शिमला: हिमाचल का राज्य सहकारी बैंक(state co-operative bank) देश भर में लगातार टॉप पर बना हुआ है. 15 मार्च, 1954 को स्थापना से लेकर अब तक 15950.81 करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी, 12325.98 करोड़ रुपये की जमा पूंजी और 7081.17 करोड़ रुपये के ऋण के साथ हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक(Himachal Pradesh State Cooperative Bank) प्रदेश के अग्रणी बैंक के रूप में स्थापित हो चुका है.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि यह बैंक 218 शाखाओं और 23 विस्तार शाखाओं के माध्यम से राज्य में सेवाएं प्रदान कर रहा है. उन्होंने कहा कि एकमुश्त निपटान नीति में ऋण के 181 मामलों का निपटान कर 26.14 करोड़ रुपये वसूल करने की परिकल्पना की गई है. राज्य सहकारी बैंक की 'वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी' (One Time Settlement Policy )पुस्तिका जारी करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर(Chief Minister Jai Ram Thakur) ने कहा कि लोक अदालत(Public Court)के माध्यम से बकाया राशि का निपटारा बैंक की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों को कम करने के उद्देश्य से किया गया है.
बकाया ऋण की वसूली सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक विवाद निवारण के लिए एक प्रणाली उपलब्ध करना और पुनर्भुगतान में समस्या का सामना कर रहे सभी पात्र उधारकर्ताओं को राहत प्रदान करना है. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत कवरेज के लिए राशि की सीमा 20 लाख रुपये तक तय की गई है. बैंक ने 2000 ऋण मामलों का निपटारा कर लगभग 30 करोड़ रुपये वसूल करने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
शहरी विकास और सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज(Minister Suresh Bhardwaj) ने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में बहुत लोकप्रिय है. उन्होंने कहा कि बैंक के 15.56 लाख उपभोक्ता हैं. इसे भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अनुसूचित बैंक का दर्जा प्रदान किया गया है.
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