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खराब परिणाम देने पर स्कूल शिक्षकों पर होगी कड़ी कार्रवाई, रोका जाएगा इंक्रीमेंट

प्रदेश के स्कूलों में सेवाएं दे रहे शिक्षक जिनका इस बार बोर्ड का परिणाम खराब रहेगा उनके खिलाफ शिक्षा विभाग की ओर से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

poor results strong action taken by education department
खराब परिणाम देने पर स्कूल शिक्षकों पर होगी कड़ी कार्रवाई
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Published : Feb 7, 2020, 12:16 AM IST

शिमलाः प्रदेश के स्कूलों में सेवाएं दे रहे शिक्षक जिनका इस बार बोर्ड का परिणाम खराब रहेगा उनके खिलाफ शिक्षा विभाग की ओर से सख्त कार्रवाई की जाएगी. विभाग ने इस बार ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने का फ़ैसला लिया है.

अभी तक जहां ऐसे शिक्षकों पर विभाग की ओर से शक्ति नहीं दिखाई जा रही थी तो वहीं, इस बार विभाग ने तय कर लिया है कि जिन शिक्षकों का बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम खराब होगा उनकी इंक्रीमेंट विभाग की ओर से रोक दी जाएगी.

वीडियो रिपोर्ट

हालांकि इससे पहले भी विभाग की ओर से इस तरह की कार्यवाही शिक्षकों पर की गई थी लेकिन इन्हें रियायत शिक्षा विभाग की ओर से दी गई है. बोर्ड परीक्षा में जिन 27 शिक्षकों का परिणाम बेहतर नहीं था उन शिक्षकों की रोकी गई इंक्रीमेंट को शिक्षा विभाग की ओर से बहाल कर दिया गया है.

जिन शिक्षकों पर विभाग की और से यह कार्यवाही की गई थी उनका परिणाम 25 फीसदी से कम था लेकिन अब उच्च शिक्षा निदेशक के निर्देशों के तहत इन शिक्षकों की इंक्रीमेंट को बहाल कर दिया गया है.इसके साथ ही अब शिक्षा निदेशक ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जिन शिक्षकों का शैक्षणिक सत्र 2019 का रिजल्ट खराब होगा उनके खिलाफ विभाग की ओर से 2011 में बनाई गई 'पुअर रिजल्ट पॉलिसी' के खिलाफ ही कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

बता दें कि खराब परिणाम देने वाले शिक्षकों के खिलाफ शिक्षा विभाग ने 2011 में बनाई गई नीति के तहत कार्रवाई अमल में लाई थी. लेकिन शिक्षकों ने इसका विरोध जताया था. इसके बाद सरकार के निर्देशों के तहत विभाग की ओर से जिन शिक्षकों की इंक्रीमेंट रोकी गई थी उसे भी बहाल कर दिया गया था.

अभी तक इस नीति के तहत शिक्षा विभाग शक्ति शिक्षकों पर नहीं दिखा सका है लेकिन अब शिक्षा निदेशक ने तय कर लिया है कि इस बार की परीक्षाओं में जिन शिक्षकों का परिणाम बेहतर नहीं रहेगा. उन पर नियमों के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

ये भी पढ़ें: कोरोना वायरस: प्रभावित देशों से मंडी लौटे 11 में से 7 लोगों को स्वास्थ्य विभाग ने किया ट्रेस

शिमलाः प्रदेश के स्कूलों में सेवाएं दे रहे शिक्षक जिनका इस बार बोर्ड का परिणाम खराब रहेगा उनके खिलाफ शिक्षा विभाग की ओर से सख्त कार्रवाई की जाएगी. विभाग ने इस बार ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने का फ़ैसला लिया है.

अभी तक जहां ऐसे शिक्षकों पर विभाग की ओर से शक्ति नहीं दिखाई जा रही थी तो वहीं, इस बार विभाग ने तय कर लिया है कि जिन शिक्षकों का बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम खराब होगा उनकी इंक्रीमेंट विभाग की ओर से रोक दी जाएगी.

वीडियो रिपोर्ट

हालांकि इससे पहले भी विभाग की ओर से इस तरह की कार्यवाही शिक्षकों पर की गई थी लेकिन इन्हें रियायत शिक्षा विभाग की ओर से दी गई है. बोर्ड परीक्षा में जिन 27 शिक्षकों का परिणाम बेहतर नहीं था उन शिक्षकों की रोकी गई इंक्रीमेंट को शिक्षा विभाग की ओर से बहाल कर दिया गया है.

जिन शिक्षकों पर विभाग की और से यह कार्यवाही की गई थी उनका परिणाम 25 फीसदी से कम था लेकिन अब उच्च शिक्षा निदेशक के निर्देशों के तहत इन शिक्षकों की इंक्रीमेंट को बहाल कर दिया गया है.इसके साथ ही अब शिक्षा निदेशक ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जिन शिक्षकों का शैक्षणिक सत्र 2019 का रिजल्ट खराब होगा उनके खिलाफ विभाग की ओर से 2011 में बनाई गई 'पुअर रिजल्ट पॉलिसी' के खिलाफ ही कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

बता दें कि खराब परिणाम देने वाले शिक्षकों के खिलाफ शिक्षा विभाग ने 2011 में बनाई गई नीति के तहत कार्रवाई अमल में लाई थी. लेकिन शिक्षकों ने इसका विरोध जताया था. इसके बाद सरकार के निर्देशों के तहत विभाग की ओर से जिन शिक्षकों की इंक्रीमेंट रोकी गई थी उसे भी बहाल कर दिया गया था.

अभी तक इस नीति के तहत शिक्षा विभाग शक्ति शिक्षकों पर नहीं दिखा सका है लेकिन अब शिक्षा निदेशक ने तय कर लिया है कि इस बार की परीक्षाओं में जिन शिक्षकों का परिणाम बेहतर नहीं रहेगा. उन पर नियमों के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

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Intro:प्रदेश के स्कूलों में सेवाएं दे रहे शिक्षक जिनका इस बार बोर्ड का परिणाम खराब रहेगा उनके खिलाफ शिक्षा विभाग की ओर से सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने इस बार ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने का फ़ैसला लिया है। अभी तक जहां ऐसे शिक्षकों पर विभाग की ओर से शक्ति नहीं दिखाई जा रही थी तो वहीं इस बार विभाग ने तय कर लिया है कि जिन शिक्षकों का बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम खराब होगा उनकी इंक्रीमेंट विभाग की ओर से रोक दी जाएगी। हालांकि इससे पहले भी विभाग की ओर से इस तरह की कार्यवाही शिक्षकों पर की गई थी लेकिन इन्हें रियायत शिक्षा विभाग की ओर से दी गई है।


Body:बोर्ड परीक्षा में जींद 27 शिक्षकों का परिणाम बेहतर नहीं था उन शिक्षकों की रोकी गई इंक्रीमेंट को शिक्षा विभाग की ओर से बहाल कर दिया गया है। जिन शिक्षकों पर विभाग की ओर से यह कार्यवाही की गई थी उनका परिणाम 25 फ़ीसदी से कम था लेकिन अब उच्च शिक्षा निदेशक के निर्देशों के तहत इन शिक्षकों की इंक्रीमेंट को बहाल कर दिया गया है। इसके साथ ही अब शिक्षा निदेशक ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जिन शिक्षकों का शैक्षणिक सत्र 2019 का रिजल्ट खराब होगा उनके खिलाफ विभाग की ओर से 2011 में बनाई गई पुअर रिजल्ट पॉलिसी के खिलाफ ही कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।


Conclusion:बता दें कि ख़राब परिणाम देने वाले शिक्षकों के खिलाफ शिक्षा विभाग ने 2011 में बनाई गई नीति के तहत कार्यवाही अमल में लाई थी लेकिन शिक्षकों ने इसका विरोध जताया था। इसके बाद सरकार के निर्देशों के तहत विभाग की ओर से जिन शिक्षकों की इंक्रीमेंट रोकी गई थी उसे भी बहाल कर दिया गया था। अभी तक इस नीति के तहत शिक्षा विभाग शक्ति शिक्षकों पर नहीं दिखा सका है लेकिन अब शिक्षा निदेशक ने तय कर लिया है कि इस बार की परीक्षाओं में जिन शिक्षकों का परिणाम बेहतर नहीं रहेगा उन पर नियमों के तहत कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
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