शिमला: प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी को प्रदेश सरकार ने 30 नए वेंटिलेटर दिए हैं, जो कि दो प्रकार के हैं. पहला मेन वेंटिलेटर और दूसरा ट्रांसपोर्ट वेंटिलेटर है. ये वेंटिलेटर्स मिलने पर उन मरीजों को लाभ मिलेगा, जिन्हें वेंटिलेटर खाली न होने पर एम्बु बैग पर रहना पड़ता था और ऐसे में लोगों की मौत भी हो जाती थी.
आईजीएमसी में अभी तक करीब 24 वेंटिलेटर हैं, जिसमें सिर्फ गंभीर मरीजों का इलाज होता है. ऐसे में अस्पताल को 30 नए वेंटिलेटर्स मिलने पर मरीजों को लाभ होगा. कोरोना संकट काल में प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल में रोज हजारों की संख्या में मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में मरीजों को अच्छा उपचार देने के लिए सरकार ने आईजीएमसी को नए वेंटिलेटर दिए हैं.
बता दें कि केंद्र सरकार ने हिमाचल को कोरोना से निपटने के लिए 500 नए वेंटिलेंटर उपलब्ध करवा दिए हैं. जिससे प्रदेश को अब 618 वेंटिलेंटर उपलब्ध हो गए हैं. वहीं, ट्रांसपोर्ट वेंटिलेटर का उपयोग तब काम आता है जब मरीज को कहीं शिफ्ट या कोई टेस्ट जैसे एमआरआई, सिटी स्कैन करना हो. वर्तमान में इन सब के लिए एम्बु बैग का सहारा लेना पड़ता है.
आईजीएमसी के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. राहुल गुप्ता ने बताया कि अतिरिक्त मुख्य सचिव व स्वास्थ्य सचिव आरडी धीमान ने सरकार के निर्देशों के बाद 500 नए वेंटिलेटर दिए हैं. जिसमें से 30 वेंटिलेटर्स आईजीएमसी के आबंटित किए गए हैं. उन्होंने बताया कि दिए गए वेंटिलेटर्स में दो प्रकार के वेंटिलेटर्स है. पहला मेन वेंटिलेटर है, जबकि दूसरा ट्रांसपोर्ट वेंटिलेटर है.
डॉ. राहुल गुप्ता ने बताया कि फरवरी 2020 में 4 वेंटिलेटर ट्राइज वार्ड में लगाए गए थे, लेकिन अब 16 ट्रासंपोर्ट वेंटिलेटर मिलने से मरीजों का इलाज करने में आसानी होगी और मृत्यु दर में भी कमी आएगी.
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