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जयराम ठाकुर को मिली थी मूंछ सफाचट करने की सलाह, समर्थकों ने कहा था: जितने भी नेता बने सीएम, नहीं रखते थे मूंछ

ईटीवी भारत की खास सीरीज 'किस्सा सियासत का' में आज हम एक किस्सा लेकर आए हैं जिसे पढ़कर आप हैरान हो जाएंगे. बात सीएम जयराम ठाकुर से जुड़ी है जो वर्तमान में हिमाचल प्रदेश के मुखिया हैं. जब साढ़े चार साल पहले जब भाजपा प्रचंड बहुमत से सत्ता में तो आई, लेकिन सीएम पद के लिए किसी का नाम तय नहीं हुआ था. जयराम ठाकुर का नाम सबसे आगे चल रहा था. इसी बीच एक समर्थक के मन में ये विचार आया कि अब तक जितने भी नेता सीएम बने हैं, वे मूंछ नहीं रखते थे. टोटकों में भरोसा रखने वाले कुछ समर्थकों ने जयराम ठाकुर को सलाह दी कि वे भी अपनी मूंछें सफाचट कर लें...इस पर जयराम ठाकुर की प्रतिक्रिया क्या थी आइए जानते हैं...

Kissa Siasat Ka
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Published : Mar 16, 2022, 8:30 PM IST

Updated : Mar 16, 2022, 10:08 PM IST

शिमला: सियासी गलियारों के किस्से पुराने भले हो जाएं, लेकिन ये किस्से जब भी सुनाए जाते हैं, तो किसी के चेहरे पर हैरत तो किसी के चेहरे पर मुस्कान छोड़ जाते हैं. हिमाचल की सियासत का एक किस्सा ज्यादा पुराना नहीं है, जिसमें कुछ-कुछ अंधविश्वास भी जुड़ा है. बात पिछले विधानसभा चुनाव की है, जब साल 2017 में बीजेपी ने हिमाचल में जीत का कमल तो खिला दिया लेकिन मुख्यमंत्री पद का चेहरा रहे प्रेम कुमार धूमल चुनाव हार गए. जिसके बाद दिल्ली से शिमला तक बैठकों का दौर चला.

जयराम ठाकुर और उनकी मूंछ- 2017 में जयराम ठाकुर मंडी जिले की सिराज विधानसभा सीट से 5वीं बार विधानसभा पहुंचे थे. मुख्यमंत्री के दावेदारों में उनका नाम भी शामिल था. लेकिन कई बैठकों के बाद भी नाम फाइनल नहीं हुआ. इस पूरे प्रकरण में टोटके और अंधविश्वास की एंट्री हुई और बात जयराम ठाकुर की मूंछों पर आ गई. दरअसल टोटकों पर भरोसा करने वाले कुछ समर्थकों ने जयराम ठाकुर को सलाह दी कि वे अपनी मूंछें सफाचट कर लें, तो काम बन जाएगा. यानी ऐसा करने से वो मुख्यमंत्री बन जाएंगे, इसके पीछे हिमाचल का सियासी इतिहास था.

हिमाचल के बिना मूंछ वाले मुख्यमंत्री- दरअसल जयराम ठाकुर से पहले जो भी हिमाचल का मुख्यमंत्री बना वो मूंछ नहीं रखते थे. फिर चाहे हिमाचल निर्माता और प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री यशवंत परमार हों या रामलाल ठाकुर, पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री शांता कुमार हों या फिर प्रेम कुमार धूमल, इसके अलावा 6 बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह भी मूंछ नहीं रखते थे. यही वजह थी कि टोटकों और अंधविश्वास पर विश्वास रखने वाले समर्थकों ने जयराम ठाकुर को मूंछ साफ करने की सलाह दे दी.

Kissa Siasat Ka
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (फाइल फोटो).

क्या सीएम ने दिया मूंछों का बलिदान- आज भले सीएम जयराम ठाकुर बिना मूंछ के क्लीन शेव नजर आते हों, लेकिन इंटरनेट पर आज भी मूंछों वाली कई तस्वीरें मिल जाएंगी. खैर मूंछ सफाचट करने की सलाह के बीच दिल्ली से जयराम ठाकुर का नाम मुख्यमंत्री के रूप में फाइनल होकर आ गया और उन्होंने शपथ भी ले ली. दरअसल जयराम ठाकुर हल्की मूंछे रखते हैं और समर्थकों ने उन्हें पूर्व मुख्यमंत्रियों का उदाहरण देकर मूंछ सफाचट करने की सलाह दी थी. तो क्या जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री बनने के लिए मूंछों का बलिदान दिया ?

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मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (फाइल फोटो).

सीएम ने खुद दिया था जवाब- सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) शिमला के उपनगर कमलानगर में एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे. ये वर्ष 2018 की बात है. वैसे ये अवसर पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन का था. तब सीएम जयराम ने कमलानगर में एक मल्टीस्पेशलिटी हेल्थ कैंप (Multispecialty Health Camp) में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए बताया कि उन्हें समर्थकों ने मूंछें कटवाने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया. सीएम ने कहा कि मैंने समर्थको को साफ कह दिया कि मूंछों (etv bharat siyasi kisse) से समझौता नहीं हो सकता.

ये भी पढ़ें- किस्सा सियासत का: हिमाचल का वो मुख्यमंत्री जो इस्तीफा देकर सीधा फिल्म देखने चला गया

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शिमला: सियासी गलियारों के किस्से पुराने भले हो जाएं, लेकिन ये किस्से जब भी सुनाए जाते हैं, तो किसी के चेहरे पर हैरत तो किसी के चेहरे पर मुस्कान छोड़ जाते हैं. हिमाचल की सियासत का एक किस्सा ज्यादा पुराना नहीं है, जिसमें कुछ-कुछ अंधविश्वास भी जुड़ा है. बात पिछले विधानसभा चुनाव की है, जब साल 2017 में बीजेपी ने हिमाचल में जीत का कमल तो खिला दिया लेकिन मुख्यमंत्री पद का चेहरा रहे प्रेम कुमार धूमल चुनाव हार गए. जिसके बाद दिल्ली से शिमला तक बैठकों का दौर चला.

जयराम ठाकुर और उनकी मूंछ- 2017 में जयराम ठाकुर मंडी जिले की सिराज विधानसभा सीट से 5वीं बार विधानसभा पहुंचे थे. मुख्यमंत्री के दावेदारों में उनका नाम भी शामिल था. लेकिन कई बैठकों के बाद भी नाम फाइनल नहीं हुआ. इस पूरे प्रकरण में टोटके और अंधविश्वास की एंट्री हुई और बात जयराम ठाकुर की मूंछों पर आ गई. दरअसल टोटकों पर भरोसा करने वाले कुछ समर्थकों ने जयराम ठाकुर को सलाह दी कि वे अपनी मूंछें सफाचट कर लें, तो काम बन जाएगा. यानी ऐसा करने से वो मुख्यमंत्री बन जाएंगे, इसके पीछे हिमाचल का सियासी इतिहास था.

हिमाचल के बिना मूंछ वाले मुख्यमंत्री- दरअसल जयराम ठाकुर से पहले जो भी हिमाचल का मुख्यमंत्री बना वो मूंछ नहीं रखते थे. फिर चाहे हिमाचल निर्माता और प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री यशवंत परमार हों या रामलाल ठाकुर, पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री शांता कुमार हों या फिर प्रेम कुमार धूमल, इसके अलावा 6 बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह भी मूंछ नहीं रखते थे. यही वजह थी कि टोटकों और अंधविश्वास पर विश्वास रखने वाले समर्थकों ने जयराम ठाकुर को मूंछ साफ करने की सलाह दे दी.

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मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (फाइल फोटो).

क्या सीएम ने दिया मूंछों का बलिदान- आज भले सीएम जयराम ठाकुर बिना मूंछ के क्लीन शेव नजर आते हों, लेकिन इंटरनेट पर आज भी मूंछों वाली कई तस्वीरें मिल जाएंगी. खैर मूंछ सफाचट करने की सलाह के बीच दिल्ली से जयराम ठाकुर का नाम मुख्यमंत्री के रूप में फाइनल होकर आ गया और उन्होंने शपथ भी ले ली. दरअसल जयराम ठाकुर हल्की मूंछे रखते हैं और समर्थकों ने उन्हें पूर्व मुख्यमंत्रियों का उदाहरण देकर मूंछ सफाचट करने की सलाह दी थी. तो क्या जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री बनने के लिए मूंछों का बलिदान दिया ?

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मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (फाइल फोटो).

सीएम ने खुद दिया था जवाब- सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) शिमला के उपनगर कमलानगर में एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे. ये वर्ष 2018 की बात है. वैसे ये अवसर पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन का था. तब सीएम जयराम ने कमलानगर में एक मल्टीस्पेशलिटी हेल्थ कैंप (Multispecialty Health Camp) में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए बताया कि उन्हें समर्थकों ने मूंछें कटवाने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया. सीएम ने कहा कि मैंने समर्थको को साफ कह दिया कि मूंछों (etv bharat siyasi kisse) से समझौता नहीं हो सकता.

ये भी पढ़ें- किस्सा सियासत का: हिमाचल का वो मुख्यमंत्री जो इस्तीफा देकर सीधा फिल्म देखने चला गया

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Last Updated : Mar 16, 2022, 10:08 PM IST
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