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सेब का काम करने के लिए यूपी के मजदूरों ने जताई इच्छा, जिला प्रशासन ने जारी किए नंबर

यूपी के बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, महराजगंज के छह हजार मजूदरों ने सेब सीजन में काम करने की इच्छा जताई है. जिससे जिला प्रशासन द्वारा मजदूरों के नंबर भी एसडीएम के माध्यम से बागवानों के साथ साझा किए गए हैं.

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शिमला
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Published : Jul 23, 2020, 12:31 PM IST

शिमला: नेपाल से सट्टे यूपी के क्षेत्रों से छह हजार मजूदरों ने सेब सीजन में काम करने की इच्छा जताई है. ऐसे में जिला प्रशासन ने सभी मजदूरों के मोबाइल नंबर सावर्जनिक किए हैं, ताकि बागवान उनसे संपर्क कर सकें.

बता दें कि सेब सीजन में मजदूरों की कमी को दूर करने के लिए जिला उपायुक्त अमित कश्यप द्वारा यूपी के बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, महराजगंज के डीएम से मजदूरों को लेकर बात की गई थी. जिससे इन क्षेत्रों के काफी लोगों ने काम करने की इच्छा जताई है.

वीडियो.

जिला प्रशासन द्वारा अपने डाटा बैंक में सभी मजदूरों के नंबर भी एसडीएम के माध्यम से बागवानों के साथ साझा किए गए हैं. वहीं, अगर बागवान इन मजदूरों को लाना चाहता है तो जिला प्रशासन द्वारा बसों की व्यवस्था की जाएगी.

उपायुक्त अमित कश्यप ने बताया कि कोरोना के चलते इस इस बार जिला में मजदूरों की कमी से बागवानों को जूझना पड़ रहा है. अधिकतर नेपाली मूल के लोग ही सेब का काम करते हैं, लेकिन कोरोना के चलते इस बार मजदूरों का अभाव है. उन्होंने कहा कि यूपी के तीन जिलों से काफी लोग सेब सीजन में आने के लिए तैयार हैं. जिससे उनके नंबर भी बागवानों के साथ सांझा किए गए हैं.

बता दें कि जिला में सेब सीजन शुरू हो गया है, लेकिन बागवानों को मजदूर नहीं मिल रहे हैं. जिला में सेब सीजन के दौरान 80 हजार से ज्यादा मजदूर हर साल चाहिए होते थे, लेकिन इस बार 40 हजार मजदूर ही उपलब्ध हैं. ऐसे में सेब सीजन के शुरूआत में ही बागवानों को मजदूरों की कमी से दो चार होना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: CM जयराम और उनके परिवार के सदस्यों की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव, आज आएगी 63 लोगों की रिपोर्ट

शिमला: नेपाल से सट्टे यूपी के क्षेत्रों से छह हजार मजूदरों ने सेब सीजन में काम करने की इच्छा जताई है. ऐसे में जिला प्रशासन ने सभी मजदूरों के मोबाइल नंबर सावर्जनिक किए हैं, ताकि बागवान उनसे संपर्क कर सकें.

बता दें कि सेब सीजन में मजदूरों की कमी को दूर करने के लिए जिला उपायुक्त अमित कश्यप द्वारा यूपी के बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, महराजगंज के डीएम से मजदूरों को लेकर बात की गई थी. जिससे इन क्षेत्रों के काफी लोगों ने काम करने की इच्छा जताई है.

वीडियो.

जिला प्रशासन द्वारा अपने डाटा बैंक में सभी मजदूरों के नंबर भी एसडीएम के माध्यम से बागवानों के साथ साझा किए गए हैं. वहीं, अगर बागवान इन मजदूरों को लाना चाहता है तो जिला प्रशासन द्वारा बसों की व्यवस्था की जाएगी.

उपायुक्त अमित कश्यप ने बताया कि कोरोना के चलते इस इस बार जिला में मजदूरों की कमी से बागवानों को जूझना पड़ रहा है. अधिकतर नेपाली मूल के लोग ही सेब का काम करते हैं, लेकिन कोरोना के चलते इस बार मजदूरों का अभाव है. उन्होंने कहा कि यूपी के तीन जिलों से काफी लोग सेब सीजन में आने के लिए तैयार हैं. जिससे उनके नंबर भी बागवानों के साथ सांझा किए गए हैं.

बता दें कि जिला में सेब सीजन शुरू हो गया है, लेकिन बागवानों को मजदूर नहीं मिल रहे हैं. जिला में सेब सीजन के दौरान 80 हजार से ज्यादा मजदूर हर साल चाहिए होते थे, लेकिन इस बार 40 हजार मजदूर ही उपलब्ध हैं. ऐसे में सेब सीजन के शुरूआत में ही बागवानों को मजदूरों की कमी से दो चार होना पड़ रहा है.

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