शिमला: एसएफआई ने सरकार द्वारा शिक्षा में 18 फीसदी जीएसटी लगाने के फैसले को लेकर छात्रों की छात्रवृत्ति बहाल कराने के लिए जिला उपायुक्त कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही डीसी के जरिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ज्ञापन भी सौंपा.
बता दें कि एसएफआई ने सरकार द्वारा नए सत्र में महाविद्यालयों द्वारा विश्वविद्यालय को दी जाने वाली एफिलेशन, इंस्पेक्शन व कॉन्टीन्यूएशन फीस पर 18 फीसदी जीएसटी लगाने के निर्णय का विरोध किया है.
एसएफआई के राज्य सचिव अमित ठाकुर ने बताया कि शिक्षा मानव विकास व राष्ट्र निर्माण की महत्वपूर्ण कड़ी है, इसलिए इसे भारतीय संविधान के द्वारा मौलिक अधिकार के रूप में अपनाया गया है. उन्होंने कहा कि पहले शिक्षा राज्य की महत्वपूर्ण व अनिवार्य जिम्मेदारी हुआ करती थी, जिससे इस पर किसी भी प्रकार का कर नहीं होता था.
अमित ठाकुर ने बताया कि कोरोना जैसे संकट काल में छात्रों की छात्रवृत्ति बहाल की जाए, ताकि छात्र इस विपरीत समय मे अपने परिवार के लिए आर्थिक रूप से सहयोग कर सकें. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय व राज्य स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं सहित शैक्षिणिक सत्र शुरू होने से पहले सभी शिक्षण संस्थानों में छात्रों व कर्मचारियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं, जिसके लिए सेनिटाइजर टनल का निर्माण करना जरूरी है.
अमित ठाकुर ने बताया कि सरकार द्वारा छात्रों की तीन महीने की फीस माफ सहित होस्टल का किराया दिया जाए. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा फीस वृद्धि का फैसला वापस लिया जाए और छात्रों को विशेष भत्ता दिया जाए. साथ ही छात्रों को मुफ्त मास्क व सेनिटाइजर बांटे जाए.
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