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Uttarkashi Avalanche: नालागढ़ के शिवम का मिला शव, फूट-फूटकर रोए परिजन

उत्तरकाशी एवलॉन्च(Uttarkashi Avalanche) में अब तक 26 पर्वतारोहियों के शव बरामद हो चुके हैं. 4 शव परिजनों को सौंपे (4 bodies Uttarkashi avalanche handed over ) गए हैं. इन चार में हिमाचल प्रदेश के नारकंडा गांव के सेब बागवान संतोष कैंथला का एकमात्र बेटा शिवम (Shivam Kanthola of Narkanda village of Himachal) भी था. जिसका शव देख परिजन फूट-फूटकर रोने लगे. आज उत्तरकाशी लाये गये शवों का पीएम किया गया. जिसमें सभी पर्वतरोहियों की मौत दम घुटने से होने की पुष्टि हुई है.

Uttarkashi Avalanche
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Published : Oct 8, 2022, 6:59 AM IST

उत्तरकाशी: द्रौपदी डांडा टू में एवलॉन्च हादसे में मारे गये 4 लोगों के शवों को शुक्रवार को उत्तरकाशी लाया गया. जहां सभी शवों का पंचनामा भरकर पीएम किया गया. शवों की पीएम रिपोर्ट में सभी पर्वतरोहियों की मौत दम घुटने से होने की पुष्टि हुई है. इस हादसे में इकलौते बेटे शिवम कैंथला की मौत से उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. शिवम के पिता संतोष कैंथला हादसे की खबर मिलते परिजनों के साथ उत्तरकाशी पहुंचे थे. वह बेटे को गांव ले जाने आए थे, लेकिन उन्हें अब उसका शव लेकर गांव नारकंडा लौटना पड़ रहा है. (Shivam's body found)

हिमाचल प्रदेश के नारकंडा गांव के सेब बागवान संतोष कैंथला का एकमात्र बेटा शिवम था. शिवम कैंथौला हिमस्खलन की चपेट में आने वाले निम के एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स में शामिल था. बीते मंगलवार को हादसे के बाद जब परिवार को शिवम के लापता होने की सूचना मिली तो वह अगले ही दिन सुबह उत्तरकाशी पहुंच गए. परिजनों को चमत्कार की उम्मीद थी कि उनका बेटा सकुशल लौट आएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

इकलौते बेटे के शव को देखकर फूट-फूटकर रोए परिजन

शुक्रवार को हर्षिल से उत्तरकाशी लाए गए चार में से दो शवों की शिनाख्त हो चुकी थी. जब शेष दो शवों की शिनाख्त हुई तो एक शव शिवम कैंथला का निकला. जिसके बाद इकलौते बेटे की मौत से पिता संतोष कैंथला फूट-फूटकर रोने लगे. कैंथला परिवार के रिश्तेदार उत्तरकाशी में व्यवसाय करने वाले अशोक थापा ने बताया शिवम परिवार का इकलौता बेटा था. शिवम को बचपन से ही साहसिक पर्यटन का शौक था.

उत्तरकाशी एवलॉन्च में क्या हुआ: गौर हो कि उच्च हिमालयी क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए निकला नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (Nehru Institute Of Mountaineering) का 42 पर्वतारोहियों का दल मंगलवार सुबह द्रौपदी का डांडा 2 पर्वत चोटी के पास हिमस्खलन (Avalanche) की चपेट में आ गया था. 42 सदस्यीय एडवांस दल में से 13 लोगों का रेस्क्यू हो गया था और कुल 29 लोग फंसे रह गए थे. वायुसेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के अलावा जम्मू कश्मीर हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग की टीम भी रेस्क्यू कार्य में जुटी है. हादसे में उत्तरकाशी के लौंथरू गांव की एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल (Mountaineer Savita Kanswal) और भुक्की गांव की नौमी रावत की भी मौत हुई है. द्रौपदी का डांडा पर्वत चोटी उत्तरकाशी के भटवाड़ी ब्लॉक में भुक्की गांव के ऊपर स्थित है.

उत्तरकाशी: द्रौपदी डांडा टू में एवलॉन्च हादसे में मारे गये 4 लोगों के शवों को शुक्रवार को उत्तरकाशी लाया गया. जहां सभी शवों का पंचनामा भरकर पीएम किया गया. शवों की पीएम रिपोर्ट में सभी पर्वतरोहियों की मौत दम घुटने से होने की पुष्टि हुई है. इस हादसे में इकलौते बेटे शिवम कैंथला की मौत से उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. शिवम के पिता संतोष कैंथला हादसे की खबर मिलते परिजनों के साथ उत्तरकाशी पहुंचे थे. वह बेटे को गांव ले जाने आए थे, लेकिन उन्हें अब उसका शव लेकर गांव नारकंडा लौटना पड़ रहा है. (Shivam's body found)

हिमाचल प्रदेश के नारकंडा गांव के सेब बागवान संतोष कैंथला का एकमात्र बेटा शिवम था. शिवम कैंथौला हिमस्खलन की चपेट में आने वाले निम के एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स में शामिल था. बीते मंगलवार को हादसे के बाद जब परिवार को शिवम के लापता होने की सूचना मिली तो वह अगले ही दिन सुबह उत्तरकाशी पहुंच गए. परिजनों को चमत्कार की उम्मीद थी कि उनका बेटा सकुशल लौट आएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

इकलौते बेटे के शव को देखकर फूट-फूटकर रोए परिजन

शुक्रवार को हर्षिल से उत्तरकाशी लाए गए चार में से दो शवों की शिनाख्त हो चुकी थी. जब शेष दो शवों की शिनाख्त हुई तो एक शव शिवम कैंथला का निकला. जिसके बाद इकलौते बेटे की मौत से पिता संतोष कैंथला फूट-फूटकर रोने लगे. कैंथला परिवार के रिश्तेदार उत्तरकाशी में व्यवसाय करने वाले अशोक थापा ने बताया शिवम परिवार का इकलौता बेटा था. शिवम को बचपन से ही साहसिक पर्यटन का शौक था.

उत्तरकाशी एवलॉन्च में क्या हुआ: गौर हो कि उच्च हिमालयी क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए निकला नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (Nehru Institute Of Mountaineering) का 42 पर्वतारोहियों का दल मंगलवार सुबह द्रौपदी का डांडा 2 पर्वत चोटी के पास हिमस्खलन (Avalanche) की चपेट में आ गया था. 42 सदस्यीय एडवांस दल में से 13 लोगों का रेस्क्यू हो गया था और कुल 29 लोग फंसे रह गए थे. वायुसेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के अलावा जम्मू कश्मीर हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग की टीम भी रेस्क्यू कार्य में जुटी है. हादसे में उत्तरकाशी के लौंथरू गांव की एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल (Mountaineer Savita Kanswal) और भुक्की गांव की नौमी रावत की भी मौत हुई है. द्रौपदी का डांडा पर्वत चोटी उत्तरकाशी के भटवाड़ी ब्लॉक में भुक्की गांव के ऊपर स्थित है.

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