शिमला: ऐतिहासिक रिज मैदान पर पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए घुड़सवारी करवाने वाले घोड़ा मालिकों को इन दिनों परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश में लगाए गए लॉकडाउन के दौरान इनके कारोबार पर काफी असर पड़ा था. लॉकडाउन हटने के बाद घुड़सवारों को कुछ उम्मीदें बंधी थी, लेकिन प्रदेश में बढ़ते कोरोना के रफ्तार ने इनके अरमानों पर पानी फेर दिया है.
पहाड़ों की रानी में कम पहुंचे पर्यटक
प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते सरकार ने फिलहाल पांच जिलों में नाइट कर्फ्यू लगा दिया है. ऐसे में बाहर से आने वाले पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. जिसके चलते पर्यटकों का पहाड़ों की रानी शिमला आने कम हो गया है.
घुड़सवारों पर कोरोना के चलते रोजी-रोटी का संकट
शिमला में रिज मैदान की सैर कराने वाले घुड़सवारों पर कोरोना के चलते रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. घुड़सवारों का कहना है कि कोरोना महामारी के कारण उनकी आय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. एक घुड़सवार का कहना है कि हम बर्फबारी के दौरान अच्छे व्यवसाय की उम्मीद कर रहे थे लेकिन कोरोना ने लूट का खेल खेला है. हमारी सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया है.
घुड़सवारों का हो रहा नुकसान
घुड़सवार का कहना है कि उनकी दिन की कमाई केवल तीन-चार सौ रुपये होती है, जबकि एक-एक घोड़े पर पांच सौ रुपये खर्च होते हैं. ऐसे में उन्हें बहुत नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि वह पहले उम्मीद कर रहे थे लॉकडाउन हटने के बाद उनकी कमाई होगी लेकिन बर्फबारी के बाद भी कम पर्यटक आने से उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है.
पर्यटक कर रहे रिज मैदान पर घुड़सवारी
वहीं, कुछ पर्यटक बर्फबारी के बाद शिमला पहुंचे हैं. पर्यटक ऐतिहासिक रिज मैदान पर घुड़सवारी भी करते नजर आ रहे हैं. पर्यटकों का कहना है काफी समय बाद घर से बाहर घूमने आए हैं तो ऐसे में हमें अच्छा लग रहा है.
पर्यटन कारोबारियों पर कोरोना की मार
प्रदेश में लॉकडाउन हटने के बाद पर्यटन व्यवसायों को अच्छे कारोबार की उम्मीद थी लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण प्रदेश में कम पर्यटक आ रहे हैं. कम पर्यटक आने से पर्यटन कारोबारी अभी भी लॉकडाउन के नुकसान से उभर नहीं पा रहे हैं.
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