शिमला: शहर और इसके साथ लगते प्लानिंग एरिया के तहत भवन निर्माण के नियमों में राहत देने के लिए सिटी डेवलपमेंट प्लान पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा लगाई गई रोक के बाद कांग्रेस ने सरकार को घेरना शुरु कर दिया है. प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष नरेश चौहान ने कहा है कि एनजीटी की रोक से सिटी डेवलपमेंट प्लान का ढिंढोरा पीटने वाली सरकार के मंशा साफ हो गई है. उन्होंने कहा कि सरकार ने केवल जनता को गुमराह करने के लिए नए सिटी डेवलपमेंट प्लान को लेकर हो-हल्ला किया, ताकि आगामी नगर निगम शिमला और विधानसभा चुनाव में राजनैतिक लाभ मिल सके.
प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष नरेश चौहान ने कहा कि सरकार की लोगों को राहत देने की कोई भी मंशा नहीं है. यदि सरकार भवन मालिकों को राहत देने की मंशा रखती होती तो पूरे विजन के साथ सिटी डेवलपमेंट प्लान लाती. इसके साथ ही जो भी पेंच फंसे थे, उसको लेकर या तो सुप्रीम कोर्ट जाती या फिर एनजीटी के समक्ष पक्ष रखते हुए मसले का जनहित में सुलझाती जबकि ऐसा नहीं किया गया.
उन्होंने कहा कि एन. जीठी की रोक से सरकार और शहरी विकास विभाग की कार्यशैली की पोल खुल गई है. उन्होंने कहा कि शहरी विकास सुरेश भारद्वाज को पूरे मसले पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. नरेश चौहान ने कहा कि वर्ष न 2017 में एनजीटी ने शहर में अढ़ाई मंजिल से ज्यादा भवन निर्माण पर रोक लगा दी थी. इसके साथ ही भविष्य में इसमें किसी भी तरह का काम करने से पहले कानूनी मंजूरी लेने की बात कही थी. इसके बावजूद राज्य सरकार ने चुनावी वर्ष में लोगों की भावनाओं से खेलते हुए बिना कानूनी सलाह के डेवलपमेंट प्लान बनाया और उसका खूब ढिंढोरा पीटा.
नरेश चौहान ने कहा कि प्रदेश में लगातार पेपर लीक होने के मामले सामने आ रहे है. उन्होंने कहा कि इसके पीछे एक माफिया काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने पेपर का पर्चा तैयार किया, परीक्षा कंडक्ट की और उसकी का पेपर लीक हो गया. उन्होंने कहा कि इसमें करोड़ो रुपये का घोटाला हुआ है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कुछ समय बर्बाद कर सीबीआई को मामला सौंपा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ती जा रही है. चौहान ने कहा कि डीजीपी को पेपर लीक केस में नैतिकता के आधार पर स्वंय ही इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब तक डीजीपी को पद से नहीं हटाया जाता तब तक युवा कांग्रेस का क्रमिक अनशन जारी रहेगा.