वीसी डॉ. सिंकदर को राज्य सभा के (Sikander Kumar elected to Rajya Sabha) लिए भेजा जा रहा है यह बहुत अच्छा है. उन्होंने विवि में बहुत से कार्य किए हैं और जब भी एबीवीपी उनके पास समस्या लेकर गयी उन्होंने उसका समाधान किया है.
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