किन्नौरः जनजातीय जिला किन्नौर में सर्दियों के मौसम शुरू होते ही लोगों की चिंताएं बढ़ने लगी हैं. सर्दियों के साथ ही बर्फबारी और बारिश ने भी दस्तक दे दी है. ऐसे में दरकती पहाड़ियां और खतरनाक सड़कों से वाहनों को आवाजाही में खतरा बढ़ गया है.
लोगों का कहना है कि जिला किन्नौर में सड़कों की हालत ठीक नहीं है. सड़क मार्ग पर जगह-जगह पहाड़ों से खिसकने वाले चट्टानों के रुकना बंद नहीं हुआ तो भारी बर्फबारी के समय किन्नौर की सड़कों पर वाहनों की आवाजाही में रुकावटें आ सकती हैं. सर्दियों में पहाड़ों से होने वाले भूस्खलन और चट्टानों का गिरना जारी रहता है, जिससे बड़े हादसे होने की संभावना रहती है.
बता दें कि जिला किन्नौर के सड़कों पर सर्दियों में पिछले कई सालों से सड़कों की दयनीय हालत और सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने के कार्य के दौरान पहाड़ों को ब्लास्टिंग द्वारा काटा गया, जिससे अब पहाड़ों से भूस्खलन लगातार होता रहता है.
ऐसे में जिला किन्नौर में सर्दियों में खतरनाक पहाड़ी सड़कों से भूस्खलन का सामना करना पड़ सकता है. क्योंकि बर्फ पिघलने के बाद उससे निकला हुआ पानी से पहाड़ियां गीली हो जाती है, जिससे दिन को भूस्खलन व रात को पानी सड़कों पर जम जाने से वाहनों के फिसलने का खतरा बना रहता है.
बर्फबारी में होने वाले इन हादसों को रोकने के लिए सड़कों पर प्रशासन ने रेलिंग तो लगा दी है, लेकिन पहाड़ों से भूस्खलन व कई जगह तंग सड़क व कच्चे सड़कों पर बर्फबारी में फिसलन का अधिक खतरा बना रहता है.
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