शिमला: हिमाचल प्रदेश में कर्मचारी इन दिनों प्रदेश सरकार से खुश नहीं नजर आ रहे हैं, इसी को देखते हुए प्रदेश सरकार उन्हें मनाने में जुटी है. 2555 एसएमसी पीरियड बेसिस अध्यापक हिमाचल के विभिन्न और दुर्गम क्षेत्रों के विद्यालयों में पिछले दस वर्षों से निरंतपर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. SMC अध्यापकों की नियुक्ति पूर्व में रही भाजपा सरकार द्वारा ही वर्ष 2012 में की गई थी. नियमित करने की मांग (SMC teachers demanding regularization) को लेकर एसएमसी शिक्षकों ने मख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ज्ञापन (SMC teachers submitted memorandum to CM) सौंपा है.
SMC अध्यापकों की नियुक्ति शिक्षा निदेशक और उप शिक्षा निदेशक की अनुमति से की गई थी. सभी 2555 SMC अध्यापकों का चयन उप मंडलाधिकारी (SDM) की अध्यक्षता में बनी कमेटी द्वारा हुआ था, जिसमें विषय विशेषज्ञ के साथ स्कूल के प्रधानाचार्य बतौर सचिव और स्कूल प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष को रखा गया था. सभी SMC अध्यापकों की नियुक्ति आर एंड पी (R & P) नियमों के तहत हुई है, जिसमें सभी शिक्षक टेट पास रखे गए हैं.
एसएमसी अध्यापकों से पूर्व भी हजारों अस्थाई भर्तियां पूर्व में रही सरकारों ने की है, जिसमें उपासक, ग्रामीण विद्या उपासक PTA, अध्यापक प्राथमिक सहायक अध्यापक (PAT,) पैरा अध्यापक (PAR), उर्दू और पंजाबी पीरियड बेसिस अध्यापक आदि शामिल हैं. उन्होंने कहा कि उपरोक्त सभी श्रेणियों के अध्यापकों को सरकार ने स्थाई नीति के अन्तर्गत लाया गया, लेकिन 2555 SMC अध्यापक भी आपकी सरकार से नियमित होने की आस लगाए बैठे हैं. SMC अध्यापकों की पॉलिसी को सर्वोच्च न्यायालय ने भी सही ठहराया है.
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SMC अध्यापक संघ के सालाहकार कुलदीप ठाकुर का कहना है सरकार की दृढ़ इच्छा शक्ति दिखाकर 2555 SMC अध्यापकों को नियमित करके राहत प्रदान करें. इसलिए 2555 SMC अध्यापकों को भी जल्द से जल्द PTA, PAT, PARA अध्यापकों की तर्ज पर नियमित करके भविष्य सुरक्षित करने का कार्य करें. हिमाचल में एसएमसी अध्यापक संगठन (SMC Teacher Organization in Himachal) 2012 से आज तक सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहा है. उन्होंने कहा कि हमारी एक मात्र मांग नियमितीकरण की है, इस मांग को जल्द पूरा किया जाए. उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगें जल्द नहीं मानी गई तो SMC शिक्षकों को सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरना पड़ेगा.
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